विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका व ऑनलाइन न्यूज़ समर्पित है देश के उन जांबाज़,ईमानदार,कर्तव्यनिष्ठ सभी राजनैतिक पार्टियों के माननीय विधायकों के लिए जिन्होंने देश सेवा में हमेशा अपनी निधि से हमेशा नई-नई तकनीक द्वारा अपनी अपनी विधानसभाओ में सहयोग दिया ये देश सदा ऐसे विकास पुरुष माननीयों का ऋणी रहेगा दोस्तों अच्छे और बुरे लोग हर जगह होते है लेकिन राजनीति में हमेशा कुछ विधायकों की पार्टियों द्वारा हमेशा अनदेखी ही की है
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कांग्रेस ने राहुल गांधी को मिली जान से मारने की धमकी पर जताई गहरी चिंता, सहारनपुर जिला उपाध्यक्ष डॉ. शाज़िया नाज़ ने सख्त कार्रवाई की मांग की
लखनऊ में भाजपा नेता का अनोखा पोस्टर — “I Love UP Police” से मचा सियासी संग्राम
पोस्टर से बढ़ी हलचल
जैसे ही पोस्टर शहर में लगा, राहगीरों और स्थानीय लोगों के बीच चर्चा शुरू हो गई। कोई इसे पुलिस की कार्यशैली की खुलकर तारीफ मान रहा है, तो कोई इसे राजनीति का नया पैंतरा बता रहा है।
रंजीत सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल के वर्षों में अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सराहनीय काम किया है। उनका मानना है कि जनता को पुलिस की मेहनत और त्याग का सम्मान करना चाहिए।
राजनीति में गहराई चर्चा
इस कदम ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है।
- समर्थक इसे पुलिस-जनता के रिश्ते को मजबूत करने का प्रयास बता रहे हैं।
- विपक्ष का आरोप है कि यह महज चुनावी स्टंट है, जो जनता को भ्रमित करने के लिए रचा गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्टर
“आई लव यूपी पुलिस” पोस्टर की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे हैं। फेसबुक, ट्विटर (एक्स) और व्हाट्सऐप ग्रुप्स में लोग जमकर कमेंट कर रहे हैं। कोई इसे सराहनीय पहल कह रहा है तो कोई व्यंग्य कसते हुए लिख रहा है कि “अब राजनीति में भी मोहब्बत के पोस्टर का दौर आ गया है।”
जनता के बीच सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने जनता के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं—
- क्या यह वास्तव में पुलिस की सराहना का जश्न है?
- या फिर चुनावी माहौल में नया दांव?
फिलहाल, इतना तय है कि लखनऊ की राजनीति में यह पोस्टर आने वाले दिनों तक चर्चा का विषय बना रहेगा।
✍️ संपूर्ण राजनैतिक समाचार पत्रिका “विधायक दर्पण” के लिए पत्रकार ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट
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सहारनपुर में वोट चोरी के खिलाफ बिगुल, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिखाई शक्ति
सहारनपुर, उत्तर प्रदेश: कांग्रेस पार्टी ने सहारनपुर में अपने संगठन को मजबूत करने और जनता के बीच प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराने के लिए एक भव्य संगठन सृजन बैठक का आयोजन किया। यह बैठक सांसद इमरान मसूद के आवास पर संपन्न हुई, जिसमें जिलेभर से वरिष्ठ पदाधिकारी, कार्यकर्ता, ब्लॉक अध्यक्ष और सचिव बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
इमरान मसूद का स्पष्ट संदेश
बैठक को संबोधित करते हुए सांसद इमरान मसूद ने कहा कि अब सहारनपुर की कमान उन्होंने स्वयं संभाल ली है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को चेताया कि आने वाले चुनावों में किसी भी प्रकार की वोट चोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।“जनता का प्रत्येक वोट कांग्रेस की ताकत है और इसकी सुरक्षा हर कार्यकर्ता का पहला कर्तव्य है।” – इमरान मसूद
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस संगठन केवल बैठकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हर गाँव और मोहल्ले तक पार्टी की नीतियों और योजनाओं को पहुँचाने के लिए सक्रिय अभियान चलाएगा।
डॉ. शाज़िया नाज़ का आह्वान
कांग्रेस की जिला उपाध्यक्ष डॉ. शाज़िया नाज़ ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस की असली ताकत इसके कार्यकर्ताओं की मेहनत और जुझारूपन में है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे घर-घर जाकर जनता से संवाद करें और कांग्रेस की नीतियों को साझा करें।“आज आवश्यकता है कि हर कार्यकर्ता अपने कार्यक्षेत्र में कांग्रेस की साख और विश्वास को मजबूत करे।” – डॉ. शाज़िया नाज़
बैठक की मुख्य 5 बातें
- वोट चोरी रोकने का संकल्प – हर कार्यकर्ता जनता के वोट की सुरक्षा करेगा।
- संगठन विस्तार – कांग्रेस की नीतियाँ हर गाँव और मोहल्ले तक पहुँचाई जाएँगी।
- घर-घर संवाद – कार्यकर्ताओं को जनता से सीधे संवाद करने पर बल दिया गया।
- युवाओं की भागीदारी – हर रैली और अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का वचन।
- लोकतंत्र की रक्षा – सहारनपुर में पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने की तैयारी।
राजनीतिक माहौल पर असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बैठक ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा दी है। इमरान मसूद और डॉ. शाज़िया नाज़ के नेतृत्व में सहारनपुर कांग्रेस अब और सशक्त होकर मैदान में उतरेगी तथा किसी भी तरह की वोटिंग अनियमितता को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएगी। बैठक के अंत में कार्यकर्ताओं ने अपने उत्साह और जोश के साथ यह संदेश दिया कि कांग्रेस पार्टी जनता के हर मुद्दे पर खड़ी है और सहारनपुर में लोकतंत्र एवं पारदर्शिता की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगी।रिपोर्ट: गुलवेज आलम, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
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पिरान कलियर विधायक के पुत्र के खिलाफ मारपीट का मुकदमा, राजनीति में उठे सवाल
रुड़की, उत्तराखंड: पिरान कलियर विधायक फुरकान अहमद के पुत्र सलमान के खिलाफ मारपीट और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज होने से स्थानीय राजनीति में हलचल मच गई है। मामले में पीड़ित ठेकेदार आरिफ का आरोप है कि सलमान और उनके साथी उन्हें कथित तौर पर धमकाकर अपने आवास पर ले गए और मारपीट की।
घटना का विवरण
25 सितंबर को आरिफ अपनी कार रामपुर चुंगी के पास ठीक करवा रहे थे। तभी पिरान कलियर विधायक का पुत्र सलमान वहां पहुंचे और गाली-गलौज करते हुए आरिफ को अपने आवास पर ले गए। पीड़ित ने बताया कि वहां सलमान और उनके साथियों ने उनके साथ मारपीट की, जिससे उन्हें चोटें भी आईं।
पुलिस कार्रवाई
गंगनहर कोतवाली पुलिस ने तहरीर के आधार पर सलमान और अन्य लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आरोपी के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
यह मामला स्थानीय राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। जनता और प्रशासन दोनों ही इस घटना पर नजर बनाए हुए हैं। आने वाले दिनों में इस मामले की कानूनी कार्रवाई और राजनीतिक प्रतिक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
रिपोर्ट: तसलीम अहमद, रुड़की, उत्तराखंड
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अगर आप चाहें तो मैं इसे थोड़ा और रचनात्मक ब्लॉग स्टाइल में, जैसे कि पाठक घटना की पूरी कहानी महसूस कर सकें, और एक छोटा “विशेष टिप्पणी” सेक्शन भी जोड़ दूँ।
क्या मैं ऐसा कर दूँ?
“आई लव मुहम्मद कहना कोई अपराध नहीं” – ईलम सिंह गुर्जर का बड़ा बयान
मुज़फ्फरनगर का सियासी माहौल इन दिनों काफी गर्म है। “आई लव मुहम्मद” पोस्टर पर छिड़े विवाद ने राजनीति को नई दिशा दे दी है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव ईलम सिंह गुर्जर ने इस मामले पर खुलकर अपनी राय रखते हुए भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
ईलम सिंह गुर्जर का कहना है कि यदि मुहम्मद साहब की जीवनी को पढ़ा जाए तो यह साफ हो जाता है कि उन्होंने मानव हित, भाईचारा, और महिलाओं के सम्मान के लिए कितना बड़ा योगदान दिया। उन्होंने इंसानियत और समानता का संदेश दिया, और आज भी पूरी दुनिया उन्हें आदर्श और सम्मान की दृष्टि से देखती है।
उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “ऐसे महान व्यक्तित्व के नाम पर भी राजनीति की जा रही है, और लोगों पर लाठीचार्ज करवाना भाजपा की आदत बन चुकी है।” गुर्जर समाज के लोगों पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और करीब दो दर्जन लोगों को जेल भेजा गया था।
गुर्जर ने कहा कि यदि कानपुर में “आई लव मुहम्मद” पोस्टर लगाने पर लोगों को जेल न भेजा जाता, तो मुसलमानों को सड़कों पर उतरने की जरूरत ही न पड़ती। धरना-प्रदर्शन और विरोध करना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन भाजपा सरकार लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने में लगी है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा – “मैं आई लव महादेव कहूँ या आई लव मुहम्मद, इससे किसी को क्या आपत्ति हो सकती है?” भाजपा के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए अब वह इस तरह के विवादित मुद्दों को हवा दे रही है।
गुर्जर ने आगे कहा कि भाजपा को विकास, शिक्षा और चिकित्सा जैसे बुनियादी मुद्दों से कोई मतलब नहीं है, लेकिन जनता अब समझ चुकी है। आने वाले समय में वोट धर्म के नाम पर नहीं, बल्कि विकास के नाम पर ही डलेंगे।
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दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता इमरान मलिक ने उठाई आवाज, ‘I Love Mohd’ प्रकरण को बताया असंवैधानिक, सांसद इमरान प्रतापगढ़ी से की मुलाकात
“हर घर स्वदेशी – BJP का आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान शुरू”
भारतीय जनता पार्टी ने सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए “आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान” की शुरुआत की है। यह अभियान 25 सितंबर से 25 दिसंबर तक चलेगा, जिसका उद्देश्य है – देश के हर नागरिक को स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और स्वदेशी जीवन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करना।
लखनऊ महानगर कार्यशाला का आयोजन हलवासिया कोर्ट, हजरतगंज में किया गया। इसमें महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी की अध्यक्षता में प्रदेश उपाध्यक्ष त्र्यंबक त्रिपाठी और राज्यसभा सांसद बृजलाल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
🌿 स्वदेशी से आत्मनिर्भरता की ओर
मुख्य वक्ता त्र्यंबक त्रिपाठी ने कहा –
“आत्मनिर्भर भारत केवल एक नारा नहीं, बल्कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का संकल्प है। स्वदेशी उत्पादों का उपयोग ही हमें आत्मनिर्भर बनाएगा और देश को वैश्विक स्तर पर मजबूती प्रदान करेगा।”
उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस देश में दीपावली पर एक भी दीपक नहीं जलता, वहीं से हम दीयों की झालर और मूर्तियां खरीदते थे। अब समय है कि हम अपने कारीगरों के बनाए उत्पादों का उपयोग करें।
आज भारत आर्थिक व्यवस्था में विश्व के चौथे स्थान पर खड़ा है। पहले जब हमारी तुलना पाकिस्तान से होती थी, अब विश्व हमें अमेरिका और चीन की बराबरी में देख रहा है।
📅 अभियान की रूपरेखा
- 28 से 30 सितंबर – प्रदेश स्तरीय प्रेस वार्ता व मंडल कार्यशालाएँ
- 7/8 अक्टूबर – जिला स्तर पर प्रेस वार्ता
- 16 से 30 अक्टूबर – युवा एवं महिला सम्मेलन, सरकारी योजनाओं से सीधा लाभ जोड़ना
- 1 से 15 नवंबर – प्रोफेशनल सम्मेलन (व्यापारी, शिक्षक, लघु उद्योग, विधि व चिकित्सा प्रकोष्ठ)
- 16 से 30 नवंबर – स्वदेशी मेला, मंडल स्तरीय सम्मेलन, आत्मनिर्भर भारत रथ व पदयात्रा
- 1 से 15 दिसंबर – स्ट्रीट वेंडर, छोटे दुकानदार व स्थानीय कारीगर सम्मेलन
युवा मोर्चा कॉलेजों में स्वदेशी बनाम विदेशी पर सेमिनार व संगोष्ठियों का आयोजन करेगा। प्रत्येक कॉलेज से आत्मनिर्भर भारत एंबेसडर चुना जाएगा।
🪔 एक जिला – एक उत्पाद योजना
प्रधानमंत्री मोदी जी का विश्वास है कि जिन वस्तुओं में हमारे श्रमिकों का पसीना बहा है और जो हमारी मिट्टी में बनी हैं, उन उत्पादों के उपयोग से ही भारत आत्मनिर्भर बनेगा। इसी सोच के तहत एक जिला एक उत्पाद योजना से भारत अब हजारों करोड़ का स्वदेशी उत्पाद निर्यात कर रहा है।
🙌 बैठक में रही सक्रिय भागीदारी
बैठक में मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग, सुधीर हलवासिया, रमेश तूफानी, महामंत्री राम अवतार कनौजिया, उपाध्यक्ष राकेश सिंह, अभिषेक खरे, मानवेंद्र सिंह, चेतन सिंह बिष्ट और राकेश गुप्ता मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
📌 रिपोर्ट: ज़मीर आलम
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पीएम मोदी के जन्म दिवस सेवा पखवाड़े के तहत स्वास्थ्य कैंप का आयोजन
जीएसटी बचत उत्सव: शामली में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मनाया उत्सव, व्यापारियों और ग्राहकों से की मुलाकात
शामली/कांधला।
शहर के बाजारों में गुरुवार को कुछ अलग ही माहौल देखने को मिला। अवसर था जीएसटी बचत उत्सव का, जहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दरों में कटौती को लेकर व्यापारी और ग्राहक दोनों वर्गों को जागरूक किया।
कार्यक्रम में बीजेपी के एमएलसी वीरेंद्र सिंह और नगर अध्यक्ष डॉ. रश्मिकांत जैन ने दुकानदारों और ग्राहकों से सीधी मुलाकात की। उन्होंने बताया कि जीएसटी दरों में की गई कटौती से आम जनता को सस्ते दामों पर सामान मिलेगा और इसका लाभ छोटे-बड़े सभी व्यापारियों तक पहुंचेगा। एमएलसी वीरेंद्र सिंह ने अपील की कि लोग इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं और अधिक से अधिक खरीदारी कर स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं।
नगर अध्यक्ष डॉ. रश्मिकांत जैन ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी सरकार ने टैक्स कम किया है। पहले की सरकारें हमेशा टैक्स बढ़ाने का काम करती थीं, जबकि मौजूदा सरकार ने राहत देकर करोड़ों लोगों को सीधा लाभ पहुंचाने का काम किया है।इस उत्सव के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजीव शर्मा, जिला मंत्री सुधा तोमर, मंडल उपाध्यक्ष प्रतिभा उर्फ सिमरन, डॉ. रामकुमार शर्मा, डॉ. रणवीर वर्मा, मंडल महामंत्री दीपक गुप्ता, अशोक चौहान, संजय मित्तल, व्यापार मंडल अध्यक्ष ईश्वर दयाल कंसल, रोहित गुप्ता समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
जीएसटी उत्सव का मकसद न केवल जनता को जागरूक करना था, बल्कि यह संदेश देना भी कि टैक्स कटौती से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और राजस्व में भी वृद्धि होगी।
📸 विशेष रिपोर्ट:ब्यूरो-चीफ – शौकिन सिद्दीकी (शामली, उत्तर प्रदेश)
कैमरा मैंन – रामकुमार चौहान
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सांसद चंद्रशेखर पर यौन शोषण का आरोप: रोहिणी की कहानी — स्विट्ज़रलैंड में जहर खाने तक का पूरा, सस्पेंस से भरा घटनाक्रम
एक रात में राजनीति का सूरज भी डूब सकता है — और किसी की चुप्पी किसी तूफान की वजह बन सकती है। यह कहानी है एक ऐसे आरोप की जिसने उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारे को हिलाकर रख दिया, और जिसका नतीजा एक युवा महिला के स्विट्ज़रलैंड के अस्पताल के बेड तक पहुँचने का भयावह मोड़ सामने आया। नीचे पेश है रोहिणी के तेवरों, दावों और उस मोड़ तक के घटनाक्रम का पूरे सस्पेंस के साथ वर्णन — जहाँ से मामला शुरू हुआ और आज तक कहाँ पहुँचा है।
प्रकरण की शुरुआत: एक आवाज, एक आरोप, और सियासी सौदेबाज़ी का आह्वान
सब कुछ उस दिन शुरू हुआ जब रोहिणी ने सार्वजनिक मंच पर, निर्भीक स्वर में यह दावा किया कि उत्तर प्रदेश के प्रभावशाली सांसद चंद्रशेखर ने उनके साथ लंबे समय तक दुर्व्यवहार किया — शाब्दिक रूप से मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप। रोहिणी ने बताया कि शुरुआत में सांसद ने बड़े वादे किए थे: राजनीतिक संरक्षण, आर्थिक मदद और करियर के अवसर — पर ये वादे जल्द ही बहानों में बदल गए। जब रोहिणी ने इन मांगों के सामने खड़े होकर विरोध किया, तो उसके ऊपर दबाव और धमकियों का ताना-बाना बुना गया — यह उसका अपना बयान रहा है।
उस दिन से मामला केवल एक निजी शोषण की दास्ताँ नहीं रहा; यह सत्ता की भाषा बन गया और उसी भाषा ने मामले को सार्वजनिक करवाने वाली महिला की जिंदगी को थपेड़े दिए।
मीडिया की आग और सोशल मीडिया का तूफ़ान
रोहिणी के आरोपों के सार्वजनिक होते ही खबरों की नदियाँ बह निकलीं। टीवी चैनलों ने हर शाम इस कहानी को हैडलाइन बनाया। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर #JusticeForRohini ट्रेंड हुआ और लोग दो खेमों में बंट गए — एक तरफ उन लोगों का समुदाय जो रोहिणी के हक में खड़ा दिखाई दिया, और दूसरी तरफ वे जो कहते रहे कि यह राजनीतिक साजिश हो सकती है।
विपक्षी दलों ने इसे बड़ी रणनीतिक लड़ाई में बदला: उन्होंने तत्काल निष्पक्ष जांच और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठायी। समर्थक गुटों ने इसे राष्ट्रवादी कारस्तानी कहा और सांसद के बचाव में उतर आए।
सांसद चंद्रशेखर का कड़ा पलटवार
सांसद चंद्रशेखर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया। उनके आधिकारिक बयानों में साफ़ कहा गया: “यह सब मुझे बदनाम करने की साजिश है। रोहिणी के आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। मैं निर्दोष हूँ और किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हूँ।”
उनका कहना रहा कि वे अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन के लिए जिम्मेवार हैं और किसी भी तरह के आरोप के खिलाफ अदालत व जांच के प्रति खुला रुख अपनाएंगे। यह बयान राजनीति में बेलगाम बहस को और हवा दे गया।
रोहिणी का संघर्ष: समाज, डर और विदेश की राह
आरोप लगाने के बाद रोहिणी को न केवल मीडिया के प्रहार से जूझना पड़ा, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक दबाव का भी सामना करना पड़ा। मिली धमकियों, दबावों और “सत्य की लड़ाई” में अकेले पडऩे के कारण, उसने अंततः भारत छोड़कर विदेश जाने का फैसला किया — बताया जाता है कि वह कुछ समय से यूरोप में रह रही थी और वहीं से लगातार अपनी बात रख रही थी।
वहाँ पहुँचने के बाद भी उसका संघर्ष थमा नहीं। कथित तौर पर उसे लगातार धमकी और मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ा — जो किसी भी व्यक्ति के लिए असहनीय हो सकता है।
स्विट्ज़रलैंड की उल्टी सुबह: जहर और अस्पताल — एक नया मोड़
और फिर वह खबर आई जिसने पूरे प्रकरण को अंतरराष्ट्रीय आकार दे दिया — मीडिया रिपोर्टों और सूत्रों के मुताबिक़, स्विट्ज़रलैंड में रोहिणी ने कथित तौर पर जहर खा लिया और गंभीर हालत में स्थानीय अस्पताल में भर्ती करायी गई। डॉक्टरों की शुरुआती रिपोर्टों को उद्धृत करते हुए कहा गया कि उनकी स्थिति नाजुक है।
यह खबर आते ही राजनीतिक गलियारे, राजनयिक चैनल्स और जनता में हड़कंप मच गया। विदेश मंत्रालय और भारत के दूतावास ने प्रारम्भिक तौर पर इस मामले की जानकारी जुटाने की पुष्टि की — परन्तु विस्तृत विवरण सामने आने में समय लगा।
राजनीतिक और प्रशासनिक भूकंप
इस घटना के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज़ हो गयी: विपक्ष ने सांसद के इस्तीफे और तात्कालिक, निष्पक्ष जांच की मांग की; समर्थक दलों ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और सांसद के बचाव में उतर गए। साथ ही, न्यायिक और पुलिसिक जांच की बात उभरकर सामने आयी — क्या मामला आपराधिक में बदलेगा? क्या विदेश में हुई इस कार्रवाई के सबूत को मान्यता दी जाएगी? ये सवाल हवा में गूंजने लगे।
विदेश मंत्रालय और स्विट्ज़रलैंड के स्थानीय प्रशासन के बीच संपर्क को लेकर भी कयास लगाए गए — पर आधिकारिक तौर पर कहा गया कि हर पहलू की जांच की जा रही है और किसी भी विदेशी नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
कानूनी परिदृश्य: जांच, सबूत और पारदर्शिता की मांग
कानूनी तौर पर यह मामला संवेदनशील है। यदि आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो यह सिर्फ व्यक्तिगत अपराध नहीं रहेगा — यह लोकतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास की परीक्षा बन जाएगा। दूसरी तरफ़, किसी भी व्यक्ति को दोषी ठहराने से पहले कानूनी प्रक्रिया और साक्ष्यों का महत्व सर्वोपरि है।
अब तक की रिपोर्टों के आधार पर:
- जांच एजेंसियाँ मामले की तह तक जाने का दावा कर रही हैं।
- विदेश में हुई घटना की वजह और घटनाक्रम की पुष्टि हेतु स्विट्ज़रलैंड के अधिकारियोँ से जानकारी मांगी जा रही है।
- सांसद ने भी कहा है कि वे जांच में सहयोग करेंगे।
निष्कर्ष — सत्ता के समक्ष एक आवाज, और न्याय का इंतज़ार
यह मामला केवल व्यक्तिगत संबंधों या राजनीतिक आरोपों का झगड़ा नहीं है — यह एक गूंजती हुई दलील है कि क्या सत्ता के दबाव में किसी दु:खती आवाज को दबाया जा सकता है। रोहिणी की कथित जंग और चंद्रशेखर पर लगे आरोपों की जांच जहाँ एक ओर जांच एजेंसियों के पास है, वहीं दूसरी ओर समाज यह देख रहा है कि क्या न केवल सच निकलेगा बल्कि उसे न्याय भी मिलेगा।
नोट: यह रिपोर्ट उपलब्ध खातों, मीडिया रिपोर्टों और पक्षों के बयानों पर आधारित है। आरोप अभी जांच के अधीन हैं; किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले निष्पक्ष और कानूनी प्रक्रिया का पालन आवश्यक है।
विशेष रिपोर्ट: पत्रकार — ज़मीर आलम
संपादन: “विधायक दर्पण”
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आज़म की रिहाई पर जश्न, मगर पुराने जख्म अब भी ताज़ा: बोले सपा नेता एचटी हसन
मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद एचटी हसन आज़म ख़ान की रिहाई पर जश्न के माहौल में भी अपने पुराने जख्म नहीं भूल पा रहे हैं। जहाँ एक ओर कई शहरों में समर्थक आज़म की रिहाई का स्वागत कर रहे हैं, वहीं मुरादाबाद से उठ रही आवाज़ पार्टी के भीतर की दरारों की याद दिला रही है।
टिकट कटवाने का दर्द
डॉ. एचटी हसन ने बताया कि 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनका टिकट आज़म ख़ान ने कटवाया और अपनी करीबी रूचि वीरा को टिकट दिलवा दिया। नतीजा यह हुआ कि रूचि वीरा चुनाव जीतकर संसद पहुँचीं और उन्हें राजनीति छोड़कर अपनी पुरानी राह, मेडिकल प्रैक्टिस, दोबारा अपनानी पड़ी।
"आज़म की रिहाई पर जश्न है, मगर मेरे ज़ख्म ताज़ा हैं"
हसन का कहना है कि पार्टी में उनकी अनदेखी और आज़म द्वारा किए गए फैसले ने उन्हें गहरा चोट पहुँचाया। उन्होंने कहा:
"आज़म की रिहाई पर जश्न मनाया जा रहा है, लेकिन मेरे लिए यह दिन उन घावों को कुरेद देता है, जो उन्होंने ही दिए थे।"
सपा के भीतर का अंतर्द्वंद्व
यह बयान समाजवादी पार्टी के भीतर चल रहे अंतर्द्वंद्व को उजागर करता है। एक ओर आज़म की रिहाई पर कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है, वहीं दूसरी ओर पुराने नेता अपने राजनीतिक अपमान को याद कर रहे हैं।✍️ खास रिपोर्ट
पत्रकार: ज़मीर आलम
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डॉ. शाज़िया नाज़ ने दी ज़ीनत शबरीन को ऐतिहासिक जीत पर बधाई-मुंबई यूथ कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं ज़ीनत शबरीन
आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा, समर्थकों और सपा कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत
रिहाई के समय सपा कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या रामपुर से सीतापुर तक पहुंची। जानकारी के अनुसार, सपा कार्यकर्ताओं की 15 गाड़ियों के चालान काटे गए, क्योंकि वे नो पार्किंग एरिया में खड़ी थीं। पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई कानून के तहत की गई और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक थी।
जेल से बाहर आते ही आजम खान ने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार किया और उन्हें धन्यवाद दिया। रिहाई के इस मौके पर सपा नेताओं ने कहा कि आजम खान की रिहाई पार्टी और उनके समर्थकों के लिए बेहद अहम क्षण है।
पुलिस ने जेल के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। धारा-144 के तहत किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई थी। जेल परिसर और आसपास के इलाके में भारी पुलिस बल की मौजूदगी ने स्थिति को नियंत्रण में रखा।
समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने नारों के साथ स्वागत किया, जबकि पुलिस ने सुनिश्चित किया कि कोई सुरक्षा उल्लंघन न हो। प्रशासन का कहना है कि इस तरह के बड़े राजनीतिक कार्यक्रमों में सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है।
आजम खान की रिहाई राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है। विश्लेषक मानते हैं कि उनकी रिहाई आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति में नए मोड़ ला सकती है।
रिपोर्टिंग: ज़मीर आलम, सीतापुर
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प्रभारी मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बिजनौर में "सेवा पर्व" चित्र प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
बिजनौर, 18 सितम्बर 2025। जिले के माननीय प्रभारी मंत्री एवं राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग, उत्तर प्रदेश श्री कपिल देव अग्रवाल ने विकास भवन परिसर में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उ.प्र. के तत्वावधान में आयोजित “सेवा पर्व” विषयक 15 दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का फीता काटकर विधिवत शुभारंभ किया। यह प्रदर्शनी आगामी 2 अक्टूबर 2025 तक संचालित होगी।
स्वागत और उपस्थिति
उद्घाटन अवसर पर जिलाधिकारी ने मंत्रीजी व अन्य अतिथियों का बुके भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष साकेंद्र प्रताप सिंह, विधायक सदर श्रीमती सूचि चौधरी, भाजपा जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौहान, मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, अपर पुलिस अधीक्षक नगर संजीव वाजपेई, डिप्टी कलेक्टर/जिला सूचना अधिकारी हर्ष चावला, उपायुक्त एनआरएलएम वीरेंद्र यादव, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी सुश्री लक्ष्मी देवी एवं धर्मवीर सिंह सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।प्रदर्शनी का अवलोकन
मंत्री कपिल देव अग्रवाल एवं जनप्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का गहन अवलोकन किया। प्रदर्शनी में मोदी जी के जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक घटनाएं, संघर्ष और जनसेवा के कार्यों को विस्तार से दर्शाया गया है।मंत्रीजी का संदेश
माननीय मंत्री ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी आमजन विशेषकर युवा वर्ग और छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणादायी सिद्ध होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि –- इस प्रदर्शनी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
- 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को अनिवार्य रूप से भ्रमण कराया जाए ताकि वे प्रधानमंत्री जी के संघर्षों और कार्यों से प्रेरणा ले सकें।
- प्रदर्शनी स्थल पर जनकल्याणकारी योजनाओं के कैंप भी लगाए जाएं, जिससे आमजन को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
विकास योजनाओं की जानकारी
कार्यक्रम के अंत में मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी विभाग के स्टॉल का भी अवलोकन किया। यहां शासन द्वारा संचालित विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी और प्रचार सामग्री का वितरण किया गया, ताकि आमजन सरकार की उपलब्धियों और नीतियों से अवगत हो सकें।✍️ खास रिपोर्ट: ज़मीर आलम
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिवस पर शामली में प्रदर्शनी का भव्य आयोजन
शामली। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 75वें जन्मदिवस के अवसर पर आज दिनांक 18 सितंबर 2025, गुरुवार को भाजपा जिलाध्यक्ष श्री तेजेंद्र निर्वाल, विधान परिषद सदस्य श्री वीरेंद्र सिंह और पूर्व सांसद श्री प्रदीप चौधरी द्वारा शामली नगर के हनुमान धाम में उनकी जीवन यात्रा पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया।
मोदी जी का जीवन सेवा और समर्पण का प्रतीक
उद्घाटन अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष तेजेंद्र निर्वाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का पूरा जीवन “सेवा और समर्पण का पर्याय” है। उन्होंने भारत की संस्कृति और विचारधारा को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाने का कार्य किया है। विगत 11 वर्षों में उनकी नीतियों और उपलब्धियों ने भारत को नई पहचान और विश्व में सम्मान दिलाया है।'सेवा पखवाड़ा' का शुभारंभ
इस अवसर पर तेजेंद्र निर्वाल ने जानकारी दी कि मोदी जी के जीवन से प्रेरणा लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा आज से महात्मा गांधी जी की जयंती तक 'सेवा पखवाड़ा' मनाया जाएगा। इस दौरान सेवा, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आंदोलन और राष्ट्र उत्थान से जुड़े अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।कार्यकर्ताओं को मिली प्रेरणा
विधान परिषद सदस्य वीरेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी जी के सेवाभावी जीवन को समर्पित यह प्रदर्शनी सभी कार्यकर्ताओं को सेवा और समर्पण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।प्रदर्शनी में शामिल रहे गणमान्य लोग
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य श्री रमेश गौड़, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद संगल, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री हरबीर मालिक, संयोजक श्री विवेक प्रेमी, सह-संयोजक श्री ओमप्रकाश बावरिया, जिला महामंत्री श्री पुनीत द्विवेदी व श्री राजेंद्र सिंह, जिला उपाध्यक्ष श्री भूपेंद्र शर्मा, संगीत जिंदल, शशि अरोड़ा, अनुज राणा, जिला मंत्री निविश कुमार, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष रोहित विश्वकर्मा, अनुसूचित मोर्चा अध्यक्ष बादल गौतम सहित भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। यह प्रदर्शनी न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जीवन की झलक प्रस्तुत करती है, बल्कि उनके आदर्शों को आत्मसात कर समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए सभी को प्रेरित भी करती है।✍️ खास रिपोर्ट: शौकिन सिद्दीकी (ब्यूरो-चीफ, शामली)
🎥 कैमरा: रामकुमार चौहान
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देहरादून जिला पंचायत चुनाव कांग्रेस प्रत्याशियों की शानदार जीत पर डॉ. शाज़िया नाज़ ने दी बधाई
यूपी में स्टार्टअप क्रांति – मुख्यमंत्री योगी का विज़न
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश की राजधानी में आयोजित सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव-2025 ने राज्य में नवाचार और उद्यमिता की नई इबारत लिख दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर स्पष्ट संदेश दिया – “हम केवल नीतियां नहीं बना रहे, बल्कि हर युवा, वैज्ञानिक और उद्यमी के विचार को पंख दे रहे हैं। सरकार हर योग्य स्टार्टअप के साथ खड़ी है।”
कार्यक्रम के दौरान सीएसआईआर के प्रमुख संस्थानों – एनबीआरआई, सीडीआरआई, आईआईटीआर और सीमैप के साथ कई स्टार्टअप्स के बीच एमओयू और एमओए का आदान-प्रदान हुआ। हर्बल लिक्विड सिन्दूर, नैनो सीरम, माइक्रोबियल इनोकुलेण्ट और पिंक गोल्ड टी जैसे इनोवेटिव प्रोडक्ट्स लॉन्च कर वैज्ञानिकों और उद्यमियों ने अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया।यूपी बना "फियरलेस बिजनेस" हब
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साढ़े आठ सालों में उत्तर प्रदेश ने सुरक्षा और बिजनेस-फ्रेंडली माहौल स्थापित किया है। यही कारण है कि आज राज्य फियरलेस बिजनेस और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का केंद्र बन चुका है।“ट्रस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस” अब उत्तर प्रदेश की नई पहचान है, जो निवेशकों को प्रदेश की ओर आकर्षित कर रही है।
स्टार्टअप इकोसिस्टम में तेजी
भारत स्टार्टअप्स की संख्या में दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है, और इसमें उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका है।- प्रदेश में 17,000 से अधिक स्टार्टअप्स सक्रिय हैं।
- इनमें 08 यूनिकॉर्न और 72 इनक्यूबेटर्स के साथ 07 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए गए हैं।
- सरकार ने इनक्यूबेटर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 137 करोड़ रुपये की सहायता दी है।
मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि फार्मा और बायोटेक के क्षेत्र में स्टार्टअप्स को और तेजी से काम करना होगा, ताकि उत्तर प्रदेश इनका वैश्विक हब बन सके।
लैब से उद्योग तक – नया मॉडल
योगी ने कहा कि पहले रिसर्च लैब से बाहर नहीं निकल पाता था, लेकिन अब ‘लैब टू लैंड’ और ‘लैब टू इंडस्ट्री’ मॉडल से शोध सीधे किसानों और उद्योगों तक पहुंच रहा है।वैज्ञानिकों के शोध अब किसानों की आमदनी बढ़ा रहे हैं और आमजन के जीवन में व्यापक परिवर्तन ला रहे हैं।
एमएसएमई और ओडीओपी से जुड़ी उपलब्धियां
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की परंपरागत ताकत एमएसएमई और ओडीओपी का भी उल्लेख किया।- उत्तर प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई यूनिट्स सक्रिय हैं, जिनसे करीब 10 करोड़ लोगों की आजीविका जुड़ी है।
- प्रदेश के 77 उत्पादों को जीआई टैग मिला है, जिससे इनकी वैश्विक मांग बढ़ी है।
केंद्र सरकार का सहयोग और विज़न
कार्यक्रम में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि देश का पहला क्वांटम सेंटर नोएडा में स्थापित किया जाएगा। साथ ही यूपी में एक बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्रियल पार्क बनाने की योजना है।डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि आज 60% स्टार्टअप्स महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे हैं और छोटे कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों से भी स्टार्टअप्स तेजी से उभर रहे हैं।
निष्कर्ष
सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव-2025 ने यह साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश सिर्फ उपभोक्ता राज्य नहीं रहा, बल्कि नवाचार और उद्योग का नया केंद्र बन चुका है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विज़न है – हर शोध उत्पादन बने, हर उत्पादन उद्योग बने और हर उद्योग भारत की शक्ति बने।
✍ विशेष रिपोर्ट: ज़मीर आलम
विधायक दर्पण
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