यह वर्ल्ड साइंस की रिपोर्ट है कि एक व्यक्ति 24 घण्टों में 20 से 25 किमी ही चल सकता है।
तो 1200 किलोमीटर तक पहुँचने के लिये 60 दिन लगेंगे।
लाॅकडाउन 24 मार्च की रात से शुरू हुआ मतलब आज 20.05.2020 तक 56 दिन हुए हैं। *ये मान भी लिया जाये कि ये 24 मार्च की रात को ही पैदल चल पड़े थे तो अब तक 56 दिनों का राशन इनको कहाँ से मिला*?
*खाना बनाने के लिए इन्होने क्या साधन प्रयोग किया? और इन्होंने 56 दिनों में इतनी दूरी कैसे तय कर ली* ?
वास्तविकता तो ये है कि सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्ष, मीडिया और ट्रासपोर्टरो की मिलीभगत ने इसको धन्धा बना दिया है।
ये मजदूर अवैध तरीके से ट्रांसपोर्टरों व मीडिया के माध्यम से अपने गन्तव्य को जा रहे हैं।
नाटक सुनसान हाइवे पर होता है *जब इन मजदूरों को बस, ट्रक, टेम्पो, जीप आदि से उतारकर पैदल चलाया जाता है और कैमरों में शूट करने के बाद वापस फिर उसी साधन पर चढ़ा दिया जाता है*।
पकड़े जाने पर मीडिया का वही दलाल पुलिस को बताता है ये साधन मीडिया ने ही दया करके उपलब्ध कराये हैं।
*हद तो तब हो गयी जब मीडिया में बताया गया कि मजदूर 1500 किलोमीटर की यात्रा पूरी करके 15 दिन बाद अपने घर पहुँचे*।
*मतलब एक दिन में 100 किलोमीटर पैदल चले वो भी सामान के साथ।*
*नौटंकी में विज्ञान ही फेल कर दिया।*
तो 1200 किलोमीटर तक पहुँचने के लिये 60 दिन लगेंगे।
लाॅकडाउन 24 मार्च की रात से शुरू हुआ मतलब आज 20.05.2020 तक 56 दिन हुए हैं। *ये मान भी लिया जाये कि ये 24 मार्च की रात को ही पैदल चल पड़े थे तो अब तक 56 दिनों का राशन इनको कहाँ से मिला*?
*खाना बनाने के लिए इन्होने क्या साधन प्रयोग किया? और इन्होंने 56 दिनों में इतनी दूरी कैसे तय कर ली* ?
वास्तविकता तो ये है कि सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्ष, मीडिया और ट्रासपोर्टरो की मिलीभगत ने इसको धन्धा बना दिया है।
ये मजदूर अवैध तरीके से ट्रांसपोर्टरों व मीडिया के माध्यम से अपने गन्तव्य को जा रहे हैं।
नाटक सुनसान हाइवे पर होता है *जब इन मजदूरों को बस, ट्रक, टेम्पो, जीप आदि से उतारकर पैदल चलाया जाता है और कैमरों में शूट करने के बाद वापस फिर उसी साधन पर चढ़ा दिया जाता है*।
पकड़े जाने पर मीडिया का वही दलाल पुलिस को बताता है ये साधन मीडिया ने ही दया करके उपलब्ध कराये हैं।
*हद तो तब हो गयी जब मीडिया में बताया गया कि मजदूर 1500 किलोमीटर की यात्रा पूरी करके 15 दिन बाद अपने घर पहुँचे*।
*मतलब एक दिन में 100 किलोमीटर पैदल चले वो भी सामान के साथ।*
*नौटंकी में विज्ञान ही फेल कर दिया।*