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जिला सचिव रियाज़ खान के आवास पर AIMIM की बैठक सम्पन्न, कई नए कार्यकर्ताओं ने थामा पार्टी का दामन

शाकिर अली, विशेष संवाददाता | विधायक दर्पण


बिडौली (शामली) | 30 जून 2025

झिंझाना क्षेत्र के ग्राम टपराना में AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन पार्टी के जिला सचिव रियाज़ खान के आवास पर किया गया। इस अवसर पर कई नए कार्यकर्ताओं ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर संगठन को मजबूत करने का संकल्प लिया।


नवसदस्यों का फूल मालाओं से हुआ स्वागत

बैठक की अध्यक्षता कर रहे AIMIM जिला अध्यक्ष हाफिज मोहम्मद इनाम ने नवसदस्यों का स्वागत फूल मालाओं से किया और उन्हें पार्टी की विचारधारा से परिचित कराया।
उन्होंने कहा कि AIMIM एक सामाजिक न्याय पर आधारित राजनीतिक आंदोलन है, जो दलितों, पिछड़ों, गरीबों और मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है। पार्टी का उद्देश्य हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज़ को सदनों तक पहुँचाना है।


इन लोगों ने ली सदस्यता

इस बैठक में जिन युवाओं और नागरिकों ने AIMIM की सदस्यता ग्रहण की, उनमें प्रमुख नाम हैं:
साजिद, जावेद, सहजाद, अफसर, आसिफ, मोहम्मद सलीम, आयतुल्लाह खान, मोहम्मद जीशान, साहिद, नोशाद, शान मियाँ, मोहम्मद नईम, मोहम्मद मुजम्मिल आदि।

इन सभी ने पार्टी की विचारधारा पर आस्था जताई और सामाजिक एवं राजनीतिक रूप से सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।


पार्टी को मजबूत करने का लिया संकल्प

जिला सचिव रियाज खान ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा:
"आज AIMIM युवाओं और आम जनता के बीच एक सशक्त विकल्प के रूप में उभरी है। हमारा लक्ष्य है कि हम हर घर तक पहुँचें और जन-जन को जोड़ें।"

जिला अध्यक्ष हाफिज इनाम ने यह भी कहा कि आने वाले समय में घर-घर सदस्यता अभियान चलाया जाएगा, ताकि पार्टी की पहुंच और जनाधार और मजबूत हो।


आगामी चुनावों की भी हुई चर्चा

बैठक के दौरान आगामी चुनावों को लेकर भी रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। संगठन को ग्राम स्तर तक मजबूत करने पर विशेष बल दिया गया।


बैठक में मौजूद रहे कई पदाधिकारी

इस बैठक में मोहम्मद वाजिद (ग्राम महासचिव अजीजपुर), शारुख खान (ग्राम अध्यक्ष बिडौली सादात) सहित अन्य कार्यकर्ता और समर्थक भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


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🏛️ जनता की अदालत में पहुंचे विधायक राजपाल बालियान नवाबबाद आवास बना जनसमस्याओं का केन्द्र, राजनीतिक हलकों में हलचल



बुढ़ाना की सियासत में हलचल मचाने वाला दिन
गुरुवार का दिन बुढ़ाना की राजनीति के लिए खास रहा, जब राष्ट्रीय लोकदल के विधायक और विधानमंडल दल के नेता राजपाल बालियान ने अपने नवाबबाद स्थित आवास पर जनसुनवाई का आयोजन किया। यह न केवल जनसेवा की एक पहल थी, बल्कि राजनीतिक गलियारों में इसे आगामी चुनावों से पहले सियासी सक्रियता की आहट के रूप में भी देखा जा रहा है।


🧑‍🤝‍🧑 जनता का सैलाब, समस्याओं का अंबार

सुबह होते ही बुढ़ाना विधानसभा क्षेत्र के कोने-कोने से ग्रामीणों का हुजूम विधायक के आवास पर उमड़ पड़ा। लोगों ने बिजली-पानी, सड़क, पेंशन, राशन कार्ड, राजस्व विभाग की लापरवाही, पुलिस की निष्क्रियता जैसी गंभीर समस्याएं विधायक के सामने रखीं।

कई बुजुर्गों ने वर्षों से लंबित मामलों की पीड़ा सुनाई, तो महिलाओं और युवाओं ने योजनाओं से वंचित किए जाने की शिकायत की।


📞 तत्काल कार्रवाई का वादा

राजपाल बालियान ने जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मौके पर ही कई विभागीय अधिकारियों से फोन पर बात कर निर्देश जारी किए। कुछ मामलों में तो उन्होंने एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया।

उन्होंने प्रशासन को सख्त लहज़े में चेतावनी देते हुए कहा:

"अगर जनता की बात नहीं सुनी गई, तो विधायकी की ताकत का उपयोग करने से पीछे नहीं हटूंगा।"


🎯 राजनीतिक संदेश भी साफ

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह आयोजन केवल एक जनसुनवाई नहीं, बल्कि बुढ़ाना की राजनीति में फिर से पकड़ मजबूत करने की रणनीति भी है।
जनसभा सरीखा माहौल, बड़ी भागीदारी और आमजन की खुली भागीदारी ने यह साबित किया कि राष्ट्रीय लोकदल की पकड़ अब भी गहरी है।


🗣️ "जनता अब दर-दर नहीं भटकेगी..."

कार्यक्रम के अंत में विधायक ने स्पष्ट शब्दों में कहा:

"बुढ़ाना की जनता को अब दर-दर भटकने की जरूरत नहीं है। अगर कोई अधिकारी नहीं सुनता, तो वह सीधे मेरे पास आएं।"


📌 राजनीतिक गरमी का आगाज़?

बुढ़ाना के इस घटनाक्रम ने यह दिखा दिया कि आने वाले दिनों में यहां की सियासत में गर्मी और मुकाबले की लपटें तेज़ होंगी। जनता की भागीदारी और विधायक की सक्रियता ने यह संकेत दे दिया कि बुढ़ाना में एक बार फिर राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।


📸 कार्यक्रम में शामिल किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं की बड़ी उपस्थिति ने इस जनसुनवाई को एक यादगार आयोजन बना दिया।


📰 "विधायक दर्पण" में प्रकाशित
✍️ रिपोर्ट: गुलवेज़ आलम, कैराना | 



सभासदों को फंसाने की साजिश का आरोप, एएसपी से न्याय और सुरक्षा की गुहार

शामली, उत्तर प्रदेश। नगरपालिका प्रशासन की अंदरूनी राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। सभासदों ने गंभीर आरोप लगाते हुए नगरपालिका चेयरमैन अरविंद संगल पर उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। साथ ही एएसपी को पत्र देकर अपनी जान-माल की सुरक्षा और निष्पक्ष न्याय की गुहार लगाई है। 

 क्या है मामला?
 सभासदों के अनुसार, एक विवादित वीडियो को लेकर बीते कुछ समय से प्रकरण चल रहा है, जिसमें नगरपालिका चेयरमैन द्वारा यह दावा किया गया कि उक्त वीडियो में सभासदों की भूमिका संदिग्ध है। जबकि सभासदों ने स्पष्ट किया है कि उनका इस वीडियो से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने पहले भी 4 मई 2025 और 9 मई 2025 को पुलिस अधीक्षक शामली को लिखित रूप में अपना पक्ष रखकर स्पष्ट किया था कि यह वीडियो उनके संज्ञान में नहीं है और न ही उनका उससे कोई संबंध है। इस संदर्भ में उनके गोपनीय बयान भी पुलिस द्वारा दर्ज किए जा चुके हैं। 

 साजिश और खतरे की आशंका: सभासदों का आरोप है कि अब चेयरमैन द्वारा एक बार फिर पुराने मामले को आधार बनाकर उन्हें बदनाम करने तथा कानूनी शिकंजे में फंसाने की कोशिश की जा रही है। कुछ सभासदों ने यहां तक आशंका जताई है कि उन्हें जान से मारने तक की साजिश हो सकती है। इसलिए उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) को लिखित प्रार्थना पत्र देकर मामले की गंभीरता से जांच कराने और उन्हें इस राजनीतिक प्रतिशोध से बचाने की मांग की है। सभासदों की मांग: मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए पुराने आरोपों की फिर से पुनरावृत्ति न हो जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए अगर कोई साजिश रची जा रही है तो दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए प्रशासन की भूमिका पर सवाल: इस पूरे घटनाक्रम ने नगरपालिका प्रशासन की कार्यशैली और आंतरिक माहौल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनप्रतिनिधियों के बीच का यह टकराव अब पुलिस और प्रशासन की निगरानी में आ गया है, और अगर इसे समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया तो यह विवाद और अधिक गहराता जा सकता है। निष्कर्ष: लोकतांत्रिक प्रणाली में चुने हुए जनप्रतिनिधियों का एक-दूसरे पर इस प्रकार के गंभीर आरोप लगाना न केवल चिंताजनक है, बल्कि जनता के विश्वास को भी कमजोर करता है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस पूरे मामले में निष्पक्षता के साथ क्या रुख अपनाता है और क्या सभासदों को न्याय एवं सुरक्षा मिल पाती है। --- 
 📌 विधायक दर्पण— जन सरोकार से जुड़ी निष्पक्ष और निडर पत्रकारिता
 📸 कैमरामैन: रामकुमार चौहान 
🖋️ लेखक: शौकीन सिद्दीकी 
📍स्थान: शामली, उत्तर प्रदेश 
📅 तारीख: 25 जून 2025

 जनता की आवाज, आपके साथ — विधायक दर्पण 

कैराना पालिकाध्यक्ष की जातिवादी राजनीति पर सभासदों का फूटा गुस्सा!वार्ड की गली बनी गंदगी का दलदल, अध्यक्ष और सभासदों की आपसी लड़ाई में पिस रही जनता, वायरल वीडियो में खुली पोल!

कैराना। नगर पालिका परिषद कैराना में सत्ता की कुर्सी पर बैठे चेहरों ने अब विकास को नहीं, जात-पात और गुटबाज़ी को प्राथमिकता दे दी है। ताज़ा मामला वार्ड नंबर 10 की एक गली का है, जहां वर्षों से जलभराव, कीचड़ और गंदगी का ऐसा साम्राज्य कायम है कि स्थानीय लोग खुद को इंसान नहीं, बदनसीब जानवर समझने लगे हैं। लेकिन इस नारकीय स्थिति से भी ज़्यादा शर्मनाक है पालिका अध्यक्ष की सोच — जिसे लेकर खुद पालिका के निर्वाचित सभासद अब सड़कों पर उतर आए हैं।

वायरल हो चुके एक वीडियो में दो सभासदों ने जिस तरह पालिका अध्यक्ष की जातिवादी मानसिकता को उजागर किया है, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्म का विषय है। वीडियो में सभासद साफ कहते सुने जा सकते हैं —
“इस गली की हालत इसलिए नहीं सुधारी गई क्योंकि यहां अध्यक्ष की बिरादरी के लोग नहीं रहते! बाकी इलाकों में इंटरलॉकिंग, नाली, लाइट सब लगीं, लेकिन यहां हम जैसे वोटर सिर्फ गिनती में हैं, अहमियत में नहीं।”

एक और सभासद तो वीडियो में साफ-साफ कहते हैं —
“मैं जनता की समस्याएं लेकर कई बार पालिका गया, लेकिन मेरी बात सुनी ही नहीं गई। अधिकारी हों या अध्यक्ष, सबका रवैया तानाशाही वाला है। लगता है अब नगर पालिका नहीं, जाति विशेष की निजी दुकान चल रही है।”


-सभासद Vs अध्यक्ष: कैराना की गली से उठी बगावत

वार्ड नंबर 10 की गली में बीते कई महीनों से गंदा पानी जमा है, न कोई जल निकासी है, न कोई सफाई। मक्खियों और मच्छरों के झुंड ऐसे मंडरा रहे हैं जैसे नगर पालिका ने उन्हें परमानेंट ठेका दे दिया हो। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने हर मंच पर गुहार लगाई — लेकिन अध्यक्ष महोदय को जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता।

शहर में कुल 28 वार्ड हैं, जिनमें से कई सभासद अब पालिका अध्यक्ष के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर चुके हैं। आरोप है कि अध्यक्ष अपने चहेते सभासदों को फायदा पहुंचा रहे हैं, और जो लोग उनके गुट में नहीं हैं — उनके वार्ड को जानबूझकर उपेक्षित रखा जा रहा है।

 “काम कराना हो तो बिरादरी बदल लो!” – लोगों का तंज

स्थानीय नागरिकों का गुस्सा भी अब सातवें आसमान पर है। कई लोगों ने तंज कसते हुए कहा —
“अगर हमें भी पालिका अध्यक्ष की बिरादरी में शामिल होना पड़े तो बता दो! ताकि कम से कम नाली-सड़क तो बन जाए।”
वहीं एक बुजुर्ग ने कहा —
“हमने वोट देकर जनप्रतिनिधि बनाए थे, लेकिन ये तो राजा बनकर राज कर रहे हैं। ये लोकतंत्र नहीं, जातंत्र चल रहा है।”

 नगर में हाहाकार, पालिका में गंदा खेल

पालिका की इस अंदरूनी खींचतान ने अब नगर का माहौल बिगाड़ना शुरू कर दिया है। जनप्रतिनिधि एक-दूसरे के खिलाफ जहर उगल रहे हैं, सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप की बौछार हो रही है। लेकिन सच्चाई यही है कि इस सियासी ड्रामे में सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता का हो रहा है — जिसे न सड़क मिल रही, न सफाई, न सुनवाई।

 ज़िम्मेदार कौन? अधिकारी चुप, प्रशासन मूकदर्शक

सबसे शर्मनाक बात यह है कि पूरे मामले में जिला प्रशासन अब तक खामोश बैठा है। पालिका में पक्षपात, जातिवाद, गुटबाज़ी और लापरवाही के इतने खुले आरोप लगने के बावजूद कोई जांच नहीं, कोई कार्रवाई नहीं।

अब सवाल यही उठता है —

क्या जनता को इसलिए वोट देने का अधिकार मिला कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि सिर्फ अपनी जाति, बिरादरी और गुट के लिए काम करें?
क्या बाकी जनता सिर्फ टैक्स देने और बदबू में जीने के लिए है?

अगर अब भी अधिकारी और प्रशासन नहीं जागा तो आने वाले दिनों में कैराना नगर सिर्फ गंदगी का नहीं, शर्म का प्रतीक बन जाएगा।

जनता पूछ रही है – “सड़कें क्यों नहीं बनीं?”
पालिका अध्यक्ष के पास जवाब नहीं, सिर्फ बिरादरी की गिनती है? विधायक दर्पण से गुलवेज आलम 
#vidhayakdarpan 
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गांवों की आवाज़: सात गांवों को शामली विकास खंड में शामिल कराने की माँग फिर हुई मुखर

शामली, उत्तर प्रदेश | 24 जून 2025

शामली जनपद में एक बार फिर सात गांवों के भविष्य को लेकर राजनीतिक गर्माहट तेज़ हो गई है। मंगलवार को समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी हामिद हुसैन को सौंपा, जिसमें गांव मालैण्डी, बधेव, कन्नूखेडा, मुंडेट कलां, कसेरवा कलां, कसेरवा खुर्द, और टिटौली को कैराना से हटाकर विकास खंड शामली में शामिल किए जाने की मांग की गई।

इस मांग के पीछे केवल राजनीतिक इच्छा नहीं, बल्कि भौगोलिक निकटता, प्रशासनिक सुगमता और ग्रामीणों की लंबे समय से चली आ रही अपेक्षाएं जुड़ी हैं।
जिलाध्यक्ष अशोक चौधरी ने जानकारी दी कि वर्ष 2016 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने शासन को इस विषय में पत्र लिखा था, जिसके आधार पर 29 दिसंबर 2016 को प्रमुख सचिव ग्राम विकास ने अधिसूचना भी जारी की थी। लेकिन आज 8 वर्षों के बाद भी उस अधिसूचना को अमल में नहीं लाया गया, जिससे ग्रामीणों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।

प्रोफेसर सुधीर पंवार ने इस देरी का ठीकरा भाजपा के एक वरिष्ठ नेता पर फोड़ा। उनका दावा है कि इस निर्णय को लागू करने से रोकने में उक्त नेता की अहम भूमिका है। सुधीर पंवार ने चेतावनी दी कि यदि इस बार भी राजनैतिक दबाव में गांवों को विकास खंड शामली में सम्मिलित नहीं किया गया, तो समाजवादी पार्टी

आंदोलन छेड़ेगी और संबंधित नेता का नाम सार्वजनिक किया जाएगा

ज्ञापन सौंपते समय भूपेंद्र सैनी, सलेक प्रधान, विपुल गोयल, अमरदीप पंवार, मकसूद राणा, शांतनु ठाकुर जैसे स्थानीय नेताओं की भी उपस्थिति रही, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता और व्यापकता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।


ग्रामीणों की प्रतीक्षा कब होगी समाप्त?
एक ओर सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करती है, वहीं दूसरी ओर अधिसूचना जारी होने के 8 वर्ष बाद भी ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन न होना, प्रशासनिक उदासीनता और राजनीतिक हस्तक्षेप की ओर इशारा करता है। इन सात गांवों के लोगों को अब भी उम्मीद है कि उनकी आवाज़ सुनी जाएगी, और वे उस विकास खंड का हिस्सा बन सकेंगे जिसके वे भौगोलिक व व्यवहारिक रूप से नजदीक हैं।

अब देखना यह होगा कि प्रशासनिक अमला इस बार ग्रामीणों की आवाज़ पर ध्यान देता है या फिर यह मामला एक बार फिर फाइलों की धूल में खो जाएगा।


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लेखक:
शौकीन सिद्दीकी, जिला ब्यूरो-चीफ – "विधायक दर्पण"
कैमरामैन – रामकुमार चौहान
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विधायक और बीजेपी एमएलसी प्रकरण में अमिताभ ठाकुर की एंट्री

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है, जहां निषाद पार्टी के मेंहदावल विधायक अनिल त्रिपाठी द्वारा भाजपा एमएलसी सुभाष यदुवंशी और उनके कथित प्रतिनिधि सूरज सिंह सोमवंशी पर लगाए गए आरोपों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर इस मामले में जांच की मांग की है।

*आरोपों का विवरण*

अनिल त्रिपाठी ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि सूरज सिंह सोमवंशी सुभाष यदुवंशी के नाम पर बस्ती मंडल के तीनों जिलों बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर में सरकारी विभागों में ठेकेदारों को ठेका दिलाने में सौदेबाजी का काम करते हैं। इसके अलावा, उन्होंने सूरज सोमवंशी द्वारा बिना आवंटन के अनधिकृत रूप से कई दिनों तक इन जिलों के गेस्ट हाउस में रुकने की बात कही है। अनिल त्रिपाठी ने सुभाष यदुवंशी द्वारा 11 से 14 जून तक निरीक्षक भवन, बस्ती में अपने नाम कमरा आरक्षित कर सूरज सोमवंशी को रुकवाने का आरोप लगाया है।

*अमिताभ ठाकुर की मांग*

अमिताभ ठाकुर ने अनिल त्रिपाठी से बात करने के बाद आरोपों की पुष्टि की और मामले को गंभीर सरकारी भ्रष्टाचार करार देते हुए मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

*राजनीतिक सरगर्मी*

इस प्रकरण में अमिताभ ठाकुर की एंट्री के बाद अब यह मुद्दा राजनीतिक रूप से और अधिक गरमा गया है। देखना होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और आरोपों की जांच के लिए क्या कदम उठाते हैं।

*निष्कर्ष*

विधायक और बीजेपी एमएलसी प्रकरण में अमिताभ ठाकुर की एंट्री ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है और आरोपों की जांच के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं। विधायक दर्पण से महेंद्र राजपूत 
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कैराना मे राहुल गांधी का जन्मदिन कांग्रेसियों ने केक काटकर हर्षोल्लास से मनाया

कैराना । अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष जननायक मा. राहुल गांधी के 55वें जन्मदिवस पर कैराना में जोश और उत्साह का माहौल देखने को मिला। खुरगान रोड स्थित चांद मस्जिद के निकट जिला कांग्रेस कार्यालय पर केक काटकर जन्मदिन मनाया गया। कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी की लंबी उम्र की दुआ करते हुए देश की राजनीति में एक मजबूत, ईमानदार और संवेदनशील नेतृत्व की कामना की।

कार्यक्रम का नेतृत्व जिला कांग्रेस कमेटी शामली के अध्यक्ष अखलाक प्रधान ने किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी आज युवाओं, किसानों, मजदूरों और हर वर्ग की आवाज बनकर उभरे हैं। वह संघर्षशील नेता हैं जिन्होंने हर कठिन परिस्थिति में देशवासियों का साथ दिया है।

इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष व संगठन प्रभारी शमशीर खान, कोषाध्यक्ष इब्राहिम, नगर अध्यक्ष नदीम सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारियों ने राहुल गांधी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और उन्हें भारत की राजनीतिक विरासत का सच्चा उत्तराधिकारी बताया।

कार्यक्रम में आलिम, साबिर, शकील, रिज़वान सहित दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी को और मजबूत करने का संकल्प लिया और देश को एक बार फिर एकजुट एवं प्रगतिशील राह पर ले जाने की उम्मीद जताई।

जन्मदिन समारोह में जोश, उत्साह और राजनीतिक प्रतिबद्धता का अद्भुत संगम देखने को मिला। कांग्रेसियों ने राहुल गांधी को न सिर्फ बधाई दी बल्कि उनके विचारों को गांव-गांव पहुंचाने का संकल्प भी लिया। विधायक दर्पण गुलवेज आलम 
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