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राहुल गांधी को लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत — राजनीतिक हलचल के बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिखाई एकजुटता

✍️ ज़मीर आलम, विधायक दर्पण समाचार पत्रिका, दिल्ली
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लखनऊ |
राजनीतिक गलियारों में हलचल उस समय और तेज़ हो गई जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी आज लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। सेना को लेकर की गई कथित विवादास्पद टिप्पणी के मामले में दर्ज मानहानि मुकदमे की सुनवाई के सिलसिले में राहुल गांधी कोर्ट पहुंचे और स्वेच्छा से सरेंडर किया।

कोर्ट में सुनवाई के बाद उन्हें 20-20 हजार रुपये के दो निजी मुचलकों पर जमानत दे दी गई। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राहुल गांधी को भविष्य में कोर्ट की सभी प्रक्रियाओं और निर्देशों का पूरी तरह पालन करना होगा।

क्या है मामला?

राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने अपने एक सार्वजनिक बयान में सेना को लेकर ऐसी टिप्पणी की थी जिसे कुछ लोगों ने अपमानजनक और राष्ट्र की सशस्त्र सेनाओं के सम्मान के विरुद्ध माना। इसी को आधार बनाकर उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई गई थी।

कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें समन जारी कर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था।

कोर्ट में पेशी का दृश्य

जैसे ही राहुल गांधी की पेशी की खबर फैली, लखनऊ कोर्ट परिसर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जमा हो गई। हाथों में पार्टी के झंडे, बैनर और "राहुल तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं" जैसे नारों से वातावरण गूंज उठा।

कांग्रेस के स्थानीय और क्षेत्रीय नेताओं के साथ कई विधायक और संगठन पदाधिकारी भी कोर्ट पहुंचे और राहुल गांधी के प्रति समर्थन जताया।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी की पेशी को एक राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि “सत्ता पक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता से घबरा गया है, इसलिए उनके खिलाफ लगातार साजिशें रची जा रही हैं। मगर, राहुल न कभी झुका है, न झुकेगा।”

निष्कर्ष

राहुल गांधी की यह पेशी न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जिस प्रकार कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एकजुटता दिखाई, वह आगामी चुनावों में पार्टी की रणनीति और आत्मविश्वास का संकेत देती है।

अब सभी की निगाहें कोर्ट की आगामी सुनवाई पर टिकी हैं, जहाँ यह तय होगा कि यह मामला महज़ एक टिप्पणी का कानूनी दायरा है या फिर किसी बड़े राजनीतिक संदेश का हिस्सा।


📌 “विधायक दर्पण” आपके लिए लाता है राजनीति, समाज और न्यायपालिका से जुड़ी जमीनी खबरें, निष्पक्ष दृष्टिकोण के साथ।
✍️ रिपोर्ट: ज़मीर आलम
📅 दिनांक: 15 जुलाई 2025
📍स्थान: लखनऊ


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राज्यमंत्री दिनेश खटीक को दिल का दौरा — मेरठ के ICU में भर्ती, हालत स्थिर

 

रिपोर्ट: ज़मीर आलम, "विधायक दर्पण", उत्तर प्रदेश डेस्क
📞 सम्पर्क: 8010884848 | ईमेल: vidhayakdarpan@gmail.com
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मेरठ, उत्तर प्रदेश:
उत्तर प्रदेश सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री और हस्तिनापुर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्री दिनेश खटीक को अचानक दिल का दौरा पड़ गया, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में मेरठ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत आईसीयू (गहन चिकित्सा कक्ष) में शिफ्ट किया, जहां उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।

दिनेश खटीक प्रदेश की राजनीति में एक सादगीपूर्ण, कर्मठ और जनसेवी छवि के नेता के रूप में जाने जाते हैं। दलित समाज से आने वाले खटीक ने हस्तिनापुर जैसी ऐतिहासिक सीट पर भाजपा की पकड़ मजबूत की है। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने प्रचंड जीत दर्ज कर अपनी सियासी ताकत का परिचय दिया था।

दिल का दौरा पड़ने की खबर से क्षेत्र में चिंता और शोक की लहर दौड़ गई। पार्टी कार्यकर्ता, समर्थक और आम नागरिक बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचे और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। सोशल मीडिया पर भी शुभकामनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा है।

प्रदेश सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पूरी सतर्कता के साथ उपचार सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।

राजनीतिक हलकों में चिंता और संवेदना:
विधानसभा के कई सदस्य, भाजपा के वरिष्ठ नेता, और अन्य दलों के जनप्रतिनिधियों ने भी दिनेश खटीक के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए बयान जारी किए हैं।

एक कर्मठ जनप्रतिनिधि का जीवन संघर्ष:
दिनेश खटीक का राजनीतिक जीवन संघर्षों से भरा रहा है। दलित समाज से निकलकर उन्होंने न केवल समाज की आवाज़ बुलंद की, बल्कि प्रदेश सरकार में मंत्री पद तक का सफर तय किया। जलशक्ति मंत्रालय में रहते हुए उन्होंने नहरों, सिंचाई, और जल संरक्षण की दिशा में कई सराहनीय कार्य किए हैं।


हम, "विधायक दर्पण" परिवार की ओर से दिनेश खटीक जी के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना करते हैं और उनके परिवार के साथ इस कठिन समय में पूर्ण एकजुटता जताते हैं।

🙏
— ज़मीर आलम
प्रधान संपादक, विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका


🕉️ स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। ईश्वर उन्हें जल्द स्वस्थ करे।


“KGMU में स्वास्थ्य सुविधाओं का नया युग: सीएम योगी ने रखी 99.10 करोड़ की विकास परियोजनाओं की आधारशिला”

✍️ ज़मीर आलम, ‘विधायक दर्पण’ राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, लखनऊ डेस्क


लखनऊ | 14 जुलाई 2025:
राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) की तस्वीर अब पूरी तरह बदलने जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को केजीएमयू में नए प्रशासनिक भवन, हाईटेक डायग्नोस्टिक लैब, और 450-बेड वाले पेशेंट रिलेटिव एकमोडेशन फैसिलिटी ब्लॉक की आधारशिला रखी
कुल ₹99.10 करोड़ की इन विकास परियोजनाओं से न केवल मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि केजीएमयू का बुनियादी ढांचा भी और मजबूत होगा।


🏥 KGMU को मिलेगा नया हाईटेक डायग्नोस्टिक सेंटर

केजीएमयू के प्रवक्ता केके सिंह के अनुसार, अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक लैब 24x7 काम करेगी, जहां रेडियोलॉजी, एक्स-रे, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी जैसी सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे होंगी।
अब मरीजों को लंबी जांच डेट या अलग-अलग जगह भटकने की जरूरत नहीं होगी। जांच रिपोर्ट मोबाइल पर SMS के जरिए भी भेजी जाएगी, जिससे इलाज में तेजी और सटीकता आएगी।


🛏️ 450-बेड की पेशेंट रिलेटिव एकमोडेशन फैसिलिटी

मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए 5 मंजिला एकमोडेशन ब्लॉक बनाया जाएगा, जिसकी लागत 48 करोड़ होगी। इसमें 450 बिस्तरों की व्यवस्था होगी, जिससे बाहर से आने वाले लोगों को घर जैसी सुविधा मिल सकेगी। यह सुविधा देशभर से इलाज के लिए आने वालों को बहुत राहत देगी।


🏢 नया प्रशासनिक भवन – दक्षता और पारदर्शिता की ओर कदम

सीएम योगी ने केजीएमयू को 48 करोड़ की लागत से बनने वाले 2 मंजिला प्रशासनिक भवन की सौगात भी दी।
इस भवन में प्रशासनिक कार्यों को सुव्यवस्थित करने के लिए अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर होगा और 100 वाहनों की पार्किंग की सुविधा भी। इससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी और पारदर्शिता आएगी।


🛏️ डॉक्टर्स और प्रोफेसरों के लिए नया गेस्ट हाउस

3.10 करोड़ की लागत से न्यू गेस्ट हाउस का विस्तार होगा, जिसमें 14 कमरे, फर्नीचर से सुसज्जित और लिफ्ट सहित आधुनिक सुविधाएं होंगी।
अब देश-विदेश से आने वाले गेस्ट प्रोफेसर और डॉक्टर्स को ठहरने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।


📌 ‘विधायक दर्पण’ की नज़र से:

KGMU की ये परियोजनाएं सिर्फ इमारतें नहीं, बल्कि एक बेहतर स्वास्थ्य भविष्य की नींव हैं।
सीएम योगी के नेतृत्व में यूपी का चिकित्सा क्षेत्र हर दिन नए आयाम छू रहा है, और यह परियोजना उस दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।


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ज़मीर आलम
पत्रकार – ‘विधायक दर्पण’ राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
📍 लखनऊ, उत्तर प्रदेश
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“जहां स्वास्थ्य हो प्राथमिकता और व्यवस्था हो व्यवस्थित, वहीं सशक्त समाज का निर्माण होता है।”
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एक अज़ीम शख्सियत को अलविदा: जनाब शारिक राणा साहब के जनाज़े में पूर्व सांसद अमीर आलम खान की शिरकत

ज़मीर आलम, प्रधान-संपादक, विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, खतौली, मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)

📞 Contact: 8010884848 | ✉️ vidhayakdarpan@gmail.com
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खतौली (मुज़फ्फरनगर)।
मुज़फ्फरनगर जनपद के कस्बा खतौली में उस वक़्त ग़म का माहौल गहराया जब खबर आई कि चीतल ग्रैंड होटल के मालिक और सर सैयद इंटर कॉलेज के प्रबंधक, जनाब शारिक राणा साहब का दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इंतकाल हो गया। ये खबर पूरे इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते लोगों का हुजूम उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा।

शारिक राणा साहब सिर्फ एक कारोबारी नहीं, बल्कि खतौली की सामाजिक और शैक्षिक फिज़ा का एक मजबूत और मरकज़ी चेहरा थे। उनकी शख्सियत में कारोबार की ज़हनियत और समाजसेवा का जज़्बा बराबर मौजूद था। उन्होंने सर सैयद इंटर कॉलेज को जिस संजीदगी और शिद्दत से संभाला, वह आने वाली नस्लों के लिए एक नज़ीर है।

उनके जनाज़े में हर तबके के लोग शामिल हुए, मगर सबसे खास मौजूदगी रही पूर्व सांसद जनाब अमीर आलम खान साहब की। अमीर आलम साहब का पहुंचना इस बात की गवाही देता है कि शारिक राणा साहब की शख्सियत सीमाओं से परे थी। जनाब अमीर आलम खान ने अपने संबोधन में कहा, "शारिक भाई जैसा मफादपरस्त और खामोशी से समाज की सेवा करने वाला शख्स मुश्किल से पैदा होता है। उनके जाने से सिर्फ एक परिवार नहीं, बल्कि पूरा समाज यतीम हो गया है।"

शोकसभा में शारिक साहब की जिंदगानी और उनके सामाजिक योगदान को याद करते हुए, इलाक़े के कई मौलवियों, समाजसेवियों, राजनेताओं और तालीमी शख्सियतों ने गहरा दुख प्रकट किया। उनके लिए कुरआनख्वानी हुई और दुआओं का सिलसिला जारी रहा।


शारिक राणा साहब का जीवन एक नज़रिया था, एक पैग़ाम था - कि कामयाबी सिर्फ दौलत से नहीं, खिदमत से मिलती है। उन्होंने कभी मंचों की तलाश नहीं की, बल्कि लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई।

अल्लाह तआला जनाब शारिक राणा साहब की मग़फिरत फरमाए, उनकी कब्र को जन्नत के बाग़ीचों में से एक बाग़ीचा बनाए, और उनके परिवार को सब्र-ए-जमील अता फरमाए। आमीन।


अदब और तहज़ीब के इस नुमाइंदा शख्स की रुखसती खतौली के लिए एक युग का ख़त्म होना है।
उनके जाने के बाद जो खालीपन है, उसे भर पाना मुमकिन नहीं।


रिपोर्टर:
ज़मीर आलम
प्रधान-संपादक,
विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका,
खतौली, मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)
📞 8010884848
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#VidhayakDarpan #SharikRana #Khatauli #Muzaffarnagar #SamajSevak #AmeerAlamKhan #चित्त #श्रद्धांजलि

कैराना नगर पालिका में 12 दिन से जारी धरना प्रदर्शन: सभासदों की अनदेखी पर भड़की BKU महात्मा टिकैत

पत्रकार: शौकीन सिद्दीकी, जिला ब्यूरो-चीफ | "विधायक दर्पण" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका

कैमरा रिपोर्ट: रामकुमार चौहान


कैराना, 14 जुलाई 2025
नगर पालिका परिषद कैराना में पिछले 12 दिनों से चल रहा धरना-प्रदर्शन अब उग्र तेवर पकड़ता जा रहा है। सभासदों की 8 मांगें लगातार रखी जा रही हैं, लेकिन आज तक न तो उन पर कोई कार्यवाही हुई है और न ही कोई समाधान सामने आया है।
सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि नगर पालिका के चेयरमैन अब तक न केवल धरना स्थल पर नहीं पहुँचे, बल्कि उन्होंने प्रदर्शनकारी सभासदों की ओर झांक कर देखना तक मुनासिब नहीं समझा।

✊ BKU महात्मा टिकैत संगठन ने दिया खुला समर्थन

आज इस संघर्ष को एक नई ताकत मिली जब भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) के जिला अध्यक्ष शामली अपनी पूरी टीम के साथ धरना स्थल पर पहुंचे।
संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों में शामिल रहे —

  • सोनू शर्मा
  • इन्तजार चौहान
  • रवि कुमार
  • राहुल चौधरी (युवा जिला अध्यक्ष)

इन सभी ने सभासदों के संघर्ष को न्यायोचित बताया और धरना-स्थल पर खुलकर समर्थन दिया।

🎙 राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल तालान का बयान

BKU महात्मा टिकैत के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल तालान ने स्पष्ट कहा:

"जब तक सभासदों की सभी मांगे पूरी नहीं होतीं, भारतीय किसान यूनियन पूरी ताकत के साथ उनके साथ खड़ी रहेगी। यह धरना अनदेखा करने वालों को जनता के आक्रोश से रूबरू कराएगा।"


📍 सभासदों की 8 प्रमुख मांगें (संक्षेप में):

  1. नगर में सफाई व्यवस्था सुधारना
  2. जल आपूर्ति सुचारू कराना
  3. भ्रष्टाचार की जाँच
  4. सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति सुधारना
  5. नालियों की सफाई एवं मरम्मत
  6. कर्मचारियों की जवाबदेही तय करना
  7. वॉर्ड स्तर पर विकास कार्यों का संतुलन
  8. नगर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को दुरुस्त करना

🔥 चेयरमैन की चुप्पी पर उठे सवाल

नगरवासियों और सभासदों के मन में अब यह सवाल गूंज रहा है कि जब निर्वाचित प्रतिनिधि भी अनसुने रह जाएं तो आम नागरिकों की कौन सुनेगा?
चेयरमैन की लगातार चुप्पी और दूरी यह दर्शाती है कि जनभावनाओं की कोई परवाह नहीं की जा रही।


📸 धरना स्थल पर उत्साह, एकता और आक्रोश की तस्वीरें — “विधायक दर्पण” कैमरे की नज़र से

संवाददाता: शौकीन सिद्दीकी
कैमरामैन: रामकुमार चौहान


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नोट: यदि नगरपालिका प्रशासन जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लेता है, तो यह आंदोलन बड़ा जनांदोलन बन सकता है।


"भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड: जनता की ताकत और मुख्यमंत्री धामी की इच्छाशक्ति"

✍️ रिपोर्ट: तसलीम अहमद, "विधायक दर्पण" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, उत्तराखंड
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🌄 देवभूमि की नई पहचान – पारदर्शिता, जवाबदेही और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस

देहरादून, 13 जुलाई 2025 – उत्तराखंड को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के संकल्प में एक नया अध्याय उस समय जुड़ गया जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के बल्लीवाला क्षेत्र में आयोजित धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के सम्मान समारोह में जनता को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शपथ दिलाई।


🎯 मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश: यह सम्मान मेरी नहीं, जनता की जीत है

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह समारोह केवल उनका सम्मान नहीं, बल्कि ईमानदार उत्तराखंड के लिए संघर्षरत प्रत्येक नागरिक का उत्सव है
उन्होंने दो टूक कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम व्यक्तिगत विजय नहीं, बल्कि जनता के सहयोग, ईमानदारी और युवाओं की उम्मीदों की जीत है।


🛡️ 'जीरो टॉलरेंस' नीति और तकनीकी पारदर्शिता

उत्तराखंड सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए अनेक तकनीकी उपायों और सख्त नीतियों को लागू किया है:

  • ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया
  • परीक्षा प्रणाली की निगरानी
  • सीएम हेल्पलाइन 1905
  • भ्रष्टाचार शिकायत नंबर 1064

इन व्यवस्थाओं ने सरकार को जनता के और करीब लाकर प्रशासनिक व्यवस्था को जवाबदेह और भरोसेमंद बनाया है।


🚔 तीन वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारी जेल भेजे गए

धामी सरकार ने ना सिर्फ भ्रष्टाचार के विरुद्ध बातें कीं, बल्कि जमीन पर सख्त कदम भी उठाए:

  • भर्ती परीक्षाओं में धांधली पर त्वरित कार्रवाई
  • ट्रांसफर-पोस्टिंग में पारदर्शिता
  • कमीशनखोरी की रोकथाम

यह दर्शाता है कि सरकार सिर्फ वादों में नहीं, बल्कि आंकड़ों में भी जवाब देती है।


📜 सशक्त कानून और सख्त शासन: नकल विरोधी, समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण रोधी

उत्तराखंड राज्य भारत का पहला राज्य बना जिसने:

  • समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की
  • सख्त नकल विरोधी कानून बनाया
  • ‘लव जिहाद’, ‘लैंड जिहाद’ और धर्मांतरण पर कार्रवाई शुरू की
  • “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत 200 से अधिक संदिग्ध पकड़े, जिनमें कई बांग्लादेशी घुसपैठिए भी शामिल

जनता ही असली प्रहरी: मुख्यमंत्री की अपील

🗣️ “यदि आप राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त देखना चाहते हैं, तो छिपे दुश्मनों की पहचान कर पुलिस को सूचना दें।”
— पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र “ना खाऊँगा, ना खाने दूँगा” को आत्मसात कर उत्तराखंड सरकार जनहितकारी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शासन की दिशा में सतत कार्यरत है।


🌟 "विधायक दर्पण" की दृष्टि से

उत्तराखंड अब पर्यटन, तीर्थ और प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ ईमानदारी और पारदर्शिता की मिसाल बनने की ओर अग्रसर है।
जनता और शासन की साझेदारी से बना यह आंदोलन केवल एक राज्य नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा बन सकता है।


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✒️ रिपोर्टर: तसलीम अहमद
राष्ट्रीय संवाददाता – "विधायक दर्पण", उत्तराखंड
📞 8010884848 | 📧 vidhayakdarpan@gmail.com


शहर की जलनिकासी व्यवस्था को लेकर मंत्री कपिल देव अग्रवाल गंभीर, जिलाधिकारी को ड्रेनेज सिस्टम के लिए उच्च स्तरीय टीम गठन के निर्देश

मुज़फ्फरनगर, १२ जुलाई।
प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने आज नगर की जलभराव और जलनिकासी की पुरानी समस्या को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी मुज़फ्फरनगर को सोमवार को मीटिंग मिलाकर एक समग्र व दीर्घकालिक समाधान हेतु निर्देशित किया। मंत्री कपिल देव ने स्पष्ट रूप से कहा कि मुज़फ्फरनगर शहर के विभिन्न क्षेत्रों रामलीला टिल्ला, मिमलाना रोड, रामपुरी, जनकपुरी, लद्धावाला, कृष्णपुरी, गाँधीकालोनी, साकेत आदि में लगातार हो रहे जलभराव से आमजनमानस को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जो न केवल जनस्वास्थ्य बल्कि यातायात व्यवस्था और नगर की छवि पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

इस समस्या के स्थायी समाधान हेतु मंत्री कपिल देव ने जिलाधिकारी को एक उच्च स्तरीय तकनीकी टीम गठित कर एक व्यापक ड्रेनेज सिस्टम की योजना तैयार करने के निर्देश दिये। इस टीम में नगर निकाय, सिंचाई विभाग, जल निगम, लोक निर्माण विभाग, सी एन डी एस, नगर विकास तथा तकनीकी विशेषज्ञों को सम्मिलित करने का सुझाव दिया गया, जिससे हर पहलू का गहन विश्लेषण कर एक प्रभावशाली योजना बनाई जा सके।

उन्होंने कहा कि यह ड्रेनेज सिस्टम वर्तमान व शहर के परिसीमन, भविष्य की जनसंख्या, वर्षा के बदलते पैटर्न और शहरी विकास को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार डिजाइन किया जाए कि बारिश के दौरान न्यूनतम समय में जल का निकास सुनिश्चित हो सके। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि इस कार्य में पारदर्शिता, गुणवत्ता और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

नगर विधायक कपिल देव ने प्रशासन से यह अपेक्षा जताई कि टीम द्वारा शीघ्र सर्वेक्षण कर प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाए, ताकि बजट आवंटन एवं क्रियान्वयन की प्रक्रिया को तत्काल गति दी जा सके।

इस अवसर पर मंत्री कपिल देव ने यह विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में ड्रेनेज सिस्टम के सशक्तिकरण से मुज़फ्फरनगर शहर को जलभराव की समस्या से स्थायी राहत मिलेगी और आमजन को बेहतर नागरिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
*जिलाधिकारी मुज़फ्फरनगर ने उपरोक्त संबंध मे तत्काल अधिशासी अधिकारी वह संबंधित अधिकारियों को आदेशित किया। "विधायक दर्पण" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश से ज़मीर आलम की रिपोर्ट 
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