दिल्ली। कैराना निवासी एवं दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मो० इमरान मलिक ने देशभर में चर्चित ‘I Love Mohd’ प्रकरण पर मौजूदा सरकार द्वारा की जा रही कार्यवाही को पूरी तरह असंवैधानिक और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विरुद्ध बताया है। इसी मुद्दे को लेकर शनिवार को उन्होंने राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, अल्पसंख्यक विभाग, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी इमरान प्रतापगढ़ी से मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान अधिवक्ता इमरान मलिक ने कहा—
"संविधान हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है। लेकिन मौजूदा समय में सरकार इस बुनियादी अधिकार को दबाने का प्रयास कर रही है। ‘I Love Mohd’ प्रकरण को जिस तरह से तूल देकर अल्पसंख्यक समाज को निशाने पर लिया जा रहा है, वह लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है।"
उन्होंने कहा कि यह मामला महज एक नारे या भावनात्मक अभिव्यक्ति का नहीं है, बल्कि सीधे-सीधे संवैधानिक अधिकारों से जुड़ा हुआ है। सरकार की कार्रवाई से आम लोगों में असुरक्षा और असंतोष बढ़ रहा है।
इस अवसर पर सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी अधिवक्ता की बातों को गंभीरता से सुना और स्पष्ट शब्दों में कहा—
"कांग्रेस पार्टी किसी भी कीमत पर संवैधानिक अधिकारों से समझौता नहीं होने देगी। इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक मजबूती से उठाया जाएगा।"
गौरतलब है कि ‘I Love Mohd’ प्रकरण पिछले कुछ समय से राष्ट्रीय राजनीति में गरमाया हुआ है। इस मुद्दे पर समाज के विभिन्न वर्गों की प्रतिक्रियाएं सामने आ चुकी हैं। अब अधिवक्ता इमरान मलिक द्वारा दिल्ली में इस प्रकरण को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद राजनीतिक हलकों में इसे लेकर चर्चाएं और तेज हो गई हैं।
जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह प्रकरण विपक्ष के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा करने का बड़ा मुद्दा साबित हो सकता है। रिपोर्ट गुलवेज़ आलम कैराना
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