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बसपा अध्यक्ष की भाभी के देहांत पर बसपा वरिष्ठ पदाधिकारीयों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर शौक़ प्रकट किया

कैराना, शामली। नगर अध्यक्ष बसपा तोफीक सिद्दीकी के भाई हनीफ उर्फ गुल्लू की 65 वर्षीय पत्नी रुबीना का लंबी बिमारी के कारण देहांत हो गया है जिसकी खबर लगने के बाद आज कैराना नगर अध्यक्ष तोफीक सिद्दीकी के आवास पर बसपा कार्यकर्ताओं का एक आमला पंहुचा जहां सभी कार्यकर्ताओं ने शोक व्यक्त किया। 

वहीं शोक व्यक्त करने पहुंचे पूर्व मंत्री एवं जिला महासचिव मुजफ्फरनगर प्रेम चंद गौतम व शामली जिला अध्यक्ष सुनील कुमार जाटव हरपाल सिंह जिला महासचिव देवी दास जयंत जिला प्रभारी राकेश पाल वीरसैन जिला सचिव कैराना विधानसभा उपाध्यक्ष सलीम चौधरी बिजेंद्र कुमार दीपक कुमार मलिक आदि  ने शोकाकुल परिवार को शक्ति के लिए प्रार्थना की और श्रद्धांजलि अर्पित की।

 विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका शामली, उत्तर प्रदेश से जिला ब्यूरो-चीफ शौकीन सिद्दीकी के साथ कैमरामैन रामकुमार चौहान की रिपोर्ट
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झिंझाना नगर पंचायत में सीमा विस्तार को लेकर विवाद, सभासदों ने डीएम से की कार्यवाही की मांग

रिपोर्ट: शाकिर अली | “विधायक दर्पण” संपूर्ण राजनैतिक समाचार पत्रिका | झिंझाना/बिड़ौली, शामली

कस्बा झिंझाना एक बार फिर से नगर पंचायत की राजनीति को लेकर सुर्खियों में है। इस बार मामला है बिना प्रस्ताव और विचार-विमर्श के सीमा विस्तार किए जाने का, जिस पर नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेश पाल कश्यप को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है।

बुधवार को कस्बे के आधा दर्जन से अधिक सभासदों ने जिलाधिकारी शामली अरविंद कुमार चौहान को एक लिखित प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा मनमाने ढंग से फैसले लिए जा रहे हैं।

सभासदों का कहना है कि नगर पंचायत अध्यक्ष न तो सभासदों के प्रस्तावों पर विचार कर रहे हैं, और न ही उनके द्वारा सुझाए गए विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं। आरोप यह भी लगाया गया कि अध्यक्ष की हठधर्मिता और एकतरफा कार्यशैली के कारण कस्बे के विकास कार्य ठप हो चुके हैं।


क्या है मामला?

नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा जमालपुर और अलीनगर जैसे आसपास के गांवों को झिंझाना की सीमा में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है, जो सभासदों और कस्बावासियों दोनों को ही अस्वीकार्य है।

सभासदों का कहना है कि न तो इस मुद्दे पर किसी प्रकार की मीटिंग बुलाई गई, न ही किसी प्रकार का औपचारिक प्रस्ताव पारित हुआ है। इसके बावजूद अध्यक्ष एकतरफा निर्णय लेकर पंचायत की सीमाओं को मनमाने ढंग से विस्तारित करना चाह रहे हैं।


आपत्ति दर्ज कराने वाले प्रमुख सभासदों में शामिल हैं:

  • तस्लीम
  • इस्तखार
  • शाहनवाज़
  • हाशिम
  • नसीर
  • जिशान
  • रिहाना बेगम
  • अनुज कुमार

इन सभी ने एक सुर में कहा कि यह कार्यवाही न केवल नियमों के खिलाफ है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था और स्थानीय प्रतिनिधियों के सम्मान के भी विरुद्ध है।


जनता में आक्रोश

झिंझाना कस्बे के निवासियों का भी कहना है कि सीमा विस्तार से पहले व्यापक जनसुनवाई होनी चाहिए। जमालपुर और अलीनगर को नगर पंचायत में शामिल करने से न तो इन गांवों की सहमति है, और न ही कस्बा झिंझाना के लोगों की।


सभासदों की मांग:

सभासदों ने जिलाधिकारी शामली से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कर उचित कार्यवाही की जाए और नगर पंचायत अध्यक्ष को बिना विश्वास और सहमति के किसी भी गांव को सीमा में शामिल करने से रोका जाए।


“विधायक दर्पण” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए विशेष रिपोर्ट
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बिड़ौली सादात कार्यालय पर सदयस्ता मीटिंग का आयोजन

बिडौली।  बिड़ौली सादात में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी की बैठक का आयोजन बिड़ौली सादात कार्यालय पर किया गया। जिसमें कैराना के गांव मोहम्मदपुर राई से आए दो लोगों को सदस्यता दिलाई गई।

झिंझाना क्षेत्र गांव बिड़ौली सादात में बुधवार को एआईएमआईएम पार्टी कार्यालय पर एक मीटिंग आयोजन किया गया। जिसमे कैराना के गांव मोहम्मदपुर राई से आए मोहम्मद फईम, मोहम्मद अली को सदस्यता दिलाई गई जिसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष शामली हाफिज मोहम्मद इनाम ने सदस्यता दिलाए जाने का कार्य किया। 

बैठक में सभी सदस्यों ने एआईएमआईएम पार्टी का दामन थामा और पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। जिसमें जिला सदर हाफिज मोहम्मद इनाम ने नवनियुक्त सदस्यों का फूल मालाओं से स्वागत किया। इस मौके पर जिला सदर हाफिज इनाम ने कहा कि पार्टी दलित, मजदूर और पिछड़ों के हक में काम करती है।

 पार्टी को मजबूत करने के लिए घर-घर सदस्यता अभियान चलाएंगे। और पार्टी को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। इस दौरान मीटिंग मे, आदि कार्यकर्ता मोजूद रहे। विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका से शाकिर अली की रिपोर्ट 
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विवाद की चिंगारी और सियासी थप्पड़


✍️ विधायक दर्पण (राष्ट्रीय राजनैतिक समाचार पत्रिका) से ज़मीर आलम की विशेष रिपोर्ट
दिनांक 29 जुलाई 2025, लखनऊ


घटनाक्रम—एक नज़र

मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव पर एक निजी समाचार चैनल के पैनल डिस्कशन के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। लाइव प्रसारण में ही मौजूद सपा नेता कुलदीप भाटी ने मौलाना की बात पर कड़ी आपत्ति जताते हुए स्टूडियो में उन्हें थप्पड़ रसीद कर दिया। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है।


‘छुट भैय्या’ से ‘बाहुबली’ तक!

सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है कि मौलाना की धार्मिक वेश‑भूषा ने कुलदीप भाटी के “साहस” को दो‑क़दम आगे बढ़ा दिया। कुछ यूज़र तंज कस रहे हैं—

“टिप्पणी करने वाला ‘मौलाना’ था, इसलिए थप्पड़ चल गया; वरना योगेन्द्र राणा जब‑जब सांसद इक़रा हसन पर अमर्यादित भाषा इस्तेमाल करता है, तब सपा खेमे में ऐसी हिम्मत क्यों नहीं दिखती?”


दोहरे मापदंड का सवाल

बात केवल एक थप्पड़ की नहीं, बल्कि दोहरे मानदंड की है।

  • योगेन्द्र राणा नामक स्वयंभू ‘फ़ायरब्रांड’ लगातार सपा सांसद इक़रा हसन के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बयान देता रहा है।
  • अभी तक किसी सपा कार्यकर्ता या नेता ने उसके ख़िलाफ़ ऐसी आक्रामक प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया नहीं दिखाई।
  • राजनीतिक पंडित इसे “चुनिंदा आक्रोश” या “मौक़े का मिज़ाज” कह रहे हैं; पार्टी नेतृत्व पर “निर्वाचित और स्वतः‑भक्त नेता के बीच भेदभाव” का आरोप भी लग रहा है।

सियासी बयानबाज़ियाँ

  • सपा प्रवक्ता ने भाटी को “भावनाओं में बह गया कार्यकर्ता” बताते हुए घटना को “स्वाभाविक मानवीय प्रतिक्रिया” कहा।
  • भाजपा प्रवक्ताओं ने तंज कसा—“सपा का असली चेहरा हिंसा है; बहस नहीं, थप्पड़ ही उनका तर्क है।”
  • Meanwhile, मौलाना साजिद रशीदी ने एक वीडियो जारी कर कहा, “मैंने महज़ राजनीतिक टिप्पणी की थी; शरीफ़ पार्टी के नेता ने गुंडागर्दी दिखाई।”

मीडिया एथिक्स बनाम सनसनीख़ेज़ी

टीवी चैनल पर लाइव हिंसा ने न्यूज़रूम सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी सवाल खड़े किए:

  1. पैनलिस्ट की स्क्रीनिंग और सेक्योरिटी ब्रिफ़िंग कितनी माकूल है?
  2. क्या टीवी चैनल केवल टीआरपी के लिए अति‑उत्तेजक बहसें करवा रहे हैं?
  3. लाइव हमला दर्शकों को गलत संदेश देता है कि “हिंसा बहस का वैध जवाब” है।

आगे का रास्ता

  • कानूनी पहलू: न्यूज़ स्टूडियो में मारपीट दंडनीय अपराध है; आईपीसी की धारा 323 (साधारण मारपीट) और 504 (उकसावे) लागू हो सकती है।
  • पार्टी अनुशासन: सपा नेतृत्व को तय करना होगा कि ऐसी तीखी व्यक्तिगत कार्रवाइयों पर दृढ़ आचार‑संहिता लागू की जाए।
  • लोकतांत्रिक विमर्श: मतभेदों को तर्क, तथ्य और शालीनता से न सुलझाकर जब थप्पड़ से हल किया जाएगा, तब लोकतांत्रिक संवाद कमजोर पड़ेगा।

निष्कर्ष

सियासत में शब्दों की गरिमा और विचारों की बहस ज़रूरी है। व्यक्तिगत आस्था‑सम्बद्ध पहचान या महिला‑विरोधी बयानबाज़ी—दोनों ही निंदनीय हैं। मगर जवाब में हिंसा भी उतनी ही अलोकतांत्रिक है। सवाल यह है कि सपा सिर्फ़ चर्चित चेहरों के अपमान पर ही गरजती‑बरसती क्यों नज़र आती है? क्या हर महिला प्रतिनिधि के सम्मान की लड़ाई समान रूप से लड़ी जाएगी? आने वाले दिन बताएँगे कि यह थप्पड़ तात्कालिक था या पार्टी‑नीति में बदलाव की दस्तक।


📌 रिपोर्टर: ज़मीर आलम
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पूर्व भाजपा नेत्री अनामिका शर्मा को कोर्ट ने पुलिस डिमांड पर भेजा

हरिद्वार।अपनी ही नाबालिग बेटी का यौन शोषण कराने के आरोप में जेल में बंद पूर्व भाजपा नेत्री और उसके प्रेमी बताए जा रहे सुमित को रोशनाबाद ज़िला जेल से कस्टडी में ले लिया है। बीते रोज कोर्ट ने दोनों की तीन दिन की पुलिस कस्टडी की अनुमति दी थी। कस्टडी में लेने के दौरान पुलिस ने आरोपितों से मीडिया से बात नहीं करने दी। 

एसआईटी की निगरानी में दोनों आरोपियों को मथुरा और आगरा ले जाया जाएगा, जहां से पुलिस कुछ अहम साक्ष्य और दस्तावेज जुटाना चाहती है। 

पुलिस का दावा है कि इससे केस को और मजबूती मिलेगी। पूर्व भाजपा नेत्री पर आरोप है कि उसने अपनी ही नाबालिग बेटी को बहलाकर प्रेमी सुमित पटवाल और उसके एक मित्र के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया।

रानीपुर पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।पड़ताल में सामने आया है कि घटना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रमाण आगरा और मथुरा में मौजूद हैं, जिनमें होटल में ठहरने के रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन डेटा शामिल हैं।

 इन्हीं तथ्यों की पुष्टि और दस्तावेजी साक्ष्य जुटाने के लिए पुलिस ने कोर्ट में रिमांड की अर्जी दाख़िल की थी।अनामिका शर्मा ने अपने पति पर ही उन्हें झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाते हुए मामला प्रॉपर्टी से जुड़ा हुआ बताया था। 

"विधायक दर्पण" संपूर्ण राजनैतिक समाचार पत्रिका के लिए हरिद्वार संवाददाता तसलीम अहमद की खास रिपोर्ट 
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धर्मसंघ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आध्यात्मिक उपस्थिति: स्वामी करपात्री जी को श्रद्धांजलि और साधु-संतों से संवाद

लेखक: ज़मीर आलम | स्रोत: विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका


वाराणसी | दिनांक: 28 जुलाई 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जीवन जहां राजनीति से प्रेरित है, वहीं उसका मूल आधार आध्यात्मिकता और सनातन परंपरा में रचा-बसा है। इसी आध्यात्मिक आग्रह का साक्षी बना वाराणसी का धर्मसंघ, जहां योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की शाम धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज को उनके 118वें प्राकट्योत्सव पर नमन करते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।


तपोभूमि में मुख्यमंत्री की विनम्र भेंट

सायं 7:45 बजे, जब मुख्यमंत्री दुर्गाकुण्ड स्थित धर्मसंघ मंदिर परिसर पहुँचे, तो उनका स्वागत न केवल मंदिर के साधु-संतों ने किया, बल्कि वातावरण भी उस पल को पवित्र बना रहा था। मुख्यमंत्री सबसे पहले मणि मंदिर पहुँचे, जहां उन्होंने श्रीराम दरबार के दर्शन कर प्रभु राम के चरणों में अपनी भक्ति अर्पित की। इसके पश्चात उन्होंने मंदिर में स्थित 5 फीट ऊँचे नर्वदेश्वर शिवलिंग का पूजन कर विधिवत आरती की।


करपात्री प्रतिमा पर माल्यार्पण

मंदिर परिसर के बाग़ में स्थित करपात्री जी की भव्य प्रतिमा पर मुख्यमंत्री ने माल्यार्पण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। यह क्षण केवल एक श्रद्धा का नहीं, बल्कि सनातन परंपरा के उस महान संत के प्रति आस्था और सम्मान का प्रतीक था जिन्होंने धर्मराज्य की संकल्पना को लेकर भारतवर्ष में वैदिक जीवनशैली के पुनरुत्थान हेतु संघर्ष किया।


धार्मिक प्रतीकों की भेंट और सम्मान

मुख्यमंत्री को इस अवसर पर धर्मसंघ के वर्तमान पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी एवं महामंत्री पं. जगजीतन पाण्डेय द्वारा विशेष रूप से त्रिशूल, दुशाला, तथा स्मृति-चिह्न भेंट किए गए। यह त्रिशूल एक धार्मिक प्रतीक के रूप में भेंट किया गया, जो मुख्यमंत्री के वैराग्य और शक्ति के समन्वय का प्रतिनिधित्व करता है।


गौसेवा और निर्माण कार्यों का निरीक्षण

इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने धर्मसंघ परिसर में निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने करपात्री गौशाला में जाकर गौमाता की सेवा की और स्वामी शंकरदेव चैतन्य के साथ स्वयं गायों को चारा खिलाकर सनातन संस्कृति में गौसेवा की परंपरा को सजीव किया।


काशी के विद्वानों से संवाद

इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने काशी के प्रमुख संस्कृत विद्वानों से भेंट की।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारीलाल शर्मा, प्रो. हृदय रंजन शर्मा, प्रो. ब्रजभूषण ओझा, करपात्री गौरव सम्मान से अलंकृत प्रो. उपेंद्र पाण्डेय और प्रो. उपेंद्र तिवारी समेत कई आचार्यों ने मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श किया।


धर्म और सत्ता का समन्वय

यह यात्रा केवल एक श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि यह दर्शाती है कि सत्ता और साधना जब एक साथ चलें तो राष्ट्र की दिशा सकारात्मक और संस्कारित होती है। योगी आदित्यनाथ न केवल एक संवैधानिक पद पर आसीन हैं, बल्कि वह उस परंपरा के वाहक भी हैं जो भारत के अध्यात्म को जीवित रखे हुए है।


विधायक दर्पण का निष्कर्ष

मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल धार्मिक दृष्टि से प्रेरणास्पद रहा, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि आज के शासक जब धर्म की धरती पर सिर नवाते हैं, तो वे जन-मन में विश्वास, श्रद्धा और सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित करते हैं।


लेखक संपर्क:
ज़मीर आलम
प्रधान संपादक, विधायक दर्पण
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भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड को केन्द्र से मिलेगी और धनराशि

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण भारत के सकारात्मक बदलाव के प्रयासों मेें उत्तराखंड की सक्रिय भागीदारी को सराहा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्र सरकार का जताया आभार

देहरादून।केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के क्रियान्वयन के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को और धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। 

श्री चौहान ने ग्रामीण भारत के सकारात्मक बदलाव के प्रयासों में केन्द्र सरकार के साथ उत्तराखंड की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री श्री धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य में डीआईएलआरएमपी के क्रियान्वयन में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भेजकर ग्रामीण विकास मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्रीय योजना के तहत उत्तराखंड राज्य को 478.50 करोड़ रु. की विशेष सहायता राशि प्रदान करने का आग्रह किया गया था।

 डीआईएलआरएमपी के तहत राज्य के प्रयासों एवं जरूरतों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने लिडार जैसे आधुनिक सर्वेक्षण तकनीक के माध्यम से उत्तराखंड राज्य की सम्पूर्ण भूमि का सर्वेक्षण/पुनःसर्वेक्षण के लिए 350 करोड़ रु. की स्वीकृति दिए जाने और तहसील स्तर पर बनाए जा रहे आधुनिक अभिलेख कक्षों के निर्माण की बकाया धनराशि जारी किए जाने का भी अनुरोध किया गया था। 

इस संबंध में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री ने  मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि राज्य के पास उपलब्ध डीआईएलआरएमपी निधि से पांच गांवों में सर्वेक्षण/पुनःसर्वेक्षण के प्रयौगिक परीक्षण के कार्य में उत्तराखंड का पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। प्रयोगिक परीक्षण के परिणाम के आधार पर कालांतर में सम्पूर्ण ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण सर्वेक्षण/पुनः सर्वेक्षण के कार्य के लिए राज्य को और निधि प्रदान की जाएगी। 

तहसील स्तर पर बनाए जा रहे आधुनिक अभिलेख कक्षोें के निर्माण की बकाया धनराशि भी शीघ्र जारी कर दी जाएगी। केन्द्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा है कि एग्री स्टैक कार्यक्रम के तहत राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान करने के मामले में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के स्तर पर कार्यवाही की जा रही है और वह स्वयं इस मामले को देख रहे हैं। 

उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून लागू करने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा भू-अभिलेखों का डिजिटाईजेशन के महत्वपूर्ण कार्य को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने विशेष ध्यान दिया जा रहा हैै। 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डिजीटल भारत की परिकल्पना के अनुरूप आधुनिक और पारदर्शी भूमि प्रबंधन प्रणाली विकसित करने की राष्ट्रव्यापी मुहिम में उत्तराखंड राज्य अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है।

 इस दिशा में केन्द्र सरकार के द्वारा प्रदान किया जा रहा सहयोग व समर्थन हमारे इन प्रयासों को और अधिक गति देगा। जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति राज्य सरकार आभारी है।
पुष्कर सिंह धामी,मुख्यमंत्री उत्तराखंड

विधायक दर्पण संपूर्ण राजनैतिक समाचार पत्रिका से तसलीम अहमद की खास रिपोर्ट 
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शहर के भिन्न भिन्न वार्डो में बिजली के स्मार्ट मीटर के बिल, ऑनलाइन बिल जमा पश्चात भी बिजली चालू न होने जैसी कई गंभीर विषयों से अवगत कराया: सलमान अहमद

शामली। भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला महामंत्री सलमान अहमद ने विधुत अधीक्षण अभियंता शामली से मिलकर शहर के भिन्न भिन्न वार्डो में बिजली के स्मार्ट मीटर के गलत बिल और ऑटोमैटिक बिजली कटने एवं बकाया धनराशि के ऑनलाइन जमा करने के पश्चात भी तुरंत बिजली चालू न होने जैसी कई गंभीर विषयों से अधीक्षक अभियंता को शिकायती पत्र सौंपा पत्र के माध्यम से आपका ध्यान इस क्षेत्र की खराब बिजली व्यवस्था एवं स्मार्ट मीटर से हो रही समस्या की ओर आकर्षित कराना चाहता हूं ।

कुछ माह पूर्व शहर शामली के भिन्न भिन्न वार्डो में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं और हाल ही में भी लगाए जा रहे हैं उपभोक्ताओ को बिना सूचना के भी मीटर लगाए जा रहे हैं कुछ जगह तो मीटर सीलिंग भी नहीं दी गई है स्मार्ट मीटर को लगाने में बेहद लापरवाही बरती जा रही है जिसके कारण लोगों के गलत बिल आ रहे हैं ।

जबकि एक विद्युत उपभोक्ता के हर माह उसके मीटर यूनिट की खपत के आधार पर बिल आना चाहिए लेकिन मन घड़ंत बिल से परेशान उपभोक्ता दफ्तरों में अपने बिल ठीक कराने के लिए चक्कर लगाते है परंतु उनका समाधान करने की बजाय उसकी पहले ही बकाया धन राशि अधिक बताकर बिजली काट दी जा रही हैं दफ्तरों में बैठे विभागीय अधिकारियों द्वारा बिजली कटने को स्मार्ट मीटर के नियम एवं टेक्निकल कारण भी बताकर जबरदस्ती से पैसा वसूल किया जा रहा है।

 इस भीषण गर्मी में बिजली के बिना गुजारा संभव नहीं है यदि जैसे तैसे कर के उपभोक्ता बिजली चालू कराने के लिए अपने स्मार्ट मीटर का ऑनलाइन भुगतान करता भी है तो उसकी तत्काल बिजली चालू नहीं हो रही है 15- 15 घंटे तक बिजली चालू न होने से भीषण गर्मी में आम जनमानस को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है ।

ऑनलाइन बिल जमा कराने पर तुरंत बिजली चालू कराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है उपभोक्ता बिजली दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं जहां उनकी कोई सुनवाई नहीं है केवल आंख मिचौली का खेल चल रहा है हमारे क्षेत्र में यह समस्या अत्यंत गंभीर है हाल ही में गर्मी के मौसम के नाम पर हर 10 मिनट में बिजली ट्रिप हो जाती है 33000kv लाइन में फॉल्ट के नाम पर घंटों घंटों तक बिजली गायब रहती है।

 वोल्टेज कम हो जाते हैं लोगों के उपकरण चल नहीं पाते जिस कारण विद्यार्थी पढ़ नहीं पाते दुकानदार अपना काम नहीं कर पाते तथा अन्य लोग भी इससे काफी परेशान हो रहे हैं जबकि सरकार भरसक प्रयास कर रही है लोगो को ज्यादा से ज्यादा बिजली आपूर्ति मिले और उपभोक्ता की जो समस्या है ।

उसे जल्द से जल्द निपटारा कराया जाए लेकिन विभाग के कुछ अधिकारी सरकार के प्रयास को भी विफल कर रहे है अत आपसे अनुरोध है कि हमारे क्षेत्र की समस्या पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर के तत्काल समुचित कार्यवाही का आदेश देकर कृतार्थ करे। "विधायक दर्पण" संपूर्ण राजनैतिक समाचार पत्रिका शामली, उत्तर प्रदेश से जिला ब्यूरो-चीफ शौकीन सिद्दीकी के साथ कैमरामैन रामकुमार चौहान की रिपोर्ट
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“मौलाना नहीं, उस लिबास में गीदड़ है जनाब – रशीदी की सच्चाई जानिए”

लेखक – ज़मीर आलम | विशेष रिपोर्ट – विधायक दर्पण राष्ट्रीय राजनैतिक समाचार पत्रिका


आज के दौर में जब सोशल मीडिया सच्चाई और झूठ के बीच की दीवार को बहुत बारीक कर चुका है, तब लिबास और हुलिया देखकर किसी के किरदार का अंदाज़ा लगा लेना एक आम चलन बन गया है। खासकर ‘मौलाना’ जैसे सम्मानित शब्द को जिस तरह से हल्के में लिया जा रहा है, वह न केवल मुसलमानों के मज़हबी दर्जे का अपमान है बल्कि हमारे सामाजिक विवेक का भी पतन है।

किसी के सिर पर टोपी हो और चेहरे पर दाढ़ी हो, तो उसे ‘मौलाना’ कहना शुरू कर देना आज एक फैशन बन चुका है, जबकि असल मौलाना वो होता है जो समाज को रास्ता दिखाए, मजहब की रौशनी में इंसानियत का परचम लहराए। मौलाना वह है, जो अपने किरदार, व्यवहार, इल्म और तहज़ीब से लोगों को प्रभावित करे, ना कि किसी राजनीतिक पार्टी का मोहरा बनकर समाज में जहर घोले।

■ किस्सा रशीदी का – "लिबास मौलाना का, किरदार नालायक का"

हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें एक शख्स, जो मौलाना जैसी पोशाक में था, उसने देश की एक प्रतिष्ठित महिला नेता के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की। ये कोई और नहीं बल्कि मुलायम सिंह यादव की बहू और वर्तमान सांसद डिंपल यादव थीं, जिनकी सादगी, व्यवहार, संस्कार और गरिमा का सम्मान देश के हर नागरिक ने हमेशा किया है – फिर चाहे वो किसी भी धर्म या पार्टी से क्यों न हो।

डिंपल यादव – एक ऐसी महिला, जो न केवल समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं, बल्कि देश के पूर्व रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की बहू भी हैं। उनका आचरण हिंदुस्तानी तहज़ीब की मिसाल है। जब उनके खिलाफ इस तरह की घटिया टिप्पणी की गई तो सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक महिला का, एक भारतीय संस्कृति की प्रतिनिधि का अपमान हुआ।

■ यह कोई मौलाना नहीं – यह है आईटी सेल का किराए का एजेंट

जिसने भी डिंपल यादव को निशाना बनाया, वह एक तथाकथित "रशीदी" नामक शख्स है जो बीजेपी की आईटी सेल का पेड एजेंट है। उसे दिहाड़ी पर रखा गया है – एक दिन के 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक मिलते हैं, इस बात पर कि वो टीवी पर या सोशल मीडिया पर आकर कितना ज्यादा अपमानित होगा, और मुस्लिम समाज को कितना ज़लील करवाएगा।

यह शख्स ना केवल इस्लाम की तौहीन कर रहा है, बल्कि मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा बन चुका है। यह एक राजनीतिक दल की साजिश के तहत मुसलमानों के लिबास में छिपे एजेंडे को बढ़ावा देता है, ताकि देश में नफरत फैलाई जा सके।

■ मुसलमानों और समाजवादियों से अपील

मैं  ज़मीर आलम किसी राजनैतिक/ गैर राजनैतिक पार्टी का समर्थक नहीं हूं और फिर भी एक लेखक के रूप में, तमाम मुसलमानों और समाजवादी साथियों से गुज़ारिश करता हूं कि इस शख्स का सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक बहिष्कार किया जाए। इसे किसी मजलिस, जलसे या प्रोग्राम में बुलाना तो दूर, इसके लिए दरवाज़े भी बंद कर देने चाहिए।
इसे ना "मौलाना" कहा जाए, ना "मुस्लिम प्रतिनिधि" समझा जाए। यह सिर्फ और सिर्फ एक किराए का गद्दार है, जो मुसलमानों के नाम पर अपनी जेब भर रहा है और मुसलमानों की ही साख को गिरा रहा है।

इसे मौलाना कहना खुद इस्लाम की तौहीन है।
इसे तो जूतों की माला पहनाकर, समाज के सामने इसका असली चेहरा उजागर किया जाना चाहिए।


■ भावनात्मक क्षमा याचना

अगर मेरी इस पोस्ट में कोई शब्द किसी को कड़वा लगे हों तो माफी चाहता हूं, क्योंकि जब बात एक महिला के सम्मान की हो, और वो भी ऐसी महिला जो सियासत में गरिमा और मर्यादा की प्रतीक हो, तब जज़्बात काबू में नहीं रहते। मेरा उद्देश्य किसी धर्म या विचारधारा का अपमान नहीं बल्कि उस चेहरों को बेनकाब करना है, जो धार्मिक पोशाक को अपने राजनीतिक स्वार्थों की ढाल बनाकर समाज को गुमराह करते हैं।


रिपोर्ट: ज़मीर आलम
विधायक दर्पण राष्ट्रीय राजनैतिक समाचार पत्रिका
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"गुर्जर समाज की पंचायत का बड़ा फैसला: विधायक कीरत सिंह बेदाग घोषित – कोमल गुर्जर को सख्त चेतावनी"

✍️ ज़मीर आलम | विधायक दर्पण, सहारनपुर ब्यूरो 📞 8010884848 | 🌐 www.vidhayakdarpan.in | 📧 vidhayakdarpan@gmail.com #vidhayakdarpan सहारनपुर की राजनीति में आया निर्णायक मोड़ भाजपा विधायक कीरत सिंह चौधरी और भाजपा महिला नेत्री कोमल गुर्जर के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद ने आखिरकार गुर्जर समाज की पंचायत में स्पष्ट निष्कर्ष पा लिया है। सहारनपुर स्थित गुर्जर भवन में हुई विशेष बैठक में समाज की जांच समिति ने विधायक को बेदाग करार देते हुए कोमल गुर्जर के सभी आरोपों को झूठा, निराधार और बेबुनियाद बताया। 🏛️ गंभीर था मामला, पर समाज ने चुनी परिपक्वता
यह सिर्फ दो व्यक्तियों का विवाद नहीं था, यह पूरा गुर्जर समाज और भाजपा संगठन की साख का सवाल बन चुका था। समाज की आस्था, परंपरा और मर्यादा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि अब फैसले भावना नहीं, साक्ष्य से होंगे। पंच मुखिया वीरेंद्र गुर्जर और चंद्रशेखर गुर्जर ने स्पष्ट कहा कि: > “कोमल गुर्जर कोई भी दस्तावेज या गवाह पेश नहीं कर सकीं। केवल भावनाओं के आधार पर किसी की छवि धूमिल नहीं की जा सकती।” ⚠️ पंचायत में हंगामा – कोमल गुर्जर ने दी छत से कूदने की धमकी बैठक का माहौल उस वक्त उत्तेजित और तनावपूर्ण हो गया जब कोमल गुर्जर ने फैसले के विरोध में उग्र हंगामा किया और छत से कूदने की धमकी दे डाली। हालांकि वरिष्ठ सदस्यों ने समय रहते स्थिति को संभाला और कोमल को शांत किया, लेकिन यह घटना पंचायत में मौजूद सभी लोगों को स्तब्ध कर गई। 📜 पंचायत का फैसला – अब 'आरोप' नहीं, 'बहिष्कार' होगा गुर्जर समाज ने एकमत से निर्णय लेते हुए स्पष्ट किया – > “भविष्य में यदि कोई पक्ष किसी पर बिना साक्ष्य के आरोप लगाता है, तो उस पर सामाजिक बहिष्कार लागू होगा।”
यह चेतावनी दोनों पक्षों पर समान रूप से लागू की गई है – यानी न कोमल अब कोई आरोप दोहराएंगी, न ही विधायक कोई प्रतिक्रिया देंगे। 🧾 विधायक कीरत सिंह चौधरी की प्रतिक्रिया फैसले के बाद विधायक कीरत सिंह ने कहा: > “झूठ चाहे जितना भी बड़ा हो, अंत में हारता है। मैं शुरू से सत्य के साथ था और हमेशा रहूंगा। समाज का निर्णय मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है।” 🤔 राजनीतिक चाल या व्यक्तिगत दुर्भावना? अब चर्चा का नया विषय यह है कि – क्या कोमल किसी राजनीतिक साजिश का शिकार हुईं? क्या इस प्रकरण के पीछे भाजपा गुटबाज़ी या बाहरी दबाव काम कर रहा था? या फिर यह पूरी कहानी सिर्फ व्यक्तिगत आक्रोश और अहम टकराव का परिणाम थी? पंचायत ने तो अपना निर्णय सुना दिया, लेकिन समाज और संगठन के भीतर गूंजती आवाजें अभी शांत नहीं हुई हैं। 📣 पंच मुखिया का बड़ा बयान फैसले के तुरंत बाद वीरेंद्र गुर्जर ने कहा: > “अब समाज की गरिमा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। हम सत्य के साथ खड़े हैं – चाहे वो कोई भी हो। गुर्जर समाज अब सिर्फ न्याय की बात करेगा, भावनाओं की नहीं।” निष्कर्ष – सामाजिक न्याय की मिसाल इस घटनाक्रम ने साबित कर दिया कि सामाजिक पंचायतें यदि सत्य, जांच और निष्पक्षता के आधार पर निर्णय लें, तो वो न्यायपालिका के समान असरदार बन सकती हैं। विधायक बेदाग घोषित हुए, समाज की गरिमा बची और यह चेतावनी भी दी गई कि अब किसी के चरित्र से खेलने की छूट नहीं दी जाएगी। ✍️ रिपोर्टर: ज़मीर आलम विधायक दर्पण - राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका | सहारनपुर ब्यूरो 📞 8010884848 📧 vidhayakdarpan@gmail.com 🌐 www.vidhayakdarpan.in

"योगी आदित्यनाथ: उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री बने"

✍️ ज़मीर आलम | विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
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🔺 ब्रेकिंग न्यूज़

उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज एक ऐतिहासिक मोड़ दर्ज हो गया है।
योगी आदित्यनाथ अब उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने वाले नेता बन गए हैं। उन्होंने इस मामले में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।


🏛️ इतिहास की इबारत बदली

जहां गोविंद बल्लभ पंत ने स्वतंत्रता पूर्व और पश्चात मिलाकर 8 वर्ष 127 दिन मुख्यमंत्री पद पर कार्य किया था, वहीं योगी आदित्यनाथ ने 8 वर्ष 132 दिन का कार्यकाल पूरा कर यह रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिया है।

यह कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है — यह एक राजनीतिक स्थिरता, लोकप्रिय जनसमर्थन और प्रशासनिक पकड़ का जीवंत प्रमाण है।


🧑‍💼 योगी आदित्यनाथ का सफरनामा

योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनावों में दोबारा जबरदस्त जीत दर्ज की और फिर दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए।

उनका नेतृत्व कई मायनों में चर्चा में रहा —
🔹 कानून व्यवस्था पर सख्ती
🔹 माफिया और अराजकता के खिलाफ अभियान
🔹 बुनियादी ढांचे का तेज़ी से विकास
🔹 डिजिटल प्रशासन, ई-गवर्नेंस और औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन
🔹 अयोध्या राम मंदिर निर्माण की गति और उसके राष्ट्रव्यापी असर


📊 क्या कहते हैं आंकड़े?

नेता का नाम कार्यकाल
योगी आदित्यनाथ 8 वर्ष 132 दिन (अब तक)
गोविंद बल्लभ पंत 8 वर्ष 127 दिन (1946–1954)
नारायण दत्त तिवारी 6 वर्ष 242 दिन
मुलायम सिंह यादव 6 वर्ष 77 दिन
मायावती 4 बार मुख्यमंत्री, कुल 5+ वर्ष

इस आंकड़े से साफ है कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के इतिहास में मुख्यमंत्री पद पर सर्वाधिक निरंतरता और जनसमर्थन प्राप्त किया है।


🔍 इस कीर्तिमान का राजनीतिक और सामाजिक अर्थ

योगी आदित्यनाथ की यह उपलब्धि न सिर्फ व्यक्तिगत नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाती है कि
उत्तर प्रदेश की राजनीति अब स्थिरता और निर्णायक नेतृत्व की ओर बढ़ रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह लंबा कार्यकाल कहीं न कहीं आने वाले राष्ट्रीय समीकरणों को भी प्रभावित करेगा।
क्योंकि योगी अब केवल राज्य नेता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति की एक प्रभावशाली शख्सियत बनकर उभर रहे हैं।


📣 भविष्य की दिशा

ऐसे में सवाल उठता है —
🔹 क्या योगी आदित्यनाथ तीसरी बार भी मुख्यमंत्री बनेंगे?
🔹 क्या उनका अगला पड़ाव राष्ट्रीय राजनीति में कोई अहम भूमिका होगा?
🔹 क्या यह रिकॉर्ड और लंबा होगा?

इन सवालों के जवाब समय देगा, लेकिन एक बात तय है —
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को एक नया स्थायित्व और पहचान दी है।


🗣️ "विधायक दर्पण" की विशेष टिप्पणी

यह कीर्तिमान न केवल व्यक्तिगत, बल्कि उत्तर प्रदेश की जनता और लोकतंत्र की जीत है।

योगी आदित्यनाथ अब न सिर्फ़ उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री हैं, बल्कि वो भारतीय राजनीति में स्थायित्व, अनुशासन और प्रशासनिक नेतृत्व के प्रतीक बन चुके हैं।


✍️ रिपोर्टर: ज़मीर आलम
विधायक दर्पण - राष्ट्रीय राजनैतिक समाचार पत्रिका
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लॉजिस्टिक्स प्रणाली जितना मजबूत होगी, देश की सीमाएं भी उतनी ही मजबूत होंगीः रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने देश के युवाओं से विकसित भारत के निर्माण की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया

पिछले 11 वर्षों में भारतीय रेलवे में अभूतपूर्व ढांचागत परिवर्तन हुए: श्री अश्विनी वैष्णव

गति शक्ति विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में 194 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई

_*गोरखपुर 27 जुलाई,2025*_

गति शक्ति विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह आज वडोदरा में आयोजित किया गया। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह इस समारोह में वर्चुअल माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अपने बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में अभूतपूर्व परिवर्तन का साक्षी बन रहा है, जो देश के आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत नींव रख रहा है।

लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को 21वीं सदी के भारत के लिए गेम चेंजर बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इसमें युवाओं के लिए अपार अवसर हैं और यह विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने युवाओं से विकसित भारत के निर्माण में जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया।

लॉजिस्टिक्स के महत्व को समझाते हुए उन्होंने कहा कि देश में लॉजिस्टिक्स सेवाएं जितनी मजबूत होंगी, हमारी सीमाएं भी उतनी ही मजबूत रहेंगी। जब हम देश के एक हिस्से में निर्मित रक्षा उत्पाद या सैनिकों के लिए खाद्य आपूर्ति समय पर सीमा तक पहुंचाते हैं, तो हमारे सीमा रक्षकों का मनोबल और मजबूत हो जाता है।

सरकार की पहलों पर प्रकाश डालते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाने और मिशन मोड योजनाओं को लागू करने जैसी पहलों ने लॉजिस्टिक्स लागत में काफी कमी की है और डेटा आधारित निर्णय लेने को प्रोत्साहित किया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री और गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले 11 वर्षों में भारतीय रेलवे में हुए परिवर्तनकारी बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में रेल नेटवर्क का 5,300 किलोमीटर तक विस्तार किया गया है और सुरंग निर्माण कुल 368 किलोमीटर तक पहुंच गया है।

इतिहास में ढाई सदियों की अवधि को छोड़कर भारत हमेशा से दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा है। उन्होंने गति शक्ति विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से हर क्षेत्र पर केंद्रित मानव संसाधन का निर्माण करके भारत को एक बार फिर शीर्ष अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर दिया।गति शक्ति विश्वविद्यालय ने लगभग 40 विभिन्न औद्योगिक और शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने भविष्य में मरीन इंजीनियरिंग पर केंद्रित शोध पत्र तैयार करने और समुद्री उद्योगों के साथ समझौता ज्ञापन करने का भी सुझाव दिया।

श्री अश्विनी वैष्णव ने स्नातक छात्रों को भारत की विकास यात्रा में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया और इस क्षेत्र में नवाचार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने गति शक्ति विश्वविद्यालय को "विकास का इंजन" बताया और छात्रों से 2047 तक विकसित भारत के विजन का समर्थन करने का आग्रह किया।

दीक्षांत समारोह में कुल 194 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में डिग्री प्रदान की गई। प्रत्येक पाठ्यक्रम से एक छात्र को शैक्षणिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि उत्कृष्ट परियोजना और सर्वश्रेष्ठ छात्र के लिए भी पुरस्कार भी दिए गए।

गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) मनोज चौधरी ने स्वागत भाषण दिया और पिछले तीन वर्षों में संस्थान के प्रदर्शन के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में वडोदरा के सांसद डॉ. हेमांग जोशी, राजमाता शुभांगिनी राजे गायकवाड़, भारतीय सेना और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, छात्र और उनके अभिभावक उपस्थित थे।

गति शक्ति विश्वविद्यालय, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का एक विजन है जो परिवहन से संबंधित शिक्षा, बहु-विषयक अनुसंधान और प्रशिक्षण पर केंद्रित भारत का पहला विश्वविद्यालय है। गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के लिए प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण, पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के व्यापक उद्देश्यों के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है, जिसका उद्देश्य भारत के बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में क्रांति लाना है।

पीएम गति शक्ति के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण तहत भारत के लिए एक समग्र, एकीकृत और कुशल बुनियादी ढांचे के इकोसिस्टम का निर्माण करना है, जो अतीत की कमियों को दूर करता है और देश को आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की ओर प्रेरित करता है। पीएम गति शक्ति का मुख्य सिद्धांत एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन है, जो रेल, सड़क मार्ग, पत्तन और जलमार्ग जैसे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के एकीकृत नियोजन और समन्वित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए 16 मंत्रालयों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाता है। विधायक दर्पण राजनैतिक समाचार पत्रिका गोरखपुर, उत्तर प्रदेश से पत्रकार ज़मीर आलम की रिपोर्ट 
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मंत्री कपिल देव अग्रवाल के प्रस्ताव पर शुकतीर्थ के विकास हेतु मुख्यमंत्री द्वारा ₹10 करोड़ की स्वीकृति

उत्तर प्रदेश के पावन धार्मिक स्थल शुकतीर्थ के सर्वांगीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने (1350 लाख रुपये) की स्वीकृति प्रदान की है। जिसमे मंत्री कपिल देव अग्रवाल के प्रस्ताव पर 10 करोड़ व क्षेत्रीय विधायक मिथलेश पाल के प्रस्ताव पर 3.50 करोड़ क़ी स्वीकृति पर्यटन विभाग के द्वारा दी गई है। इस बजट से क्षेत्र में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं का व्यापक विकास किया जाएगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को नई गति मिलेगी।

मंत्री श्री कपिल देव अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि “शुकतीर्थ केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि ऋषि शुकदेव जी की तपोभूमि और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का गौरव है। इसके विकास की माँग वर्षों से की जा रही थी। मैंने इस विषय को गंभीरता से मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रस्तुत किया, और उनके मार्गदर्शन व संवेदनशीलता के फलस्वरूप ₹13.50 करोड़ की यह ऐतिहासिक स्वीकृति प्राप्त हुई है। 

इस निधि से तीर्थ क्षेत्र  में भागवत कथा केंद्र एवं 5D म्यूजियम की स्थापना व सूक्ति परिषद की कार्यालय का निर्माण कार्य, शुकतीर्थ में प्राचीन सुखदेव मंदिर एवं वट वृक्ष का पर्यटन विकास, शुभ तीर्थ में रविदास मंदिर का पर्यटन विकास एवं सत्संग भवन का निर्माण तथा आधारभूत संरचनाएं, पर्यटन सुविधाएं, श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थल, सुंदर घाट, प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छता, सुरक्षा एवं सड़क संपर्क आदि को सुदृढ़ किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि “शुकतीर्थ के विकास की यह स्वीकृति केवल एक बजट घोषणा नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह जी की तत्परता और भारतीय जनता पार्टी की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति का प्रत्यक्ष उदाहरण है।

 उन्होंने पुन: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि योगी ज़ी एक ऐसे मुख्यमंत्री है जिनकी अगुवाई में प्रदेश में न केवल कानून व्यवस्था सशक्त हुई है, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थलों का भी अभूतपूर्व विकास हो रहा है।

उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह जी ने जिस संवेदनशीलता और तत्परता से शुकतीर्थ के विकास प्रस्ताव पर अमल किया, वह प्रशंसनीय है। उनके सहयोग से ही ₹13.50 करोड़ की यह ऐतिहासिक स्वीकृति संभव हो सकी है — जिसमें ₹10 करोड़ मेरे प्रस्ताव पर तथा ₹3.50 करोड़ क्षेत्रीय विधायक श्री मिथलेश पाल जी के प्रस्ताव पर स्वीकृत हुए हैं।

कपिल देव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने सदैव ‘संस्कृति और सनातन’ को राष्ट्रनीति से जोड़ा है। शुकतीर्थ के विकास के माध्यम से हम अपने वैदिक गौरव, ऋषि परंपरा और आस्था की धारा को नई ऊर्जा देने का कार्य कर रहे हैं।

शुकतीर्थ मुज़फ्फरनगर जनपद में स्थित एक ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल है, जहाँ प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु शुकदेव मुनि की स्मृति में एकत्र होते हैं। इस क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र पर और अधिक प्रमुखता दिलाने के लिए यह बजट स्वीकृति एक निर्णायक कदम है। विधायक दर्पण राजनैतिक समाचार पत्रिका से पत्रकार ज़मीर आलम 
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मंत्री कपिल देव ने दिखाई वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी : मुजफ्फरनगर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्रांति

प्रदेश सरकार में मंत्री, मुजफ्फरनगर से विधायक
कपिल देव अग्रवाल द्वारा पिछले माह रेल मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव को पत्र लिख कर मेरठ से लखनऊ तक चलने वाली गाड़ी संख्या 22489/22490 वन्दे भारत एक्सप्रेस का विस्तारीकरण श्रीअयोध्या धाम को जोड़ते हुए वाराणसी तक करने का आग्रह किया था। जिसे रेल मंत्री जी ने स्वीकृत किया था, आज उसी उपलक्ष्य में मंत्री कपिल देव ने हापुड़ स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

आज प्रातः 7.20 पर जब वंदे भारत हापुड़ स्टेशन पर रुकी तो लोगों के चेहरे पर अद्भुत खुशी के भाव थे।

मंत्री कपिल देव ने कहा कि रेल विभाग देश की रीढ़ की हड्डी है, यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के कुशल नेतृत्व में चहुंओर विकास के कार्यक्रम लगातार चल रहे है। अब मेक इन इंडिया के अंतर्गत वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेन पूरी तरह भारत में ही स्वनिर्मित है।
अब वंदे भारत ट्रेन मेरठ से चलकर श्री अयोध्या धाम होते हुए वाराणसी तक जाएगी।

मंत्री कपिल देव ने रेल मंत्री का आभार प्रकट करते हुए बताया की अब तक जनपद मुज़फ्फरनगर, मेरठ, बागपत, शामली, हापुड़ के यात्रियों को श्री अयोध्या धाम व वाराणसी तक जाने के लिए दिल्ली से रेल की सुविधा लेनी पडती थी। जो अब मेरठ से ही सीधे वाराणसी तक जा सकते है। "विधायक दर्पण" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश से ज़मीर आलम की रिपोर्ट 
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वीरांगना फूलन देवी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प: पटना में वीआईपी पार्टी ने मनाया शहादत दिवस

ब्लॉग रिपोर्ट: ज़मीर आलम, विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका


"फूलन देवी सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक विचार थीं – सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और वंचितों की बुलंद आवाज़।"

यही भावना थी 26 जुलाई को पटना के बापू सभागार में आयोजित वीरांगना फूलन देवी शहादत दिवस के मौके पर, जहां विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने एक भावुक और प्रेरणादायक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया।

🔥 मुकेश सहनी की अगुवाई में ऐलान – फूलन देवी की राह पर बढ़ेगी वीआईपी पार्टी

वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने इस आयोजन को केवल श्रद्धांजलि सभा नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन की भूमिका करार दिया। उन्होंने दो टूक कहा –
"फूलन देवी ने अपने जीवन से यह साबित किया कि वंचितों की चुप्पी को आवाज़ में बदला जा सकता है। अब वीआईपी पार्टी उनकी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाएगी।"

🎙️ वाराणसी जिला अध्यक्ष सुचित साहनी का उद्बोधन

इस सभा में उपस्थित वाराणसी जिला अध्यक्ष श्री सुचित साहनी ने कहा –
"फूलन देवी ने विषम परिस्थितियों में जन्म लेकर जातीय भेदभाव, पितृसत्ता और सामाजिक असमानता के खिलाफ जो युद्ध लड़ा, वह आज भी हर शोषित की आत्मा को हिम्मत देता है। हमारा कर्तव्य है कि हम उनके विचारों को सिर्फ याद न करें, बल्कि उन्हें सामाजिक बदलाव का आधार बनाएं।"

🔦 मीडिया प्रभारी मयंक कश्यप की प्रतिबद्धता

वाराणसी जिला मीडिया प्रभारी मयंक कुमार कश्यप ने कहा –
"फूलन देवी सामाजिक बदलाव की मशाल थीं। यह श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक प्रतिज्ञा है – कि हम हर उस आवाज़ के साथ खड़े होंगे जिसे समाज ने नज़रअंदाज़ किया है।"

👥 आयोजन में शामिल रहे ये प्रमुख चेहरे:

  • सुचित साहनी (जिला अध्यक्ष, वाराणसी)
  • मयंक कुमार कश्यप (जिला मीडिया प्रभारी)
  • रामनारायण बिंद
  • सरोज चौधरी
  • सागर सिंह
  • चंदन निषाद (जिला उपाध्यक्ष)
  • डॉ अशोक निषाद (जिला सचिव)
  • दिलीप वर्मा (जिला उपाध्यक्ष)
  • चंद्रशेखर निषाद (विधानसभा उपाध्यक्ष)
  • सरदार रविंद्र सिंह
  • आनंद पटेल
    साथ ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक भी उपस्थित रहे।

🌾 निष्कर्ष:

वीआईपी पार्टी का यह आयोजन केवल अतीत को याद करने की रस्म नहीं था, बल्कि भविष्य की एक दिशा तय करने की घोषणा थी। फूलन देवी की विचारधारा अब सड़कों से संसद तक की यात्रा में प्रेरणास्त्रोत बनेगी।

📰 विशेष रिपोर्ट

रिपोर्टर: ज़मीर आलम
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कौशल रथ का शुभारंभ: एलम नगर पंचायत में कम्प्यूटर शिक्षा की नई क्रांति

रिपोर्ट: ज़मीर आलम, विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका

आज शामली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एलम नगर पंचायत में एक ऐतिहासिक क्षण तब सामने आया, जब राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री आदरणीय चौधरी जयंत सिंह जी की प्रेरणा से संचालित कौशल विकास मंत्रालय के तत्वावधान में #कौशल_रथ अभियान के तहत कम्प्यूटर से सुसज्जित कौशल बस का विधिवत उद्घाटन किया गया।

यह बस विद्यार्थियों को कम्प्यूटर की बेसिक ट्रेनिंग देने के उद्देश्य से तैयार की गई है, जो विशेष रूप से ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के लिए एक सुनहरा अवसर है।

🎉 उद्घाटन समारोह की झलक:

कौशल बस का फीता काट कर उद्घाटन किया गया, जिसमें क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
उद्घाटन समारोह में उपस्थित प्रमुख हस्तियां:

  • विधायक श्री अशरफ अली ख़ान जी
  • सदर विधायक श्री प्रसन्न चौधरी जी
  • जिला अध्यक्ष श्री वाजिद प्रमुख जी
  • राजन जावला जी
  • सतवीर पंवार जी
  • नगर अध्यक्ष एलम
  • नगर पंचायत एलम के चेयरमैन श्री अश्वनी जी
  • योगेंद्र पंवार जी
  • मुखिया जी
  • श्री सुबोध भारतीय जी
  • श्री जयकवार जी
  • पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारीगण एवं स्थानीय ग्रामवासी

📚 क्यों महत्वपूर्ण है यह पहल?

आज के डिजिटल युग में कम्प्यूटर शिक्षा अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को यदि सही दिशा और संसाधन मिले, तो वे किसी भी प्रतियोगिता में शहरों के विद्यार्थियों से पीछे नहीं रहेंगे।

कौशल रथ का उद्देश्य है —
✅ डिजिटल साक्षरता बढ़ाना
✅ रोजगार योग्य हुनर विकसित करना
✅ ग्रामीण छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ना

🌱 स्थानीय प्रतिक्रिया:

स्थानीय लोगों ने इस पहल का हृदय से स्वागत किया और कहा कि यह एक ऐसा प्रयास है, जो आने वाले वर्षों में क्षेत्र की शिक्षा और स्वावलंबन की तस्वीर ही बदल सकता है।

✍️ निष्कर्ष:

कौशल रथ केवल एक बस नहीं, बल्कि अवसरों का एक चलता-फिरता द्वार है, जो तकनीक, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर ग्रामीण भारत को ले जाने का एक प्रेरणादायक प्रयास है।

इस सराहनीय योजना के लिए कौशल विकास मंत्रालय, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और विशेष रूप से चौधरी जयंत सिंह जी का आभार व्यक्त करना चाहिए, जिन्होंने इस क्रांति की कल्पना की और उसे ज़मीन पर उतारा।


📌 रिपोर्टर: ज़मीर आलम
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आरक्षण दिवस के साथ-साथ समाजवादी पार्टी ने पीडीऐ ने स्थापना दिवस भी मनाया

बिड़ौली।  राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेश पर सभी जिलों में अपने सीनियर नेताओं के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं के साथ विधायक एक मैरिज होम  संस्थापना  दिवस मनाया
शनिवार क़ो समाजवादी पार्टी की ओर से मेरठ करनाल हाईवे विरासत मैरिज होम में आरक्षण दिवस के साथ-साथ पीडीऐ स्थापना दिवस भी मनाया 

जिसके मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी के कैराना से विधायक चौधरी नाहिद रहे सुरेंद्र कुमार तन ने अपने वक्त में बताया कि जब-जब भी भाजपा की सरकार आई तब तब इन्होंने निजीकरण किया वाजपेई की सरकार में भी निजीकरण हुआ था अब फिर मोदी सरकार में भी निजीकरण हो रहा है।

 हमारे उत्तर प्रदेश 5000 स्कूलों को बंद कर दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिया गया है। उन स्कूल की दूरी गांव से लगभग चार या पांच किलोमीटर  दूर है जहां पर छोटे-छोटे बच्चों का जाना मुश्किल हो जाता है. यह सरकार गरीब पिछड़ा दलित अल्पसंख्यकों क़ो अनपढ़ रखना चाहाती है 

जब हमारी सरकार थी तब हमारे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को 18 लाख लैपटॉप बांटे थे.वही अफसर मुखिया कहा की हम विधायक नाहिद हसन को चौथी बार विधायक बनाकर भेजेंगे अगर हमारी सरकार आई तो अखिलेश जी इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल जरूर करेंगे।

 वहीं मुख्य अतिथि विधायक नाहिद हसन ने अपने वक्तव में कहा की भाजपा शासन में गुंडागर्दी चरम पर है सभी हदों की सीमा पार कर चुके हैं।बीजेपी सरकार आपस में हिंदू मुसलमानों को लड़ाने का काम करती है. बीजेपी कभी भी महंगाई बेरोजगारी शिक्षा पर बात नहीं करती. 

आज के समय मे महंगाई ने गरीबो की कमर तोड़ रखी है. जिसका बदला जनता 2027 मे इस सरकार क़ो उखाड़ फेक कर सत्ता से बहार कर के लेगी कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्ण ब्लॉक प्रमुख शेर सिंह राणा ने आए सभी मेहमानों का धन्यवाद किया और कहां प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार जनता से उत्पीड़न का शिकार कर रही है।

 दलित पिछड़े की आवाज प्रदेश में केवल समाजवादी सरकार में ही उठाई जाती थी 2027 में आप समाजवादी पार्टी की सरकार बनाओ फिर गरीब मजदूर अपने बच्चों को फ्री में शिक्षा ग्रहण कर सकेगा 

इस कार्यक्रम की संचालक कर रहे चौधरी कलीम हसन पर जिला अध्यक्ष युवा वाहिनी इस मौके पर सरदार भगवान सिंह सरदार जोगिंदर सिंह भुट्टू प्रधान मंसूर सरदार राम सिंह प्रधान दाभेड़ी बुजुर्ग सरदार अजय सिंह मास्टर शमशेर अली शौकिंदर तोमर बॉबी प्रधान मंसूरा नवाब मेंबर मास्टर याकूब संदीप चौधरी जिला पंचायत सदस्य अजीम खान इस्लाम MD वह जिला शामली के पदाधिकारी कार्यकर्ता आदि मौजूद रहे।

एआईएमआईएम पार्टी कार्यालय पर मीटिंग का आयोजन

बिडौली/झिंझाना। बिड़ौली सादात में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी की बैठक का आयोजन पार्टी कार्यालय पर किया गया। जिसमें पार्टी को लेकर अहम चर्चा की गई शुक्रवार को झिंझाना क्षेत्र गांव बिड़ौली सादात में देर शाम एआईएमआईएम पार्टी कार्यालय पर एक मीटिंग आयोजन किया गया। 

यह मीटिंग जिला अध्यक्ष शामली हाफिज मोहम्मद इनाम के नेतृत्व की गई मीटिंग में आगामी चुनाव जिला पंचायत विधानसभा को लेकर अहम चर्चा की जो पदाधिकारी जिला पंचायत की तैयारियां कर रहे है वह अपने वार्ड फील्ड में मेहनत करे और पार्टी को आगे बढ़ाने का काम करे। 

बैठक में जिला अध्यक्ष ने सभी आने वाले पदाधिकारियों सदस्यों का फूल मालाओं से स्वागत किया जिला अध्यक्ष हाफिज इनाम ने कहा कि पार्टी दलित, मजदूर और पिछड़ों के हक में काम करती है। 

पार्टी को मजबूत करने के लिए घर-घर सदस्यता अभियान चलाएंगे। और पार्टी को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। इस दौरान मीटिंग मे,शारुख खान ग्राम अध्यक्ष बिड़ौली सादात,अकरम खान ब्लोक अध्यक्ष ऊन, बरकत खान,मोलाना सहजाद,हैदर अली, रियाज खान जिला सचिव शामली, आदि कार्यकर्ता मोजूद रहे। "विधायक दर्पण" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका से पत्रकार शाकिर अली की रिपोर्ट 
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जन अपेक्षाओं पर खरा उतरना सरकार की प्राथमिकता, धरातल पर दिखें योजनाएं: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या एवं देवीपाटन मंडल के जनप्रतिनिधियों, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की*

मुख्यमंत्री ने कहा- पंचायत, नगर निकायों से लेकर विधानसभा स्तर तक अपनाई जाए समन्वय, संवाद और संरचना आधारित कार्य संस्कृति*

मुख्यमंत्री ने कहा- सीएम ग्रिड योजना और नगर निकायों को अलग से दी गई धनराशि का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो*
 
*मुख्यमंत्री ने कहा- ग्रामीण अंचलों में पेयजल, जलनिकासी और सड़कों के निर्माण को दी जाए गति*
 
*बोले मुख्यमंत्री- प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल चिन्हित कर, कराएं सौंदर्यीकरण के कार्य*
 
मुख्यमंत्री ने कहा- सेतुओं के निर्माण को ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना’ से जोड़े*
 
*बोले मुख्यमंत्री- बाढ़/आपदा प्रभावित क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर को दी जाए प्राथमिकता, समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण हो कार्य*
 
26 जुलाई, लखनऊ।* उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अयोध्या एवं देवीपाटन मंडल के जनप्रतिनिधियों, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य, जनप्रतिनिधियों से सीधे संवाद स्थापित कर उनकी प्राथमिकताओं और जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप विकास कार्यों की गति और गुणवत्ता सुनिश्चित करना था।
 
बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश सरकार केवल योजनाएं बनाकर ही नहीं रुकती, बल्कि उन योजनाओं को धरातल पर उतारने और जनता तक लाभ पहुंचाने में भी विश्वास करती है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए शासन और जनप्रतिनिधियों के बीच सशक्त संवाद आवश्यक है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नगर निकायों को अलग से वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराती है और सीएम ग्रिड योजना के माध्यम से नगरों के समग्र विकास को नई दिशा दी जा रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि नगर निगम एवं नगर निकाय अपने-अपने क्षेत्र में संचालित विकास योजनाओं की समीक्षा करते समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवश्य शामिल करें। जनप्रतिनिधियों को योजनाओं की जानकारी देना, उनके सुझावों को शामिल करना और कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखना प्रशासन की ज़िम्मेदारी है।
 
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि जिन नगर निकाय क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया गया है, वहां पर विशेष ध्यान दिया जाए। इन नए शहरीकृत गांवों में पेयजल, जलनिकासी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता से पूरी कराई जाएं ताकि नगरीय सुविधा और ग्रामीण पहचान के बीच सामंजस्य बना रहे।
 
उन्होंने निर्देश दिए कि जिला मुख्यालयों को फोर लेन और ब्लॉक मुख्यालयों को कम से कम दो लेन की सड़कों से जोड़ने का कार्य तेज़ी से किया जाए। इसके साथ ही, सभी विभाग ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उन्हें तत्काल ठीक कराने के लिए समन्वित प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल विभाग की ज़िम्मेदारी नहीं बल्कि शासन की संवेदनशीलता का परिचायक है।
 
सड़क अवसंरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की सड़कों की चौड़ाई को 3.5 मीटर से बढ़ाकर 5 मीटर किया जा रहा है। इससे न केवल यातायात अधिक सुरक्षित और सुगम होगा, बल्कि आपातकालीन सेवाएं जैसे एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की पहुँच भी तेज़ हो सकेगी। यह निर्णय शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
 
बैठक में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग को निर्देशित किया गया कि प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन स्थल चिन्हित किया जाए और वहां पर सौंदर्यीकरण के साथ-साथ जनसुविधाओं का विकास किया जाए। इससे स्थानीय पर्यटन को बल मिलेगा और ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
 
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि सेतुओं के निर्माण को प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना से जोड़ा जाए। यह योजना विभिन्न अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के समन्वय को सुदृढ़ करने का एक राष्ट्रीय मॉडल है। इसके अंतर्गत सेतु निर्माण कार्यों को तीव्रता से आगे बढ़ाया जा सकता है और वित्तीय संसाधनों का भी समुचित उपयोग सुनिश्चित होता है।
 
बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केवल लोक निर्माण विभाग ही नहीं, बल्कि सभी विभाग- चाहे वह नगर विकास हो, जल शक्ति हो या पर्यटन विभाग अपनी कार्ययोजनाएं तैयार करते समय जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करें। इससे योजनाएं ज़मीन से जुड़ेंगी और वास्तविक समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
 
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं में शामिल किया जाए। जो कार्य योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं, उनकी टेंडर प्रक्रिया तत्काल पूर्ण की जाए और मानसून के बाद जनप्रतिनिधियों के कर-कमलों से उनका भूमि पूजन कराया जाए। इससे न केवल विकास कार्यों को गति मिलेगी बल्कि जनसहभागिता और उत्तरदायित्व की भावना भी सशक्त होगी।
 
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को उनके क्षेत्रों की जनता से निरंतर संवाद बनाए रखने, योजनाओं की जानकारी देने और शासन तक जनता की समस्याएं पहुंचाने की जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शासन और जनता के बीच सेतु की भूमिका निभाते हुए जनप्रतिनिधि पारदर्शिता और जवाबदेही की मिसाल बनें।
 
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने उन क्षेत्रों का विशेष उल्लेख किया जो हाल ही में बाढ़ या किसी अन्य आपदा से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर के पुनर्निर्माण को प्राथमिकता दी जाए और संबंधित योजनाओं को समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा किया जाए।
 
बैठक के समापन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संवाद और समीक्षा केवल एक बैठक नहीं, बल्कि शासन के नई कार्य संस्कृति का संकेत है, जहां योजनाएं सिर्फ फाइलों में नहीं, जनता के जीवन में बदलाव लाने वाली साबित हों। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस संवाद मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू किया जाए, ताकि “सबका साथ, सबका विकास” और “सबका विश्वास” का मंत्र हर योजना, हर कार्य में परिलक्षित हो। "विधायक दर्पण" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए लखनऊ,, उत्तर प्रदेश से ज़मीर आलम की रिपोर्ट 
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