
विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका व ऑनलाइन न्यूज़ समर्पित है देश के उन जांबाज़,ईमानदार,कर्तव्यनिष्ठ सभी राजनैतिक पार्टियों के माननीय विधायकों के लिए जिन्होंने देश सेवा में हमेशा अपनी निधि से हमेशा नई-नई तकनीक द्वारा अपनी अपनी विधानसभाओ में सहयोग दिया ये देश सदा ऐसे विकास पुरुष माननीयों का ऋणी रहेगा दोस्तों अच्छे और बुरे लोग हर जगह होते है लेकिन राजनीति में हमेशा कुछ विधायकों की पार्टियों द्वारा हमेशा अनदेखी ही की है
Featured Posts
बसपा अध्यक्ष की भाभी के देहांत पर बसपा वरिष्ठ पदाधिकारीयों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर शौक़ प्रकट किया
झिंझाना नगर पंचायत में सीमा विस्तार को लेकर विवाद, सभासदों ने डीएम से की कार्यवाही की मांग
रिपोर्ट: शाकिर अली | “विधायक दर्पण” संपूर्ण राजनैतिक समाचार पत्रिका | झिंझाना/बिड़ौली, शामली
कस्बा झिंझाना एक बार फिर से नगर पंचायत की राजनीति को लेकर सुर्खियों में है। इस बार मामला है बिना प्रस्ताव और विचार-विमर्श के सीमा विस्तार किए जाने का, जिस पर नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेश पाल कश्यप को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है।
बुधवार को कस्बे के आधा दर्जन से अधिक सभासदों ने जिलाधिकारी शामली अरविंद कुमार चौहान को एक लिखित प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा मनमाने ढंग से फैसले लिए जा रहे हैं।
सभासदों का कहना है कि नगर पंचायत अध्यक्ष न तो सभासदों के प्रस्तावों पर विचार कर रहे हैं, और न ही उनके द्वारा सुझाए गए विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं। आरोप यह भी लगाया गया कि अध्यक्ष की हठधर्मिता और एकतरफा कार्यशैली के कारण कस्बे के विकास कार्य ठप हो चुके हैं।
क्या है मामला?
नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा जमालपुर और अलीनगर जैसे आसपास के गांवों को झिंझाना की सीमा में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है, जो सभासदों और कस्बावासियों दोनों को ही अस्वीकार्य है।
सभासदों का कहना है कि न तो इस मुद्दे पर किसी प्रकार की मीटिंग बुलाई गई, न ही किसी प्रकार का औपचारिक प्रस्ताव पारित हुआ है। इसके बावजूद अध्यक्ष एकतरफा निर्णय लेकर पंचायत की सीमाओं को मनमाने ढंग से विस्तारित करना चाह रहे हैं।
आपत्ति दर्ज कराने वाले प्रमुख सभासदों में शामिल हैं:
- तस्लीम
- इस्तखार
- शाहनवाज़
- हाशिम
- नसीर
- जिशान
- रिहाना बेगम
- अनुज कुमार
इन सभी ने एक सुर में कहा कि यह कार्यवाही न केवल नियमों के खिलाफ है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था और स्थानीय प्रतिनिधियों के सम्मान के भी विरुद्ध है।
जनता में आक्रोश
झिंझाना कस्बे के निवासियों का भी कहना है कि सीमा विस्तार से पहले व्यापक जनसुनवाई होनी चाहिए। जमालपुर और अलीनगर को नगर पंचायत में शामिल करने से न तो इन गांवों की सहमति है, और न ही कस्बा झिंझाना के लोगों की।
सभासदों की मांग:
सभासदों ने जिलाधिकारी शामली से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कर उचित कार्यवाही की जाए और नगर पंचायत अध्यक्ष को बिना विश्वास और सहमति के किसी भी गांव को सीमा में शामिल करने से रोका जाए।
“विधायक दर्पण” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए विशेष रिपोर्ट
📞 8010884848
🌐 www.vidhayakdarpan.com
✉️ vidhayakdarpan@gmail.com
#VidhayakDarpan #नगरपंचायत_झिंझाना #सभासदों_का_विरोध #शामली_समाचार #राजनीति_झिंझाना #DMShamli #SureshPalKashyap #SeemaVistarVivad
बिड़ौली सादात कार्यालय पर सदयस्ता मीटिंग का आयोजन
विवाद की चिंगारी और सियासी थप्पड़
दिनांक 29 जुलाई 2025, लखनऊ
घटनाक्रम—एक नज़र
मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव पर एक निजी समाचार चैनल के पैनल डिस्कशन के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। लाइव प्रसारण में ही मौजूद सपा नेता कुलदीप भाटी ने मौलाना की बात पर कड़ी आपत्ति जताते हुए स्टूडियो में उन्हें थप्पड़ रसीद कर दिया। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
‘छुट भैय्या’ से ‘बाहुबली’ तक!
सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है कि मौलाना की धार्मिक वेश‑भूषा ने कुलदीप भाटी के “साहस” को दो‑क़दम आगे बढ़ा दिया। कुछ यूज़र तंज कस रहे हैं—
“टिप्पणी करने वाला ‘मौलाना’ था, इसलिए थप्पड़ चल गया; वरना योगेन्द्र राणा जब‑जब सांसद इक़रा हसन पर अमर्यादित भाषा इस्तेमाल करता है, तब सपा खेमे में ऐसी हिम्मत क्यों नहीं दिखती?”
दोहरे मापदंड का सवाल
बात केवल एक थप्पड़ की नहीं, बल्कि दोहरे मानदंड की है।
- योगेन्द्र राणा नामक स्वयंभू ‘फ़ायरब्रांड’ लगातार सपा सांसद इक़रा हसन के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बयान देता रहा है।
- अभी तक किसी सपा कार्यकर्ता या नेता ने उसके ख़िलाफ़ ऐसी आक्रामक प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया नहीं दिखाई।
- राजनीतिक पंडित इसे “चुनिंदा आक्रोश” या “मौक़े का मिज़ाज” कह रहे हैं; पार्टी नेतृत्व पर “निर्वाचित और स्वतः‑भक्त नेता के बीच भेदभाव” का आरोप भी लग रहा है।
सियासी बयानबाज़ियाँ
- सपा प्रवक्ता ने भाटी को “भावनाओं में बह गया कार्यकर्ता” बताते हुए घटना को “स्वाभाविक मानवीय प्रतिक्रिया” कहा।
- भाजपा प्रवक्ताओं ने तंज कसा—“सपा का असली चेहरा हिंसा है; बहस नहीं, थप्पड़ ही उनका तर्क है।”
- Meanwhile, मौलाना साजिद रशीदी ने एक वीडियो जारी कर कहा, “मैंने महज़ राजनीतिक टिप्पणी की थी; शरीफ़ पार्टी के नेता ने गुंडागर्दी दिखाई।”
मीडिया एथिक्स बनाम सनसनीख़ेज़ी
टीवी चैनल पर लाइव हिंसा ने न्यूज़रूम सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी सवाल खड़े किए:
- पैनलिस्ट की स्क्रीनिंग और सेक्योरिटी ब्रिफ़िंग कितनी माकूल है?
- क्या टीवी चैनल केवल टीआरपी के लिए अति‑उत्तेजक बहसें करवा रहे हैं?
- लाइव हमला दर्शकों को गलत संदेश देता है कि “हिंसा बहस का वैध जवाब” है।
आगे का रास्ता
- कानूनी पहलू: न्यूज़ स्टूडियो में मारपीट दंडनीय अपराध है; आईपीसी की धारा 323 (साधारण मारपीट) और 504 (उकसावे) लागू हो सकती है।
- पार्टी अनुशासन: सपा नेतृत्व को तय करना होगा कि ऐसी तीखी व्यक्तिगत कार्रवाइयों पर दृढ़ आचार‑संहिता लागू की जाए।
- लोकतांत्रिक विमर्श: मतभेदों को तर्क, तथ्य और शालीनता से न सुलझाकर जब थप्पड़ से हल किया जाएगा, तब लोकतांत्रिक संवाद कमजोर पड़ेगा।
निष्कर्ष
सियासत में शब्दों की गरिमा और विचारों की बहस ज़रूरी है। व्यक्तिगत आस्था‑सम्बद्ध पहचान या महिला‑विरोधी बयानबाज़ी—दोनों ही निंदनीय हैं। मगर जवाब में हिंसा भी उतनी ही अलोकतांत्रिक है। सवाल यह है कि सपा सिर्फ़ चर्चित चेहरों के अपमान पर ही गरजती‑बरसती क्यों नज़र आती है? क्या हर महिला प्रतिनिधि के सम्मान की लड़ाई समान रूप से लड़ी जाएगी? आने वाले दिन बताएँगे कि यह थप्पड़ तात्कालिक था या पार्टी‑नीति में बदलाव की दस्तक।
📌 रिपोर्टर: ज़मीर आलम
🎥 कैमरामैन: —
📞 8010884848
🌐 www.vidhayakdarpan.in
📧 vidhayakdarpan@gmail.com
#VidhayakDarpan #HindiEnglishNews #PoliticalBlog #SPControversy #MediaEthics
पूर्व भाजपा नेत्री अनामिका शर्मा को कोर्ट ने पुलिस डिमांड पर भेजा
धर्मसंघ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आध्यात्मिक उपस्थिति: स्वामी करपात्री जी को श्रद्धांजलि और साधु-संतों से संवाद
लेखक: ज़मीर आलम | स्रोत: विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
वाराणसी | दिनांक: 28 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जीवन जहां राजनीति से प्रेरित है, वहीं उसका मूल आधार आध्यात्मिकता और सनातन परंपरा में रचा-बसा है। इसी आध्यात्मिक आग्रह का साक्षी बना वाराणसी का धर्मसंघ, जहां योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की शाम धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज को उनके 118वें प्राकट्योत्सव पर नमन करते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
तपोभूमि में मुख्यमंत्री की विनम्र भेंट
सायं 7:45 बजे, जब मुख्यमंत्री दुर्गाकुण्ड स्थित धर्मसंघ मंदिर परिसर पहुँचे, तो उनका स्वागत न केवल मंदिर के साधु-संतों ने किया, बल्कि वातावरण भी उस पल को पवित्र बना रहा था। मुख्यमंत्री सबसे पहले मणि मंदिर पहुँचे, जहां उन्होंने श्रीराम दरबार के दर्शन कर प्रभु राम के चरणों में अपनी भक्ति अर्पित की। इसके पश्चात उन्होंने मंदिर में स्थित 5 फीट ऊँचे नर्वदेश्वर शिवलिंग का पूजन कर विधिवत आरती की।
करपात्री प्रतिमा पर माल्यार्पण
मंदिर परिसर के बाग़ में स्थित करपात्री जी की भव्य प्रतिमा पर मुख्यमंत्री ने माल्यार्पण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। यह क्षण केवल एक श्रद्धा का नहीं, बल्कि सनातन परंपरा के उस महान संत के प्रति आस्था और सम्मान का प्रतीक था जिन्होंने धर्मराज्य की संकल्पना को लेकर भारतवर्ष में वैदिक जीवनशैली के पुनरुत्थान हेतु संघर्ष किया।
धार्मिक प्रतीकों की भेंट और सम्मान
मुख्यमंत्री को इस अवसर पर धर्मसंघ के वर्तमान पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी एवं महामंत्री पं. जगजीतन पाण्डेय द्वारा विशेष रूप से त्रिशूल, दुशाला, तथा स्मृति-चिह्न भेंट किए गए। यह त्रिशूल एक धार्मिक प्रतीक के रूप में भेंट किया गया, जो मुख्यमंत्री के वैराग्य और शक्ति के समन्वय का प्रतिनिधित्व करता है।
गौसेवा और निर्माण कार्यों का निरीक्षण
इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने धर्मसंघ परिसर में निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने करपात्री गौशाला में जाकर गौमाता की सेवा की और स्वामी शंकरदेव चैतन्य के साथ स्वयं गायों को चारा खिलाकर सनातन संस्कृति में गौसेवा की परंपरा को सजीव किया।
काशी के विद्वानों से संवाद
इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने काशी के प्रमुख संस्कृत विद्वानों से भेंट की।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारीलाल शर्मा, प्रो. हृदय रंजन शर्मा, प्रो. ब्रजभूषण ओझा, करपात्री गौरव सम्मान से अलंकृत प्रो. उपेंद्र पाण्डेय और प्रो. उपेंद्र तिवारी समेत कई आचार्यों ने मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श किया।
धर्म और सत्ता का समन्वय
यह यात्रा केवल एक श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि यह दर्शाती है कि सत्ता और साधना जब एक साथ चलें तो राष्ट्र की दिशा सकारात्मक और संस्कारित होती है। योगी आदित्यनाथ न केवल एक संवैधानिक पद पर आसीन हैं, बल्कि वह उस परंपरा के वाहक भी हैं जो भारत के अध्यात्म को जीवित रखे हुए है।
विधायक दर्पण का निष्कर्ष
मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल धार्मिक दृष्टि से प्रेरणास्पद रहा, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि आज के शासक जब धर्म की धरती पर सिर नवाते हैं, तो वे जन-मन में विश्वास, श्रद्धा और सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित करते हैं।
लेखक संपर्क:
ज़मीर आलम
प्रधान संपादक, विधायक दर्पण
📞 8010884848
🌐 www.vidhayakdarpan.in
📧 vidhayakdarpan@gmail.com
#VidhayakDarpan #SwamiKarpatri #YogiAdityanath #Dharmasangh #वाराणसी_समाचार #HinduTradition #SanatanDharma #गौसेवा #KarpatriJayanti #रामदरबार #नर्वदेश्वरशिवलिंग #SpiritualPolitics #सनातन_शक्ति
भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड को केन्द्र से मिलेगी और धनराशि
शहर के भिन्न भिन्न वार्डो में बिजली के स्मार्ट मीटर के बिल, ऑनलाइन बिल जमा पश्चात भी बिजली चालू न होने जैसी कई गंभीर विषयों से अवगत कराया: सलमान अहमद
“मौलाना नहीं, उस लिबास में गीदड़ है जनाब – रशीदी की सच्चाई जानिए”
लेखक – ज़मीर आलम | विशेष रिपोर्ट – विधायक दर्पण राष्ट्रीय राजनैतिक समाचार पत्रिका
आज के दौर में जब सोशल मीडिया सच्चाई और झूठ के बीच की दीवार को बहुत बारीक कर चुका है, तब लिबास और हुलिया देखकर किसी के किरदार का अंदाज़ा लगा लेना एक आम चलन बन गया है। खासकर ‘मौलाना’ जैसे सम्मानित शब्द को जिस तरह से हल्के में लिया जा रहा है, वह न केवल मुसलमानों के मज़हबी दर्जे का अपमान है बल्कि हमारे सामाजिक विवेक का भी पतन है।
किसी के सिर पर टोपी हो और चेहरे पर दाढ़ी हो, तो उसे ‘मौलाना’ कहना शुरू कर देना आज एक फैशन बन चुका है, जबकि असल मौलाना वो होता है जो समाज को रास्ता दिखाए, मजहब की रौशनी में इंसानियत का परचम लहराए। मौलाना वह है, जो अपने किरदार, व्यवहार, इल्म और तहज़ीब से लोगों को प्रभावित करे, ना कि किसी राजनीतिक पार्टी का मोहरा बनकर समाज में जहर घोले।■ किस्सा रशीदी का – "लिबास मौलाना का, किरदार नालायक का"
हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें एक शख्स, जो मौलाना जैसी पोशाक में था, उसने देश की एक प्रतिष्ठित महिला नेता के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की। ये कोई और नहीं बल्कि मुलायम सिंह यादव की बहू और वर्तमान सांसद डिंपल यादव थीं, जिनकी सादगी, व्यवहार, संस्कार और गरिमा का सम्मान देश के हर नागरिक ने हमेशा किया है – फिर चाहे वो किसी भी धर्म या पार्टी से क्यों न हो।डिंपल यादव – एक ऐसी महिला, जो न केवल समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं, बल्कि देश के पूर्व रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की बहू भी हैं। उनका आचरण हिंदुस्तानी तहज़ीब की मिसाल है। जब उनके खिलाफ इस तरह की घटिया टिप्पणी की गई तो सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक महिला का, एक भारतीय संस्कृति की प्रतिनिधि का अपमान हुआ।
■ यह कोई मौलाना नहीं – यह है आईटी सेल का किराए का एजेंट
जिसने भी डिंपल यादव को निशाना बनाया, वह एक तथाकथित "रशीदी" नामक शख्स है जो बीजेपी की आईटी सेल का पेड एजेंट है। उसे दिहाड़ी पर रखा गया है – एक दिन के 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक मिलते हैं, इस बात पर कि वो टीवी पर या सोशल मीडिया पर आकर कितना ज्यादा अपमानित होगा, और मुस्लिम समाज को कितना ज़लील करवाएगा।यह शख्स ना केवल इस्लाम की तौहीन कर रहा है, बल्कि मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा बन चुका है। यह एक राजनीतिक दल की साजिश के तहत मुसलमानों के लिबास में छिपे एजेंडे को बढ़ावा देता है, ताकि देश में नफरत फैलाई जा सके।
■ मुसलमानों और समाजवादियों से अपील
मैं ज़मीर आलम किसी राजनैतिक/ गैर राजनैतिक पार्टी का समर्थक नहीं हूं और फिर भी एक लेखक के रूप में, तमाम मुसलमानों और समाजवादी साथियों से गुज़ारिश करता हूं कि इस शख्स का सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक बहिष्कार किया जाए। इसे किसी मजलिस, जलसे या प्रोग्राम में बुलाना तो दूर, इसके लिए दरवाज़े भी बंद कर देने चाहिए।इसे ना "मौलाना" कहा जाए, ना "मुस्लिम प्रतिनिधि" समझा जाए। यह सिर्फ और सिर्फ एक किराए का गद्दार है, जो मुसलमानों के नाम पर अपनी जेब भर रहा है और मुसलमानों की ही साख को गिरा रहा है।
इसे मौलाना कहना खुद इस्लाम की तौहीन है।
इसे तो जूतों की माला पहनाकर, समाज के सामने इसका असली चेहरा उजागर किया जाना चाहिए।
■ भावनात्मक क्षमा याचना
अगर मेरी इस पोस्ट में कोई शब्द किसी को कड़वा लगे हों तो माफी चाहता हूं, क्योंकि जब बात एक महिला के सम्मान की हो, और वो भी ऐसी महिला जो सियासत में गरिमा और मर्यादा की प्रतीक हो, तब जज़्बात काबू में नहीं रहते। मेरा उद्देश्य किसी धर्म या विचारधारा का अपमान नहीं बल्कि उस चेहरों को बेनकाब करना है, जो धार्मिक पोशाक को अपने राजनीतिक स्वार्थों की ढाल बनाकर समाज को गुमराह करते हैं।
रिपोर्ट: ज़मीर आलम
विधायक दर्पण राष्ट्रीय राजनैतिक समाचार पत्रिका
📞 संपर्क: 8010884848
✉️ ईमेल: vidhayakdarpan@gmail.com
🌐 वेबसाइट: www.vidhayakdarpan.in
#vidhayakdarpan #DimpleYadav #MaulanaVsFake #BJPItsCell #समाजवादी_पार्टी #FakeMaulana #MuslimIdentity #MahilaSamman #PoliticalAnalysis
"गुर्जर समाज की पंचायत का बड़ा फैसला: विधायक कीरत सिंह बेदाग घोषित – कोमल गुर्जर को सख्त चेतावनी"
"योगी आदित्यनाथ: उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री बने"
📞 8010884848 | 🌐 www.vidhayakdarpan.in | 📧 vidhayakdarpan@gmail.com
#vidhayakdarpan
🔺 ब्रेकिंग न्यूज़
उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज एक ऐतिहासिक मोड़ दर्ज हो गया है।
योगी आदित्यनाथ अब उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने वाले नेता बन गए हैं। उन्होंने इस मामले में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
🏛️ इतिहास की इबारत बदली
जहां गोविंद बल्लभ पंत ने स्वतंत्रता पूर्व और पश्चात मिलाकर 8 वर्ष 127 दिन मुख्यमंत्री पद पर कार्य किया था, वहीं योगी आदित्यनाथ ने 8 वर्ष 132 दिन का कार्यकाल पूरा कर यह रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिया है।
यह कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है — यह एक राजनीतिक स्थिरता, लोकप्रिय जनसमर्थन और प्रशासनिक पकड़ का जीवंत प्रमाण है।
🧑💼 योगी आदित्यनाथ का सफरनामा
योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनावों में दोबारा जबरदस्त जीत दर्ज की और फिर दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए।
उनका नेतृत्व कई मायनों में चर्चा में रहा —
🔹 कानून व्यवस्था पर सख्ती
🔹 माफिया और अराजकता के खिलाफ अभियान
🔹 बुनियादी ढांचे का तेज़ी से विकास
🔹 डिजिटल प्रशासन, ई-गवर्नेंस और औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन
🔹 अयोध्या राम मंदिर निर्माण की गति और उसके राष्ट्रव्यापी असर
📊 क्या कहते हैं आंकड़े?
नेता का नाम | कार्यकाल |
---|---|
योगी आदित्यनाथ | 8 वर्ष 132 दिन (अब तक) |
गोविंद बल्लभ पंत | 8 वर्ष 127 दिन (1946–1954) |
नारायण दत्त तिवारी | 6 वर्ष 242 दिन |
मुलायम सिंह यादव | 6 वर्ष 77 दिन |
मायावती | 4 बार मुख्यमंत्री, कुल 5+ वर्ष |
इस आंकड़े से साफ है कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के इतिहास में मुख्यमंत्री पद पर सर्वाधिक निरंतरता और जनसमर्थन प्राप्त किया है।
🔍 इस कीर्तिमान का राजनीतिक और सामाजिक अर्थ
योगी आदित्यनाथ की यह उपलब्धि न सिर्फ व्यक्तिगत नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाती है कि
उत्तर प्रदेश की राजनीति अब स्थिरता और निर्णायक नेतृत्व की ओर बढ़ रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह लंबा कार्यकाल कहीं न कहीं आने वाले राष्ट्रीय समीकरणों को भी प्रभावित करेगा।
क्योंकि योगी अब केवल राज्य नेता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति की एक प्रभावशाली शख्सियत बनकर उभर रहे हैं।
📣 भविष्य की दिशा
ऐसे में सवाल उठता है —
🔹 क्या योगी आदित्यनाथ तीसरी बार भी मुख्यमंत्री बनेंगे?
🔹 क्या उनका अगला पड़ाव राष्ट्रीय राजनीति में कोई अहम भूमिका होगा?
🔹 क्या यह रिकॉर्ड और लंबा होगा?
इन सवालों के जवाब समय देगा, लेकिन एक बात तय है —
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को एक नया स्थायित्व और पहचान दी है।
🗣️ "विधायक दर्पण" की विशेष टिप्पणी
यह कीर्तिमान न केवल व्यक्तिगत, बल्कि उत्तर प्रदेश की जनता और लोकतंत्र की जीत है।
योगी आदित्यनाथ अब न सिर्फ़ उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री हैं, बल्कि वो भारतीय राजनीति में स्थायित्व, अनुशासन और प्रशासनिक नेतृत्व के प्रतीक बन चुके हैं।
✍️ रिपोर्टर: ज़मीर आलम
विधायक दर्पण - राष्ट्रीय राजनैतिक समाचार पत्रिका
📞 8010884848
📧 vidhayakdarpan@gmail.com
🌐 www.vidhayakdarpan.in
लॉजिस्टिक्स प्रणाली जितना मजबूत होगी, देश की सीमाएं भी उतनी ही मजबूत होंगीः रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह
मंत्री कपिल देव अग्रवाल के प्रस्ताव पर शुकतीर्थ के विकास हेतु मुख्यमंत्री द्वारा ₹10 करोड़ की स्वीकृति
मंत्री कपिल देव ने दिखाई वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी : मुजफ्फरनगर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्रांति
वीरांगना फूलन देवी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प: पटना में वीआईपी पार्टी ने मनाया शहादत दिवस
ब्लॉग रिपोर्ट: ज़मीर आलम, विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
"फूलन देवी सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक विचार थीं – सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और वंचितों की बुलंद आवाज़।"
🔥 मुकेश सहनी की अगुवाई में ऐलान – फूलन देवी की राह पर बढ़ेगी वीआईपी पार्टी
वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने इस आयोजन को केवल श्रद्धांजलि सभा नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन की भूमिका करार दिया। उन्होंने दो टूक कहा –"फूलन देवी ने अपने जीवन से यह साबित किया कि वंचितों की चुप्पी को आवाज़ में बदला जा सकता है। अब वीआईपी पार्टी उनकी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाएगी।"
🎙️ वाराणसी जिला अध्यक्ष सुचित साहनी का उद्बोधन
इस सभा में उपस्थित वाराणसी जिला अध्यक्ष श्री सुचित साहनी ने कहा –"फूलन देवी ने विषम परिस्थितियों में जन्म लेकर जातीय भेदभाव, पितृसत्ता और सामाजिक असमानता के खिलाफ जो युद्ध लड़ा, वह आज भी हर शोषित की आत्मा को हिम्मत देता है। हमारा कर्तव्य है कि हम उनके विचारों को सिर्फ याद न करें, बल्कि उन्हें सामाजिक बदलाव का आधार बनाएं।"
🔦 मीडिया प्रभारी मयंक कश्यप की प्रतिबद्धता
वाराणसी जिला मीडिया प्रभारी मयंक कुमार कश्यप ने कहा –"फूलन देवी सामाजिक बदलाव की मशाल थीं। यह श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक प्रतिज्ञा है – कि हम हर उस आवाज़ के साथ खड़े होंगे जिसे समाज ने नज़रअंदाज़ किया है।"
👥 आयोजन में शामिल रहे ये प्रमुख चेहरे:
- सुचित साहनी (जिला अध्यक्ष, वाराणसी)
- मयंक कुमार कश्यप (जिला मीडिया प्रभारी)
- रामनारायण बिंद
- सरोज चौधरी
- सागर सिंह
- चंदन निषाद (जिला उपाध्यक्ष)
- डॉ अशोक निषाद (जिला सचिव)
- दिलीप वर्मा (जिला उपाध्यक्ष)
- चंद्रशेखर निषाद (विधानसभा उपाध्यक्ष)
- सरदार रविंद्र सिंह
- आनंद पटेल
साथ ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक भी उपस्थित रहे।
🌾 निष्कर्ष:
वीआईपी पार्टी का यह आयोजन केवल अतीत को याद करने की रस्म नहीं था, बल्कि भविष्य की एक दिशा तय करने की घोषणा थी। फूलन देवी की विचारधारा अब सड़कों से संसद तक की यात्रा में प्रेरणास्त्रोत बनेगी।
📰 विशेष रिपोर्ट
रिपोर्टर: ज़मीर आलम
पत्रिका: विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
📞 8010884848
🌐 www.vidhayakdarpan.in
✉️ vidhayakdarpan@gmail.com
#vidhayakdarpan #फूलन_देवी #VIPParty #शहादत_दिवस #सामाजिक_न्याय #महिला_सशक्तिकरण #MukeshSahni #SuchitSahni #MayankKashyap #PhoolanDevi #VidhayakDarpanReport
कौशल रथ का शुभारंभ: एलम नगर पंचायत में कम्प्यूटर शिक्षा की नई क्रांति
रिपोर्ट: ज़मीर आलम, विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
आज शामली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एलम नगर पंचायत में एक ऐतिहासिक क्षण तब सामने आया, जब राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री आदरणीय चौधरी जयंत सिंह जी की प्रेरणा से संचालित कौशल विकास मंत्रालय के तत्वावधान में #कौशल_रथ अभियान के तहत कम्प्यूटर से सुसज्जित कौशल बस का विधिवत उद्घाटन किया गया।
यह बस विद्यार्थियों को कम्प्यूटर की बेसिक ट्रेनिंग देने के उद्देश्य से तैयार की गई है, जो विशेष रूप से ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के लिए एक सुनहरा अवसर है।
🎉 उद्घाटन समारोह की झलक:
कौशल बस का फीता काट कर उद्घाटन किया गया, जिसमें क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।उद्घाटन समारोह में उपस्थित प्रमुख हस्तियां:
- विधायक श्री अशरफ अली ख़ान जी
- सदर विधायक श्री प्रसन्न चौधरी जी
- जिला अध्यक्ष श्री वाजिद प्रमुख जी
- राजन जावला जी
- सतवीर पंवार जी
- नगर अध्यक्ष एलम
- नगर पंचायत एलम के चेयरमैन श्री अश्वनी जी
- योगेंद्र पंवार जी
- मुखिया जी
- श्री सुबोध भारतीय जी
- श्री जयकवार जी
- पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारीगण एवं स्थानीय ग्रामवासी
📚 क्यों महत्वपूर्ण है यह पहल?
आज के डिजिटल युग में कम्प्यूटर शिक्षा अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को यदि सही दिशा और संसाधन मिले, तो वे किसी भी प्रतियोगिता में शहरों के विद्यार्थियों से पीछे नहीं रहेंगे।कौशल रथ का उद्देश्य है —
✅ डिजिटल साक्षरता बढ़ाना
✅ रोजगार योग्य हुनर विकसित करना
✅ ग्रामीण छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ना
🌱 स्थानीय प्रतिक्रिया:
स्थानीय लोगों ने इस पहल का हृदय से स्वागत किया और कहा कि यह एक ऐसा प्रयास है, जो आने वाले वर्षों में क्षेत्र की शिक्षा और स्वावलंबन की तस्वीर ही बदल सकता है।✍️ निष्कर्ष:
कौशल रथ केवल एक बस नहीं, बल्कि अवसरों का एक चलता-फिरता द्वार है, जो तकनीक, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर ग्रामीण भारत को ले जाने का एक प्रेरणादायक प्रयास है।
इस सराहनीय योजना के लिए कौशल विकास मंत्रालय, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और विशेष रूप से चौधरी जयंत सिंह जी का आभार व्यक्त करना चाहिए, जिन्होंने इस क्रांति की कल्पना की और उसे ज़मीन पर उतारा।📌 रिपोर्टर: ज़मीर आलम
🗞 विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
📞 8010884848
🌐 www.vidhayakdarpan.in
✉️ vidhayakdarpan@gmail.com
#vidhayakdarpan #कौशल_रथ #शामलीविधानसभा #डिजिटलभारत #जयंतसिंह #कौशलविकास #ElamNagar #VidhyakDarpanReport