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"गुर्जर समाज की पंचायत का बड़ा फैसला: विधायक कीरत सिंह बेदाग घोषित – कोमल गुर्जर को सख्त चेतावनी"

✍️ ज़मीर आलम | विधायक दर्पण, सहारनपुर ब्यूरो 📞 8010884848 | 🌐 www.vidhayakdarpan.in | 📧 vidhayakdarpan@gmail.com #vidhayakdarpan सहारनपुर की राजनीति में आया निर्णायक मोड़ भाजपा विधायक कीरत सिंह चौधरी और भाजपा महिला नेत्री कोमल गुर्जर के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद ने आखिरकार गुर्जर समाज की पंचायत में स्पष्ट निष्कर्ष पा लिया है। सहारनपुर स्थित गुर्जर भवन में हुई विशेष बैठक में समाज की जांच समिति ने विधायक को बेदाग करार देते हुए कोमल गुर्जर के सभी आरोपों को झूठा, निराधार और बेबुनियाद बताया। 🏛️ गंभीर था मामला, पर समाज ने चुनी परिपक्वता
यह सिर्फ दो व्यक्तियों का विवाद नहीं था, यह पूरा गुर्जर समाज और भाजपा संगठन की साख का सवाल बन चुका था। समाज की आस्था, परंपरा और मर्यादा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि अब फैसले भावना नहीं, साक्ष्य से होंगे। पंच मुखिया वीरेंद्र गुर्जर और चंद्रशेखर गुर्जर ने स्पष्ट कहा कि: > “कोमल गुर्जर कोई भी दस्तावेज या गवाह पेश नहीं कर सकीं। केवल भावनाओं के आधार पर किसी की छवि धूमिल नहीं की जा सकती।” ⚠️ पंचायत में हंगामा – कोमल गुर्जर ने दी छत से कूदने की धमकी बैठक का माहौल उस वक्त उत्तेजित और तनावपूर्ण हो गया जब कोमल गुर्जर ने फैसले के विरोध में उग्र हंगामा किया और छत से कूदने की धमकी दे डाली। हालांकि वरिष्ठ सदस्यों ने समय रहते स्थिति को संभाला और कोमल को शांत किया, लेकिन यह घटना पंचायत में मौजूद सभी लोगों को स्तब्ध कर गई। 📜 पंचायत का फैसला – अब 'आरोप' नहीं, 'बहिष्कार' होगा गुर्जर समाज ने एकमत से निर्णय लेते हुए स्पष्ट किया – > “भविष्य में यदि कोई पक्ष किसी पर बिना साक्ष्य के आरोप लगाता है, तो उस पर सामाजिक बहिष्कार लागू होगा।”
यह चेतावनी दोनों पक्षों पर समान रूप से लागू की गई है – यानी न कोमल अब कोई आरोप दोहराएंगी, न ही विधायक कोई प्रतिक्रिया देंगे। 🧾 विधायक कीरत सिंह चौधरी की प्रतिक्रिया फैसले के बाद विधायक कीरत सिंह ने कहा: > “झूठ चाहे जितना भी बड़ा हो, अंत में हारता है। मैं शुरू से सत्य के साथ था और हमेशा रहूंगा। समाज का निर्णय मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है।” 🤔 राजनीतिक चाल या व्यक्तिगत दुर्भावना? अब चर्चा का नया विषय यह है कि – क्या कोमल किसी राजनीतिक साजिश का शिकार हुईं? क्या इस प्रकरण के पीछे भाजपा गुटबाज़ी या बाहरी दबाव काम कर रहा था? या फिर यह पूरी कहानी सिर्फ व्यक्तिगत आक्रोश और अहम टकराव का परिणाम थी? पंचायत ने तो अपना निर्णय सुना दिया, लेकिन समाज और संगठन के भीतर गूंजती आवाजें अभी शांत नहीं हुई हैं। 📣 पंच मुखिया का बड़ा बयान फैसले के तुरंत बाद वीरेंद्र गुर्जर ने कहा: > “अब समाज की गरिमा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। हम सत्य के साथ खड़े हैं – चाहे वो कोई भी हो। गुर्जर समाज अब सिर्फ न्याय की बात करेगा, भावनाओं की नहीं।” निष्कर्ष – सामाजिक न्याय की मिसाल इस घटनाक्रम ने साबित कर दिया कि सामाजिक पंचायतें यदि सत्य, जांच और निष्पक्षता के आधार पर निर्णय लें, तो वो न्यायपालिका के समान असरदार बन सकती हैं। विधायक बेदाग घोषित हुए, समाज की गरिमा बची और यह चेतावनी भी दी गई कि अब किसी के चरित्र से खेलने की छूट नहीं दी जाएगी। ✍️ रिपोर्टर: ज़मीर आलम विधायक दर्पण - राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका | सहारनपुर ब्यूरो 📞 8010884848 📧 vidhayakdarpan@gmail.com 🌐 www.vidhayakdarpan.in

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