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अखिलेश यादव से शामली के सपा नेताओं की अहम मुलाक़ात, पंचायत चुनाव 2026 व विधानसभा 2027 को लेकर बनी रणनीति

शामली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से जनपद शामली के समाजवादी लोहिया वाहिनी व अन्य अग्रिम संगठनों के पदाधिकारियों ने लखनऊ में शिष्टाचार मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में आगामी पंचायत चुनाव 2026 तथा विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर संगठनात्मक मजबूती पर विस्तृत चर्चा की गई।

जानकारी के अनुसार, मुलाक़ात में समाजवादी लोहिया वाहिनी शामली के जिलाध्यक्ष चौधरी कलीम हसन, पूर्व ब्लॉक प्रमुख शेर सिंह राणा, वरिष्ठ सपा नेता शुशील चौहान, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के जिलाध्यक्ष ठाकुर ज़मीर चौहान, समाजवादी लोहिया वाहिनी के प्रदेश सचिव चौधरी अश्वनी गुर्जर, समाजवादी कार्यकर्ता सौरव पुंडीर और युवजन सभा थानाभवन के विधानसभा अध्यक्ष बिलाल राव शामिल रहे। यह मुलाक़ात जनपद शामली के लोकप्रिय विधायक के सौजन्य से सम्पन्न हुई।

बैठक में उपस्थित नेताओं ने अखिलेश यादव के समक्ष स्पष्ट किया कि पंचायत चुनाव 2026 में संगठन बूथ स्तर तक मज़बूत होकर मैदान में उतरेगा। साथ ही वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में जनपद शामली की तीनों सीटों पर समाजवादी पार्टी को विजय दिलाना उनका लक्ष्य होगा। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान युवाओं, किसानों और मज़दूरों को पार्टी की नीतियों से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने का प्रस्ताव भी रखा गया।

अखिलेश यादव ने सभी नेताओं को संगठनात्मक कार्यों को पूरी ताक़त से अंजाम देने की प्रेरणा दी और आश्वासन दिया कि पार्टी नेतृत्व हर स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता अब बदलाव चाहती है और समाजवादी पार्टी ही प्रदेश को नई दिशा देने का सामर्थ्य रखती है।

मुलाक़ात के बाद नेताओं में काफ़ी उत्साह देखा गया। सभी ने संकल्प लिया कि 2027 में समाजवादी पार्टी को प्रचंड बहुमत दिलाकर अखिलेश यादव को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। "विधायक दर्पण" संपूर्ण राजनैतिक राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए पत्रकार गुलवेज़ आलम की खास रिपोर्ट 
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सहारनपुर में डॉ. शाजिया नाज़ और पत्रकार गुलवेज़ आलम की बैठक, समाज और राजनीति में प्रतिबद्धता की मिसाल

सहारनपुर। शनिवार को सहारनपुर में धरातल ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड कार्यालय में एक विशेष और चर्चा योग्य मुलाक़ात हुई, जिसने स्थानीय राजनीति और सामाजिक सरोकारों में गहरी छाप छोड़ी। इस बैठक में कांग्रेस पार्टी की सहारनपुर जिला उपाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता और समाजसेवी डॉ. शाजिया नाज़ ने अपनी दूरदर्शिता, नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति समर्पण का परिचय देते हुए कैराना निवासी स्वतंत्र पत्रकार गुलवेज़ आलम के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की।

सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाजिया नाज़ न केवल राजनीतिक समझ और संगठनात्मक कुशलता में अग्रणी हैं, बल्कि समाज में बदलाव लाने, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और युवाओं को नई दिशा देने में भी अद्वितीय योगदान रखती हैं। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं की भागीदारी, स्थानीय प्रशासन के सहयोग और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के अपने अनुभव साझा किए। उनके दृष्टिकोण और सहज नेतृत्व ने बैठक में मौजूद सभी को प्रेरित किया।

मुलाक़ात में दोनों ने व्यापार, राजनीतिक हालात, सामाजिक मुद्दों और पारिवारिक दृष्टिकोण पर खुले दिल से विचार साझा किए। डॉ. शाजिया ने न केवल कांग्रेस पार्टी की नीतियों और रणनीतियों पर प्रकाश डाला, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि समाज में वास्तविक बदलाव के लिए केवल नीतियां ही नहीं, बल्कि उनका सही क्रियान्वयन और जनसंपर्क भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

स्वतंत्र पत्रकार गुलवेज़ आलम ने पत्रकारिता की भूमिका, आम जनता की समस्याओं और राजनीतिक पारदर्शिता पर अपने विचार रखे। डॉ. शाजिया ने हर सवाल और विषय पर स्पष्ट और संतुलित दृष्टिकोण अपनाया, जिससे यह साबित हुआ कि राजनीति और समाज सेवा में संवेदनशीलता, समझदारी और प्रतिबद्धता के साथ काम किया जा सकता है।

करीब एक घंटे तक चली यह बैठक व्यक्तिगत और व्यवसायिक विषयों पर भी विस्तृत विचार-विमर्श का अवसर बनी। चर्चा के अंत में दोनों ने एक-दूसरे का तहेदिल से धन्यवाद किया और चाय के साथ इस मुलाक़ात को यादगार बनाया।

विशेषज्ञ मानते हैं कि डॉ. शाजिया नाज़ जैसी समाजसेवी और राजनीतिक हस्तियां न केवल संगठन को मजबूती देती हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव और नई सोच को दिशा भी देती हैं। उनके नेतृत्व और स्पष्ट दृष्टिकोण से समाज के विभिन्न वर्गों में जागरूकता बढ़ती है और राजनीतिक क्षेत्र में निष्पक्षता और पारदर्शिता का संदेश जाता है।

सहारनपुर में हुई यह मुलाक़ात आने वाले समय में सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने वाले नए आयामों की झलक देती है। यह बैठक यह भी साबित करती है कि जब अनुभवी नेतृत्व और निष्पक्ष पत्रकारिता मिलती हैं, तो समाज के विकास और सकारात्मक बदलाव की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। "विधायक दर्पण" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए सहारनपुर, उत्तर प्रदेश से पत्रकार इमरान अब्बास, की खास रिपोर्ट 
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कांग्रेस संगठन सृजन अभियान: निष्ठावान कार्यकर्ताओं को मिलेगी अहम जिम्मेदारी

रुड़की/पिरान कलियर।

कांग्रेस पार्टी ने अपने संगठन सृजन अभियान के तहत कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद और रायसुमारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी क्रम में पिरान कलियर विधानसभा क्षेत्र में एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जहाँ कांग्रेस पर्यवेक्षक राजेश तिवारी ने कार्यकर्ताओं से चर्चा की और जिलाध्यक्ष पद को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।

गंगनहर किनारे स्थित विधायक हाज़ी फुरकान अहमद के कैम्प कार्यालय पर आयोजित इस बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि संगठन की कमान किसी ऐसे व्यक्ति के हाथ में सौंपी जाए, जो ज़मीनी स्तर पर सक्रिय हो, जनता से जुड़ा हुआ हो और संगठन की मजबूती के लिए निष्ठा व समर्पण के साथ काम कर सके।

कार्यकर्ताओं को मिली खुली छूट

पर्यवेक्षक राजेश तिवारी ने कहा कि कांग्रेस का यह प्रयास है कि “नेता कार्यकर्ताओं पर थोपे न जाएं, बल्कि कार्यकर्ता अपने नेता को चुनें।” यही लोकतांत्रिक व्यवस्था की असली ताकत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिलाध्यक्ष पद के लिए अब तक 16 लोगों ने आवेदन किया है, जिससे यह सिद्ध होता है कि कांग्रेस में नेतृत्व करने वालों की कमी नहीं है।

हालाँकि तिवारी ने यह भी संकेत दिए कि केवल आवेदन भरने वालों को ही प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। पार्टी अपने स्तर से गहन मॉनिटरिंग कर रही है और एक गोपनीय सर्वे भी चल रहा है। ऐसे में यह पूरी संभावना है कि कोई ऐसा कार्यकर्ता, जिसने आवेदन न किया हो लेकिन जो संगठनात्मक दृष्टि से अधिक सक्षम और ईमानदार हो, उसे भी यह अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

भाजपा को चुनौती देने वाला नेतृत्व चाहिए

राजेश तिवारी ने कहा कि आज की राजनीतिक परिस्थितियों में कांग्रेस को ऐसा जिलाध्यक्ष चाहिए, जो न केवल कार्यकर्ताओं को जोड़ सके बल्कि भाजपा जैसी सशक्त विपक्षी पार्टी का मुकाबला भी मजबूती से कर सके। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे अपनी राय निर्भीक होकर रखें, ताकि पार्टी नेतृत्व सही फैसले तक पहुँच सके।

विधायक हाजी फुरकान अहमद का संदेश

विधायक हाजी फुरकान अहमद ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यकर्ताओं और जनता ने उन्हें लगातार तीन बार विधायक चुनकर जिस विश्वास का परिचय दिया है, उसके प्रति वे आभारी हैं। उन्होंने कहा कि अब उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह है कि कांग्रेस को एक ऐसा जिलाध्यक्ष मिले, जो पार्टी को मजबूती दे सके और आगामी चुनावों में कांग्रेस को जीत की राह दिखा सके।
उन्होंने विश्वास जताया कि अगर संगठन सशक्त होगा, तो आने वाले समय में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से कोई रोक नहीं सकेगा।

बैठक का संचालन

कार्यक्रम की अध्यक्षता जोधराज सैनी ने की और संचालन साहिल राणा ने किया। बैठक में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे और सभी ने कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के प्रति अपना उत्साह प्रकट किया।


✍️ खास रिपोर्ट:
तसलीम अहमद
रुड़की, उत्तराखंड
"विधायक दर्पण" संपूर्ण राजनैतिक राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए

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हरिद्वार कुंभ 2027: धामी सरकार की बड़ी चुनौती, विपक्ष भी रख सकता है सवाल

हरिद्वार।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में कुंभ मेला 2027 की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि भव्य और दिव्य कुंभ राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी स्थायी प्रकृति के कार्य अक्टूबर 2026 तक पूरे हो जाएं।

सरकार की प्राथमिकताएं

सीएम धामी ने कहा कि भीड़ का दबाव कम करने के लिए नए घाटों का निर्माण, कांगड़ा घाट का विस्तार और मौजूदा घाटों की मरम्मत तेजी से की जाए। साथ ही बहादराबाद–श्यामपुर बाईपास का काम समय से पूरा कर मेले में यातायात सुचारु बनाया जाए। उन्होंने शहरी स्वच्छता, महिला सुविधाएं और स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुदृढ़ करने पर जोर दिया।

सुरक्षा और तकनीकी इंतजाम

धामी ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि प्रत्येक घाट पर लाइफगार्ड, सुरक्षा रस्सी और मोटर बोट उपलब्ध हों। मेला क्षेत्र में कंट्रोल रूम, ट्रैफिक प्लान, मोबाइल ऐप और सूचना केंद्र जैसी डिजिटल सेवाएं लागू की जाएं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और अनुभव को प्राथमिकता दी जाए।

विपक्ष का संभावित रुख

राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि विपक्ष इस पूरे मुद्दे पर सरकार को घेर सकता है। पिछले कुम्भ आयोजन में आई यातायात और सफाई व्यवस्थाओं की खामियां विपक्ष बार-बार उठाता रहा है। ऐसे में 2027 का आयोजन धामी सरकार के लिए एक बड़ी राजनीतिक परीक्षा भी साबित हो सकता है। विपक्ष यह भी सवाल उठा सकता है कि क्या इतने बड़े स्तर पर चल रही परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा पाएगा और क्या इसमें भ्रष्टाचार या संसाधनों की बर्बादी तो नहीं होगी।

प्रशासनिक तैयारी

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि कांगड़ा घाट और महिला घाट का विस्तारीकरण तथा मां मनसा देवी व मां चंडी देवी पैदल मार्ग के सुधार हेतु डीपीआर तैयार है। वहीं एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने कहा कि 5 लाख वाहनों की पार्किंग क्षमता विकसित की जा रही है और दिल्ली व मुजफ्फरनगर से आने वाले वाहनों के लिए विशेष पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए हैं।

निष्कर्ष

यह स्पष्ट है कि हरिद्वार कुंभ 2027 केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से भी एक बड़ी कसौटी है। यदि सरकार तय समय सीमा के भीतर सभी कार्य पूरे कर पाती है तो यह धामी सरकार की बड़ी उपलब्धि होगी, अन्यथा विपक्ष इसे विफलता के रूप में भुनाने में देर नहीं करेगा।

✍️ "विधायक दर्पण" संपूर्ण राजनैतिक समाचार पत्रिका के लिए हरिद्वार से पत्रकार तसलीम अहमद की खास रिपोर्ट
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छपरौली विधायक डॉ. अजय कुमार पहुंचे बाढ़ प्रभावित गांवों में – हथिनी कुंड बैराज से छोड़े पानी ने यमुना को बनाया रौद्र, बढ़ा बाढ़ का खतरा

छपरौली। हथिनी कुंड बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी यमुना नदी को रौद्र रूप धारण करने पर मजबूर कर रहा है। तेज बहाव और बढ़ते जलस्तर के कारण छपरौली थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। टांडा, कुरड़ी, नांगल, ककौर, बदरखा माढी, शबगा और जागौश जैसे गांवों में पानी का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इनमें शबगा, जागौश और ककौर सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां किसानों की गन्ने की खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं और घरों तक पानी पहुंचने का खतरा मंडरा रहा है।

बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत तटवर्ती गांवों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। रेस्क्यू टीम और नौका दल को सक्रिय किया गया है ताकि आपात स्थिति में ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला जा सके। प्राथमिक विद्यालय जागौश में बाढ़ राहत चौकी स्थापित की गई है, जहां सिंचाई विभाग और प्रशासन के कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहकर हालात की निगरानी कर रहे हैं।

हालात गंभीर होते देख छपरौली विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय लोकदल विधायक डॉ. अजय कुमार शबगा और जागौश गांव पहुंचे और बाढ़ प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया। ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि यमुना नदी का तेजी से बढ़ता जलस्तर उनकी गन्ने की फसलें बहा ले गया है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। अपनी पूरी जिंदगी की कमाई को बहते देख किसान सदमे में हैं। इस पर विधायक ने आश्वासन दिया कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर मुआवजे की मांग करेंगे और इस कठिन समय में किसानों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।

मिली जानकारी के अनुसार हथिनी कुंड बैराज पर इस समय 18 गेट खोल दिए गए हैं और लाखों क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पानी छोड़ने की यह रफ्तार जारी रही, तो यमुना किनारे बसे गांवों की स्थिति और भी भयानक हो सकती है। खेतों और घरों में पानी घुसने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।

जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारी हालात पर पल-पल नजर बनाए हुए हैं और कहा गया है कि ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
रिपोर्ट- बिजेंद्र कुमार सिंह पत्रकार, बागपत

Breaking: विधायक फरार, पुलिस पर चली गोलियों की बौछार, हड़कंप!

पटियाला। पंजाब की कानून-व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए सनौर विधानसभा के आम आदमी पार्टी के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ने आज ऐसा कृत्य किया जिसने सभी की आँखें खोल दीं। पंजाब पुलिस ने आज सुबह हरियाणा के करनाल से पठानमाजरा को पुराने बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किया था, लेकिन हिरासत में ही विधायक ने पुलिस के सामने अपनी ताकत का नंगा नाच दिखा दिया।

सूत्रों के अनुसार, जैसे ही पुलिस उन्हें गिरफ्तारी के बाद स्थानीय थाने ले जा रही थी, पठानमाजरा और उनके समर्थकों ने पुलिस वाहन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।  लेकिन हिरासत में पुलिस के साथ मौजूद सुरक्षा व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाते हुए विधायक पठानमाजरा मौके से फरार हो गए।

फिलहाल जानकारी मिली है कि विधायक और उनके साथियों ने फरार होने के लिए एक स्कॉर्पियो और फॉर्च्यूनर का इस्तेमाल किया। पुलिस ने फॉर्च्यूनर को तो पकड़ लिया, लेकिन विधायक पठानमाजरा स्कॉर्पियो में बैठकर बड़े आराम से घटनास्थल से रफूचक्कर हो गए।

यह कोई साधारण फरार होना नहीं था, बल्कि यह स्पष्ट संदेश था कि कानून उनके सामने कितना कमजोर है। पठानमाजरा ने पहले भी सोशल मीडिया पर अपने समर्थकों से अपील की थी कि वे उनके समर्थन में एस.एस.पी. और डी.सी. कार्यालयों का घेराव करें, और आज की घटना ने इस आह्वान को वास्तविकता में बदल दिया।

पटियाला में अब हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस अधिकारी विधायक की तलाश में हर संभावित जगह पर रेड कर रहे हैं, लेकिन पठानमाजरा के फरार होने से कानून-व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है। सवाल उठता है कि क्या एक विधायक कानून से ऊपर हो सकता है और क्या राजनीतिक संरक्षण उसके इतने बड़े अपराध को अंजाम देने की अनुमति देता है?

विधानसभा और आम जनता के बीच यह घटना भारी आक्रोश पैदा कर रही है। आम लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर कानून के सामने विधायक ही फरार हो सकता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा और न्याय की गारंटी कौन देगा? पठानमाजरा की इस करतूत ने पंजाब में राजनीतिक और कानून व्यवस्था की छवि को झकझोर कर रख दिया है।

रिपोर्ट - गुलवेज़ आलम कैराना

झिंझाना के दीपक वढेरा की पहल पर मुख्यमंत्री योगी ने घुमंतू समाज के लिए विशेष बोर्ड गठन की घोषणा

झिंझाना/ लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की विमुक्त और घुमंतू जनजातियों के कल्याण के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया है।  राजधानी लखनऊ के भागीदारी भवन में आयोजित 'विमुक्त जाति दिवस' समारोह के दौरान उन्होंने इन समुदायों के लिए विशेष बोर्ड के गठन की घोषणा की।

इस अवसर पर झिंझाना क्षेत्र के अहमदगढ़ निवासी दीपक वढेरा ने घुमंतू समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए अपनी समस्याओं और अपेक्षाओं को सरकार के समक्ष रखा। दीपक वढेरा की इस पहल के बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण को बोर्ड गठन के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इन समुदायों को भूमि पट्टे और मतदान का अधिकार भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार पहले ही वनटांगिया समुदाय को राजस्व गांव का दर्जा, मताधिकार और आवास, स्कूल व अस्पताल जैसी सुविधाएं प्रदान कर चुकी है। इसी तरह मुसहर, कोल, थारू, गौड़, चेरो, सहरिया, कुम्हार, निषाद और राजभर समाज को भी राज्य की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल चुका है।

योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया कि झिंझाना और अन्य क्षेत्रों की घुमंतू जातियों के लिए भी इसी तरह की योजनाएं लागू की जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में प्रदेश की पुलिस भर्तियों में इन समुदायों के कई युवक-युवतियों का चयन हुआ है, जो सरकार की समावेशी नीतियों को दर्शाता है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने इन समुदायों के वीरगाथापूर्ण इतिहास को याद किया। उन्होंने कहा कि नट, बंजारा, बावरिया, सासी, कंजड़, कालबेलिया, सपेरा और जोगी जैसी जातियों ने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ अदम्य साहस दिखाया। अंग्रेजों ने 1871 में इनके पराक्रम से भयभीत होकर इन्हें जन्मजात अपराधी घोषित कर 'क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट' लागू किया। लेकिन डॉ. भीमराव आंबेडकर के प्रयासों से 31 अगस्त, 1952 को यह कलंक समाप्त हुआ।

इस ऐतिहासिक घोषणा के बाद झिंझाना क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश की घुमंतू जनजातियों में नई उम्मीद और उत्साह जगी है। अब यह समुदाय न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होगा, बल्कि राज्य की विकास योजनाओं में भी सक्रिय भागीदारी निभाएगा। रिपोर्ट - गुलवेज़ आलम कैराना