छपरौली। हथिनी कुंड बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी यमुना नदी को रौद्र रूप धारण करने पर मजबूर कर रहा है। तेज बहाव और बढ़ते जलस्तर के कारण छपरौली थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। टांडा, कुरड़ी, नांगल, ककौर, बदरखा माढी, शबगा और जागौश जैसे गांवों में पानी का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इनमें शबगा, जागौश और ककौर सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां किसानों की गन्ने की खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं और घरों तक पानी पहुंचने का खतरा मंडरा रहा है।
बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत तटवर्ती गांवों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। रेस्क्यू टीम और नौका दल को सक्रिय किया गया है ताकि आपात स्थिति में ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला जा सके। प्राथमिक विद्यालय जागौश में बाढ़ राहत चौकी स्थापित की गई है, जहां सिंचाई विभाग और प्रशासन के कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहकर हालात की निगरानी कर रहे हैं।
हालात गंभीर होते देख छपरौली विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय लोकदल विधायक डॉ. अजय कुमार शबगा और जागौश गांव पहुंचे और बाढ़ प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया। ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि यमुना नदी का तेजी से बढ़ता जलस्तर उनकी गन्ने की फसलें बहा ले गया है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। अपनी पूरी जिंदगी की कमाई को बहते देख किसान सदमे में हैं। इस पर विधायक ने आश्वासन दिया कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर मुआवजे की मांग करेंगे और इस कठिन समय में किसानों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार हथिनी कुंड बैराज पर इस समय 18 गेट खोल दिए गए हैं और लाखों क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पानी छोड़ने की यह रफ्तार जारी रही, तो यमुना किनारे बसे गांवों की स्थिति और भी भयानक हो सकती है। खेतों और घरों में पानी घुसने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।
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