अंतर्राष्ट्रीय सन्त बौद्धिक मंच के स्वामी स्वदेशानंद ब्रह्म गिरि महाराज का छत्तीसगढ़ प्रवास
छत्तीसगढ़। “आज अगर देश सुरक्षित है, सनातन सुरक्षित है और साधु-संत सम्मान के साथ जी रहे हैं, तो इसके पीछे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का मजबूत नेतृत्व है।” यह बात छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष की धर्मपत्नी वीणा सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय सन्त बौद्धिक मंच के मुखिया से लगभग एक घंटे चली विस्तृत चर्चा के दौरान कही।
राष्ट्र, सनातन और गौ माता की सुरक्षा पर मंथन
राष्ट्र, सनातन, गौ माता एवं साधु-संतों की सुरक्षा को लेकर देश-विदेश में निरंतर संवाद कर रहे स्वामी स्वदेशानंद ब्रह्म गिरि महाराज दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास पर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ अंतर्राष्ट्रीय सन्त बौद्धिक मंच के पदाधिकारी, अन्नदाता व पर्यावरण मंच के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उद्योगपति राजकुमार शर्मा, राष्ट्र भक्त सेना छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष सेवानिवृत्त कमांडेंट बी.एल. पुरोहित तथा अंतर्राष्ट्रीय सन्त बौद्धिक मंच छत्तीसगढ़ के प्रदेश महामंत्री एवं सफल व्यवसायी अकलेश जैन भी मौजूद रहे।
डॉ. रमन सिंह से शिष्टाचार भेंट
स्वामी जी एवं प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष से उनके निवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर डॉ. रमन सिंह ने स्वामी जी का पुष्पगुच्छ एवं शाल भेंट कर सम्मानपूर्वक स्वागत किया।करीब 15 मिनट चली चर्चा में स्वामी जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ आदि शक्तियों की भूमि है और यहां की मिट्टी के कण-कण में शक्ति का वास है। जैसे उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, उसी प्रकार छत्तीसगढ़ को “आदि शक्ति भूमि” के नाम से पहचान मिलनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि विधानसभा में प्रस्ताव लाकर छत्तीसगढ़ को “छत्तीसगढ़ आदि शक्ति भूमि” घोषित किया जाए, जिससे यह प्रदेश वैश्विक धार्मिक एवं पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सके। इसके साथ ही साधु-संतों के आश्रमों एवं गौशालाओं के लिए भूमि आबंटन की भी मांग रखी गई।
वीणा सिंह से एक घंटे की सार्थक चर्चा
डॉ. रमन सिंह से भेंट के बाद स्वामी स्वदेशानंद ब्रह्म गिरि महाराज एवं मंच के पदाधिकारियों ने उनकी धर्मपत्नी वीणा सिंह से लगभग एक घंटे तक विस्तृत चर्चा की। इस दौरान राष्ट्र, सनातन, गौ माता और साधु-संतों की सुरक्षा जैसे विषयों पर गहन संवाद हुआ।वीणा सिंह ने कई बार दोहराया कि, “मोदी जी और योगी जी हैं तो हमारा राष्ट्र, हमारा सनातन और हम सभी सुरक्षित हैं। आज हर सनातनी गर्व के साथ सिर उठाकर चल रहा है। हम सभी को एकजुट होकर इस नेतृत्व को मजबूत बनाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि आज का समय सनातन चेतना के पुनर्जागरण का समय है।
बहन का आत्मीय रिश्ता
चर्चा के दौरान साधु-संत परंपरा के अनुसार स्वामी जी ने वीणा सिंह को “माता जी” कहकर संबोधित किया, जिस पर उन्होंने स्नेहपूर्वक कहा कि “मैं आपकी बड़ी बहन हूं, आप मुझे बड़ी बहन कहिए।” इस पर स्वामी जी ने सहर्ष स्वीकार करते हुए कहा कि आज से वे उन्हें “बहन जी” कहकर ही संबोधित करेंगे। इस आत्मीय संवाद ने बैठक को और अधिक भावनात्मक बना दिया।
‘आदि शक्ति भूमि’ प्रस्ताव पर खुशी
छत्तीसगढ़ को “आदि शक्ति भूमि” कहे जाने के सुझाव पर वीणा सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह विचार अत्यंत सराहनीय है और वे स्वयं इस विषय को डॉ. रमन सिंह के समक्ष रखेंगी। चर्चा के दौरान सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय हितों से जुड़े अनेक विषयों पर सार्थक विचार-विमर्श हुआ।
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