एक बड़ी जीत में, सहारनपुर की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने कैराना के लोकप्रिय विधायक नाहिद हसन को 2012 के एक चर्चित मामले में सभी आरोपों से बाइज्जत बरी कर दिया है। यह मामला थाने के घेराव और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोपों से जुड़ा था।
*क्या था मामला?*
विधायक नाहिद हसन ने सरसावा थाना क्षेत्र के एक कब्रिस्तान की जमीन पर कथित अवैध कब्जे के विरोध में आवाज उठाई थी। उन्होंने पीड़ितों की बात सुनी और प्रशासनिक कार्यप्रणाली के खिलाफ आवाज उठाई। लेकिन प्रशासन ने इसे आंदोलन की बजाय 'उपद्रव' बताकर विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया।
*अदालत का फैसला*
अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद विधायक को निर्दोष मानते हुए सभी आरोपों से दोषमुक्त करार दिया। विधायक नाहिद हसन ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं न्यायपालिका का धन्यवाद करता हूं। यह फैसला उन सभी लोगों को जवाब है जिन्होंने मेरे खिलाफ झूठे मुकदमे गढ़े। मैं पहले भी जनता की सेवा करता था, और अब पहले से दोगुनी ताकत से करूंगा।"
*समर्थकों में खुशी की लहर*
फैसले की खबर फैलते ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। जगह-जगह मिठाइयां बांटी गईं और लोगों ने इसे "सच की जीत" बताया। यह फैसला न सिर्फ विधायक की व्यक्तिगत साख की पुनर्प्रतिष्ठा है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि सच्चाई कितनी भी देर से क्यों न सामने आए, मगर जीत उसी की होती है जो जनसेवा की नीयत से चलता है। विधायक दर्पण न्यूज कैराना,शामली से पत्रकार गुलवेज आलम की रिपोर्ट
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