कैराना। आगामी जिला पंचायत सदस्य चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है, जबकि अभी तक चुनाव की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। इस बीच, क्षेत्र के गांव तीतरवाड़ा के प्रमुख नेता और गुर्जर समाज के 12 गाँवों के चौधरी, इकराम चौधरी ने जिला पंचायत वार्ड नंबर 13 से अपनी दावेदारी पेश की है।
इकराम चौधरी की पहचान एक समाजसेवी के रूप में रही है, और उनका परिवार अंग्रेजी शासन काल से समाज के उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत है। उनके इस समर्पण और मेहनत ने उन्हें क्षेत्र के लोगों का प्रिय नेता बना दिया है। उनके समर्थक, जो उनकी संघर्षशीलता और ईमानदारी को सराहते हैं, चुनावी प्रचार में जुट गए हैं और उनके लिए उत्साहपूर्वक काम कर रहे हैं।
हाल ही में, इकराम चौधरी के समर्थकों ने एक महत्वपूर्ण तस्वीर साझा की है, जिसमें इकराम चौधरी समाजवादी पार्टी से कैराना लोकसभा सांसद इकरा हसन को आशीर्वाद देते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है। समर्थकों का कहना है कि सांसद का खुला समर्थन इकराम चौधरी को प्राप्त है, लेकिन अभी तक हसन परिवार के किसी भी सदस्य ने यह घोषणा नहीं की है कि उनका समर्थन किस दावेदार को रहेगा।
इकराम चौधरी की दावेदारी से पूरे क्षेत्र में एक नई उम्मीद जागी है। उनके समर्थक इस बात पर विश्वास व्यक्त कर रहे हैं कि यदि इकराम चौधरी चुनाव जीतते हैं, तो वह समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्य करेंगे। उनकी योजना में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना शामिल है, जिससे क्षेत्र में समग्र सुधार हो सके।
कैराना क्षेत्र का हसन परिवार, जो एक सम्मानित राजनीतिक घराना माना जाता है, उन्होंने हमेशा से क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया है। ऐसे में, इकराम चौधरी पर भरोसा जताना इस बात का संकेत है कि वे एक विश्वासपात्र के रूप में उभर रहे हैं।
हालांकि, इकराम चौधरी की दावेदारी पर विपक्ष भी सक्रिय है और उन पर सवाल उठाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन इकराम चौधरी के समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो उनकी उम्मीदवारी के पक्ष में खड़े होकर अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। वे मानते हैं कि यदि इकराम चौधरी जिला पंचायत केवट 13 से सदस्य बनते हैं, तो यह क्षेत्र की राजनीति में एक नई दिशा प्रदान करेगा।
इस चुनाव में इकराम चौधरी का नेतृत्व और समाज के प्रति उनकी निष्ठा यह दर्शाते हैं कि राजनीतिक क्षेत्र में परिवर्तन की आवश्यकता है। यह चुनाव केवल इकराम चौधरी की व्यक्तिगत दावेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज की आवाज़ को एक नई पहचान और शक्ति देने का अवसर भी है।
जहाँ एक ओर राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तेज है, वहीं दूसरी ओर इकराम चौधरी और उनके समर्थकों की दृढ़ता यह दिखाती है कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इकराम चौधरी अपनी मेहनत और समर्थन के बल पर इस चुनावी दौड़ में सफलता प्राप्त कर पाते हैं या नहीं। यह चुनाव केवल क्षेत्र के भविष्य के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक उत्थान के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। रिपोर्ट गुलवेज आलम
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