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मुज़फ्फरनगर में कौन होगी ‘भाग्यशाली महिला’, जो पायेगी बीजेपी का चेयरमैन टिकट, जाने-कौन है मुख्य दावेदार !

मुजफ्फरनगर। नगर पालिका परिषद के चुनाव का बिगुल बज चुका है, अभी तक कई मजबूत दावेदार चुनाव मैदान में सामने आ रहे थे लेकिन आरक्षण सूची जारी होते ही कई के अरमानों पर पानी फिर गया। उनमे से कुछ ने हिम्मत बटोरी और अपनी-अपनी पत्नियों को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया।

शहर के कुछ और सम्मानित गैर राजनीतिक परिवार भी ऐसे हैं, जिन से जुड़ी महिलाएं भी अध्यक्ष पद के चुनाव मैदान में भाजपा के टिकट की प्रबल दावेदार बनकर उभरी हैं। आज इस खबर में हम आपका परिचय कराते हैं उन सभी संभावित प्रत्याशियों से, जो भाजपा के चेयरमैन टिकट की दावेदारी कर रही हैं। इनमें से किसे टिकट मिलेगा, यह तो भाजपा की अधिकृत सूची जारी होने के बाद ही पता चलेगा लेकिन यह सभी ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गर्म हैं और यह भी लगभग तय है कि टिकट पाने वाली महिला इन्ही में से होगी।

सबसे पहले चर्चा करते हैं मुजफ्फरनगर में भारतीय जनता पार्टी की राजनीति के सबसे प्रमुख चेहरे कपिल देव अग्रवाल की। कपिल देव अग्रवाल शहर से तीन बार के विधायक हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री हैं। मुजफ्फरनगर नगर पालिका का जब सीमा विस्तार हो रहा था तो चर्चा हो रही थी कि मुजफ्फरनगर को भी नगर निगम बना दिया जाएगा।  नगर निगम बनवाकर कपिल देव अग्रवाल अपनी पत्नी को मेयर का चुनाव लड़ाना चाहते हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी कपिल देव को एक बार चेयरमैन, 3 बार विधायक और दो बार मंत्री बनने का मौका दें चुकी है, इसलिए इस बार कपिल देव के परिवार को टिकट मिलने की कोई संभावना नहीं है और न हीं कपिल देव ने अपनी पत्नी या किसी अन्य परिजन के लिए टिकट की मांग की है।

अगला चेहरा है नगर पालिका परिषद की निवर्तमान अध्यक्ष अंजू अग्रवाल का। अंजू अग्रवाल कांग्रेस से चुनाव जीती थी पर जब से चुनाव जीती तब से कपिल देव अग्रवाल से उनका 36 का आंकड़ा चलता रहा था, जिसके चलते उनके काम में रोज अड़ंगे लगाए जा रहे थे। अंजू मुकाबला कर भी रही थी लेकिन आखिर में पारिवारिक दबाव के चलते केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान के समक्ष भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई। तकनीकी रूप से तो अंजू अग्रवाल वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी में हैं, लेकिन भाजपा ने कभी भी अंजू अग्रवाल को अपना नहीं माना, चाहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मुजफ्फरनगर आगमन रहा हो या अन्य कोई भी अवसर। कार्यकाल पूरा होने तक अंजू अग्रवाल कपिल देव के कोप का कारण बनती रही और रोज किसी ना किसी नई मुसीबत में फंसती रही। वह भी नगर पालिका चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से टिकट चाहती हैं पर बीजेपी में उनके टिकट मिलने की कोई संभावना नहीं है। इसी परिवार के सुरेंद्र अग्रवाल भी टिकट के प्रबल इच्छुक हैं लेकिन उनको भी टिकट मिलने की कोई संभावना नहीं है। मुजफ्फरनगर की राजनीति को जानने वाले जानते हैं कि इस परिवार के मूलचंद सर्राफ शहर में बहुत प्रभाव रखते थे और उन्हीं के प्रभाव का नतीजा था कि भारतीय जनता पार्टी के प्रभुत्व वाले इस शहर में एक बार उनका बेटा पंकज अग्रवाल और दूसरी बार उनके छोटे भाई अशोक अग्रवाल की पत्नी अंजू अग्रवाल शहर की चेयरमैन बन गई। गत दिनों उनका निधन हो गया है और भारतीय जनता पार्टी से इस बार इस परिवार को टिकट मिलने की कोई संभावना फिलहाल नहीं है।

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