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पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल का निधन — लातूर में अंतिम सांस, राजनीतिक जगत में शोक की लहर

मुंबई/लातूर। भारतीय राजनीति के सबसे सम्मानित और शालीन नेताओं में शुमार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल का आज निधन हो गया।

वे 90 वर्ष के थे और लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे।

शनिवार सुबह लगभग 6:30 बजे, उन्होंने महाराष्ट्र के लातूर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। परिवार के अनुसार, वे पिछले कई महीनों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और उनका घरेलू उपचार चल रहा था।

उनका पूरा नाम शिवराज पाटिल चाकुरकर था, और वे अपने सौम्य स्वभाव, सरल जीवनशैली और व्यवस्थित राजनीतिक सोच के लिए जाने जाते थे।


राजनीति में छह दशक का लंबा सफर

शिवराज पाटिल भारतीय राजनीति में एक ऐसा नाम थे जो गरिमा, संतुलन और संवाद की परंपरा का प्रतीक माना जाता है।
उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण Constitutional और Administrative पदों पर कार्य किया:

  • लोकसभा अध्यक्ष (1991–1996)
  • भारत के गृह मंत्री (2004–2008)
  • कई बार लोकसभा और राज्यसभा सदस्य
  • महाराष्ट्र के राज्यपाल (कार्यकाल अवधि के दौरान अतिरिक्त ज़िम्मेदारियों के साथ)

उनकी राजनीतिक शैली में संयम, संवादशीलता और गहन अध्ययन की झलक हमेशा दिखाई देती थी।


देशभर में शोक की लहर

उनके निधन की खबर से राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
कांग्रेस नेताओं, विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ राजनेताओं ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी और उन्हें आधुनिक भारतीय संसदीय राजनीति का मजबूत स्तंभ बताया।


निजी जीवन और विरासत

लातूर जिले के चाकुर से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति के शीर्ष तक पहुँचने वाले शिवराज पाटिल ने अपनी सादगी से लोगों का दिल जीता।
उनकी छवि एक कानूनविद, प्रशासक और उदार नेतृत्वकर्ता के रूप में हमेशा याद की जाएगी।


अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार

परिवार के अनुसार, अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को लातूर में रखा जाएगा।
देश के कई राजनीतिक नेता और समर्थक श्रद्धांजलि देने के लिए पहुँच रहे हैं।


संपूर्ण राजनैतिक समाचार पत्रिका "विधायक दर्पण"
के लिए इस संवेदनशील क्षण पर पत्रकार ज़मीर आलम की विशेष रिपोर्ट।

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