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कांग्रेस नेता अब्दुल हफीज के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर- सांसद अख्तर, हुकुम, इकरा, विधायक बशीर और सत्तार को जिताने में हफीज का था योगदान

कैराना। प्रदेश के साथ-साथ क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता अब्दुल हफीज मुल्तानी अब इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं, जिससे कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओ सहित क्षेत्र के लोगों की आंखे गम से नम हो गईं  शनिवार की रात को वरिष्ठ कांग्रेस नेता अब्दुल हफीज मुल्तानी ने दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। हफीज साहब के निधन से परिजनों सहित क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बताया जाता है कि अब्दुल हफीज मुल्तानी की तबीयत काफी समय से खराब चल रही थी, जिसके चलते उन्हें उपचार के लिए शामली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए और उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में रेफर कर दिया, जहां डॉक्टरों ने हफीज साहब की हालत गंभीर बताई। उपचार के दौरान शनिवार बा तारीख 22 जून 2024 की रात करीब 11:00 बजे  दिल्ली के अस्पताल में हफीज साहब ने अंतिम सांस ली।  हफीज साहब के निधन की खबर पूरे हिंदुस्तान की बिरादरी सहित कैराना शहर व क्षेत्र में फैलते ही शोक की लहर दौड़ गई तथा उनके चाहने वाले नम आंखों के साथ उनके आवास पर पहुंचने लगे। उनके बेटे नईम ने बताया कि उनकी तबीयत कई दिनों से ठीक नहीं थी, जिसके चलते उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था तथा उपचार के दौरान दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उनका शनिवार की देर रात को निधन हो गया।
 मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि हफीज साहब ने क्षेत्र के चौधरी खाप के दिवंगत सांसद अख्तर हसन को कैराना लोकसभा सीट पर कांग्रेस के सिंबल पर ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। दिवंगत सांसद बाबू हुकुम सिंह ने भी एक बार कांग्रेस के सिंबल पर कैराना सीट जीती थी, जिसमें हफीज ने काफी मेहनत की थी और कैराना में हुकुम का इक्का चलाया था। वहीं हफीज ने दिवंगत सांसद अख्तर हसन की पोती और गिनीज बुक में कैराना का नाम दर्ज कराने वाली दिवंगत सांसद मुनव्वर हसन की इकलौती बेटी सांसद इकरा हसन को गठबंधन से कैराना लोकसभा सीट जितवाने में अहम भूमिका निभाई। हफीज साहब ने कैराना देहात आर्यपुरी से सत्तार हसन को भी प्रधानी सीट पर बैठाने में मदद की थी। हफीज साहब करीब 40 साल से कांग्रेस की बागडोर संभाल रहे थे। कैराना समेत क्षेत्र में कांग्रेस का झंडा फहराने में अब्दुल हफीज मुल्तानी को सबसे आगे माना जाता है।  अब्दुल हफीज मुल्तानी के निधन से माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी को अब ऐसा नेता नहीं मिल सकता। अब्दुल हफीज मुल्तानी की मौत से कांग्रेस पार्टी सहित मुस्लिम मुल्तानी लोहार बिरादरी को बड़ा झटका लगा है। पूरे देश की मुस्लिम मुल्तानी बिरादरी सहित कैराना शहर और क्षेत्र में गमगीन माहौल है। कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी सहित कार्यकर्ताओ एवं  कस्बे और क्षेत्र के साथ ही व्हाट्सएप यूजर्स भी अब्दुल हफीज के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। विधायक दर्पण न्यूज कैराना, शामली, उत्तर प्रदेश से पत्रकार गुलवेज आलम/ इमरान अब्बास की रिपोर्ट 
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