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आगरा शहर में कांग्रेस की रीड की हड्डी कहे जाने वाले कांग्रेस और व्यापारी नेता गोविंद अग्रवाल का आज प्रातः करीब 5:00 बजे निधन हो गया। वह काफी समय से एक लंबी बीमारी से जूझ रहे थे। गोविंद अग्रवाल लगभग 80 वर्ष के थे जिन्होंने मृत्यु होने पर अपने मृत शरीर की दे दान की घोषणा पहले से ही कर रखी थी


परिवारीजनों ने उनकी घोषणा का सम्मान करते हुए एसएन मेडिकल कालेज को उनकी देहदान का निर्णय लिया। सुल्तानपुरा आगरा छावनी स्थित उनके पैतृक निवास से शवयात्रा मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना होगी। गोविंद अग्रवाल व्यापारियों के हितों के लिए अंतिम समय तक सक्रिय रहे।


उन्होंने आगरा में कांग्रेस को मजबूत करने में भी सक्रियता निभाई थी तो वहीं व्यापारियों की लड़ाई के लिए वह तत्पर खड़े रहते थे व्यापारियों का उत्पीड़न ना हो उनका शोषण ना हो और उनके हक की लड़ाई लड़ी जा सके इसलिए उन्होंने आगरा मंडल व्यापार संगठन भी बनाया और उसके संस्थापक सदस्य भी रहे। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त अग्रवाल समाजसेवा व राजनीति में भी सक्रिय रहे।





उन्होंने युवक कांग्रेस से राजनीतिक सफर की शुरुआत की और विभिन्न पदों पर रहते हुए वर्ष 1998 और वर्ष 2002 में कांग्रेस की टिकट पर आगरा पूर्व विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था। वे शहर के हितों के लिए हमेशा संघर्षरत रहे और इसके लिए उन्हें जेल यात्राएँ भी कीं। गोविंद अग्रवाल रेलवे सलाहकार समिति, टेलीफोन सलाहकार समिति, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड जैसी सरकारी समितियों के सदस्य और आगरा कॉलेज के ट्रस्टी भी रहे। वे जनवरी, 2016 को अचानक पक्षाघात से ग्रस्त होकर डाक्टर की सलाह पर निवास पर ही आराम कर रहे थे। उनके निधन से शहर के व्यापारिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई।

@Vidhayak Darpan

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