जनविरोधी तीनों काले कानून वापसी की लिया भी देनी होगी भाजपा को वोट की चोट तभी काले कानूनों की वापसी संभव,भारतीय किसान मजदूर सेना के प्रमुख वह कुंडू खास उत्तर प्रदेश के बाबा उपेंद्र चौधरी ने कहा कि जैसे ही ये खबर न्यूज़ चैनलों पर फ़्लैश हुई कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई जिसके बाद पेट्रोल के दाम 5 रुपये और डीजल के दाम में 10 रुपये लीटर की कमी होगी तो एकबारगी यक़ीन नही हुआ मगर फ़ौरन ही याद आ गया कि हालिया उपचुनाव में मिली करारी हार ने अपना रंग दिखा दिया है और नतीजा बहुत जल्द
सामने आ गया है, खास तौर पर हिमाचल में एक लोकसभा सीट और 3 विधानसभा सीटों पर भाजपा की बड़ी हार से भाजपा सकते में आ गई दिख रही है, ऊपर से हिमाचल के मुख्यमंत्री ने मीडिया में बयान दिया कि ये हार बढ़ती महंगाई का नतीजा है, ज़ाहिर बात है महंगाई ने हिमाचल में ही नही देश भर में अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है और ये असर हालिया उपचुनाव ही नही कुछ राज्यों में आने वाले चुनाव में भी अपना असर दिखलायेगा इसकी पूरी संभावना नज़र आ रही है, ट्विटर और बाक़ी सोशल मीडिया पर नज़र डालें तो यूजर खुलकर लिख रहे हैं कि अगर उपचुनाव के नतीजे पेट्रोल डीजल की इतनी कीमत घटवा सकते हैं तो अगर कुछ राज्यो में भाजपा को वोट की चोट दी जाए तो बढ़ती महंगाई पर काफ़ी लगाम लग सकती है,
वोट की चोट काफी ताकतवर होती है इसका अंदाज़ा केंद्र की भाजपा सरकार को शायद 2014 के बाद पहली बार हुआ है और अजय समझी जाने वाली मोदी की भाजपा बखूबी समझ रही होगी कि जिस जनता को वो देशहित जैसे मुद्दों पर भटकाकर आसानी से महंगाई की डोज़ लगातार परोस रही थी वो शायद अब नही चल पाएगा, जनता को कुछ वक्त तक तो फिजूल के मुद्दों में भटकाया जा सकता है मगर काठ की हांडी हमेशा नही चढ़ती और लोगो की जब समझ में आ जाता है तो फिर जनता परिवर्तन कर ही देती है और ऐसा भारत के इतिहास में अक्सर देखने मे आया भी है कि महंगाई से परेशान जनता ने जब मन बनाया तो फिर सरकारें ही बदल गई और हालिया उपचुनाव में बस यही सब हुआ है, बहरहाल जो भी हुआ है जनता के लिए तो खुशखबरी का सबब है
और अगर अब भी महंगाई के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य सरकारें नही चेती तो जनता खुद इनको सबक सिखा देगी ऐसा महसूस होने लगा है जनता अब महंगाई डायन को बर्दाश्त करने को बिल्कुल भी तैयार नही दिखती। उपचुनाव में मिली हार से जहां भाजपा आत्ममंथन में लग गई है वहीं आमजन को भी मंथन करना होगा कि भाजपा द्वारा किस तरीके से शोषण किया जा रहा है और जनविरोधी तीन काले कानूनों से आकर कितना लंबा और कितना नुकसान होगा इन सभी आत्मांतन के बाद हम सब को जागरूक होकर बीजेपी सरकार को सबक सिखाने के लिए वोट की चोट देनी होगी क्योंकि यह तीन काले कानून केवल किसान विरोधी नहीं जनविरोधी है इसलिए जन-जन को जागृत होकर देनी होगी बीजेपी को वोट की चोट तभी जनहित में कानून को वापसी लेने को मजबूर होगी केंद्र सरकार इसके लिए हम सभी को देनी होगी वोट की चोट।
@Vidhayak Darpan
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