1947 वो आजादी नहीं थी वो भीख थी और जो आजादी मिली है वो
2014 में मिली है कंगना रनौत के इस विवादित बयान से देश भर में भारी रोष फैला हुआ है। पद्मश्री वापस लेने की मांग भी तेज हो रही है। रनौत
सोशल मीडिया पर काफी आलोचना की जा रही है और कंगना के खिलाफ देश भर में विज्ञापन और तहरीर भी दी गई है और भाजपा के
मंत्री व नेताओं ने भी इसकी आलोचना की है,फिल्म कलाकार कंगना रनौत का पुतला भी फूंका गया है। सोशल मीडिया पर सोनू सूद को पद्मश्री पुरस्कार का असल हकदार कहां जा रहा है... जिन्होंने करोना
काल में मजदूर और मजबूर बेसहारा लोगों को देश भर में सबसे आगे बढ़कर हर संभव मदद की।
@Vidhayak Darpan
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