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बाप बेटे की जोड़ी के सपा में शामिल होने से सपा रालोद के कई राजनीतिक चेहरों के रंग पड़े पीले


पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का प्रमुख चेहरा जहां हरेंद्र मलिक गिने जाते हैं वहीं युवा दिलों की धड़कन है पंकज मलिक जहां हरेंद्र मलिक चार बार विधायक और राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं वही पंकज मलिक भी दो बार रह चुके हैं  सदस्य विधानसभा,जनपद शामली और मुजफ्फरनगर की राजनीतिक धुरंधरों को भी सताने लगा है अब टिकट कटने का खतरा सपा रालोद दोनों ही पार्टियों के नेताओं में बेचैनी,जनपद शामली में मुजफ्फरनगर जनपद की चरथावल बुढाना खतौली और शामली विधानसभाओं पर दिखेगा खासा असर,अब देखना यह होगा कि किस सीट से लेते हैं पंकज मलिक टिकट,आपको बता दें कि जैसे ही पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेंद्र मलिक द्वारा कांग्रेस पार्टी को  छोड़ें जाने की घोषणा की गई थी

तभी से कुछ राजनेताओं के रंग पीले पड़ने शुरू हो गए थे कुछ मान रहे थे रालोद में जाएंगे तो कुछ सपा में लेकिन दोनों ही पार्टी के नेताओं में थी बेचैनी जैसे ही कल हरेंद्र मलिक व पंकज मलिक ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष ली वैसे जहां राजनीतिक में चल रही चर्चा की किस पार्टी में जाएंगे को लगा विराम वहीं रालोद और सपा नेताओं में बड़ी बेचैनी अब सवाल यह कि किस सीट से लड़ेंगे चुनाव क्योंकि जनपद मुजफ्फरनगर व शामली की कई सीटों पर है मलिक परिवार का दखल रखते हैं हरेंद्र मलिक चार बार विधायक और एक बार राज्यसभा सदस्य रह चुके वहीं युवाओं के दिलों पर राज करने वाले युवाओं के दिलों की धड़कन पंकज मलिक भी दो बार विधायक रह चुके हैं यदि बात करें शामली जनपद की शामली विधानसभा से रह चुके हैं

विधायक और यदि चुनाव लड़ते हैं तो रालोद और सपा गठबंधन के चलते किस पार्टी के कोटे में आएगी शामली विधानसभा सीट यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन जब से पंकज मलिक के कार्य में छोड़ने की चर्चा राज गलियारों से आनी शुरू हुई थी तभी से रालोद के नेताओं के रंग पीले पड़ने शुरू हो गए थे खासकर प्रसन्न चौधरी को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पति होने के नाते रालोद से शामली विधानसभा से टिकट के लिए ठोक रहे हैं ताल जिसके चलते बीजेपी को छोड़कर थामा है रालोद का हाथ लेकिन मलिक परिवार के राजनीतिक वजूद एवं मलिक होने के नाते चौकी शामली विधानसभा पर मलिक मतदाताओं की वोट अधिक है से घबराए हुए हैं वहीं चर्चा विधानसभा में पूर्व प्रत्याशी एवं दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे मुकेश चौधरी जहां अपना टिकट पक्का मान रहे थे वही वर्तमान जिला पंचायत सदस्य सत्येंद्र बालियान द्वारा समाजवादी का दामन थामने से परेशान थे टिकट कटने का डर सता रहा था

वही ऐसे में मलिक परिवार द्वारा सपा का दामन थामे जाने से बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं क्योंकि राजनी गलियारों में चर्चा है कि चरथावल विधानसभा से ही पंकज मलिक लड़ेंगे विधानसभा का चुनाव जहां मुकेश चौधरी परेशान है वही हाल ही में संभाग का दामन थाम राजनीति को आगे बढ़ाने की सोच रहे सत्येंद्र बालियान को भी लगा है बड़ा झटका केवल यह राजनीतिक उठापटक चरथावल तक ही सीमित नहीं जनपद मुजफ्फरनगर की बुढाना वह खतौली विधानसभा सीटों पर भी बढ़ गई है  हलचल जहां आम वोटरों में खुशी है कि कांग्रेसका घटता वजूद और मलिक के सपा में आने से सपा रालोद गठबंधन को मिलेगी मजबूती और बीजेपी को दिया जाएगा मुंहतोड़ जवाब वही नेताओं की चेहरे की हवाइयां उड़ रही है ज्योति टिकट की लाइन में लेकिन अब देखना यह होगा कि यह पिता और बेटे की जोड़ी सपा रालोद गठबंधन को कितने मजबूती दिला पाती हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इतना तय है कि जैसे ही दोनों पिता और पुत्र ने समाजवादी पार्टी को ज्वाइन किया वैसे जनपद शामली में मुजफ्फरनगर की राशि गलियारों में एक भूचाल सा आ गया है

अब यह भूचाल चुनाव में सुनामी बन पाता है या नहीं यह तो आने वाला समय बताएगा किसका कटेगा टिकट क्या रहेगी गठबंधन की रूपरेखा यह तो आने वाला सवाल है लेकिन वर्तमान में इतना तय है कि सपा और रालोद दोनों ही पार्टी के नेताओं के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई है लेकिन वही यह भी बात साफ किया है कि मलिक परिवार से गठबंधन को मिलेगी मजबूती औरकांग्रेस पार्टी को जो झटका लगा है उसकी पूर्ति होना असंभव सा दिख रहा है वही सपा रालोद गठबंधन को मजबूती मिल रही है तो बीजेपी में बढ़ रही है बेचैनी अब कितना सही निर्णय साबित होता है इनको कांग्रेस को छोड़ने का कितना लाभ दिला पाते हैं गठबंधन को और कितनी दिक्कतें खड़ी कर पाते हैं बीजेपी के सामने यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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