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सरकार ने फरमान जारी किया है, कि 50 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों को कार्य कुशलता की समीक्षा के आधार पर जबरन रिटायर किया जाएगा. इसलिए


... आओ सब भारत वासी 

    आज और अभी प्रण करें, कि

 पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक

    ऐसे किसी नेता को वोट देकर 

 नहीं चुनेंगे, जो 50 वर्ष से अधिक 

      उम्र के हों, ताकि देश की 

 कार्य कुशलता प्रभावित न हो, 

और मेरा भारत और महान बन सके 

       और नीचे लिखे अनुसार 

   यह कानून भी अनिवार्य रूप से 

         सभी पर लागू हो ? 


1  नेताओं को भी पचास साल की 

     उम्र में ... रिटायर कर दिया जाये ?

2  क्यों नहीं , नेताओं को भी 

     पुरानी पेंशन से वंचित किया जाये,

       और ... NPS लागू की जाए  ?

3      क्यों नहीं , नेताओं को 


    विधानसभा सदस्य बनने के लिए

  स्नातक व लोकसभा सदस्य के लिए 

 परास्नातक होना अनिवार्य किया जाये ?

4  क्यों नहीं कानून मंत्री बनने के लिए 

          LAW की डिग्री अनिवार्य हो.


5„     स्वास्थ्य मंत्री बनने के लिये 

        MBBS की डिग्री अनिवार्य हो.

6       समाज कल्याण के लिए 

     समाजशास्त्र की डिग्री अनिवार्य हो.

7        मानव संसाधन के लिए 

         M.Ed. की डिग्री अनिवार्य हो.



8    वित्त मंत्री को अर्थशास्त्री होना 

           अनिवार्य हो. इसी प्रकार 

     सभी मंत्रियों की योग्यता का मानक 

             निर्धारित किया जाए.

9   क्यों नहीं फ्री का डीजल, पेट्रोल, 

      फोन की सुविधा, हवाई सुविधा, 

  रेल सुविधा सहित तमाम सुविधाओं में 

       जिसमें प्रतिवर्ष अरबों रूपये 

  खर्च होता है, उसमें कटौती की जाए.



10   क्यों नहीं सभी नेताओं के खाते 

            सार्वजनिक किए जाएं.

11  क्यों नहीं नेताओं की पुरानी पेंशन,

   मोटी तनख्वाह, सब्सिडी द्वारा भोजन 

     बंद किया जाए, जिस पर सरकार 

   प्रतिवर्ष अरबों रूपये पानी की तरह 

          खर्च करती है.


12   क्यों नहीं नेताओं के पद से 

    हटने के बाद फ्री मेडिकल सुविधा

    बंद किया जाए, जिस पर देश का 

      करोड़ों रूपये नुकसान होता है.

13   क्या 50 साल का कर्मचारी बूढ़ा 

   और 50 साल का नेता जवान होता है ? 

          यह कौन सा मानक है ?


नेताओं के पास क्या राहु व केतु वाला 

     अमृत कलश है ? जिससे वे

 पचास की उम्र में युवा नेता हो जाते हैं ?

जब स्वयं की तनख्वाह 

लाखों में करते हैं, तो सभी पार्टियों के 

   कोई भी नेता विरोध नहीं करता.

  सभी मिलकर मेज थपथपा देते हैं.

क्या देश पर आप की तनख्वाह की 

बेतहाशा वृद्धि से अरबों रूपये का भार 

नहीं पड़ता ?   गजब की सोच है ...

                   आप नेताओं की.



      जब कर्मचारियों, अधिकारियों, 

   शिक्षकों को पचास वर्ष में हटाने पर 

      विचार किया जा सकता है, तो 

       उपरोक्त बिन्दुओं पर विचार 

     क्यों नहीं किया जा सकता है ?

जितना हो सके इस बात को हर ग्रुप में जो भी आपके पास हो उसमें डालें इस बात को इतना फैलाओ कि आपके ही पास पलट पलट कर दिया मैसेज रोज बार बार आए !!

@Vidhayak Darpan News

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