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चौसाना गांव के पूर्व प्रधान ठाकुर बाबूराम ( 105 वर्षीय ) का निधन, क्षैत्र में शोक की लहर

झिंझाना 9 अगस्त। पूर्व विधायक के पिता 105 वर्षीय ठाकुर बाबूराम का रविवार की सुबह स्वर्गवास हो गया। मुधर स्वभाव के धनी ठाकुर बाबूराम ने आजादी के बाद वर्ष 1952 में प्रथम बार ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ा था। जिसके बाद वर्ष 2010 तक पंचायत चुनाव में ठाकुर बाबूराम का डंका बजता रहा। ठाकुर बाबूराम के देहांत पर परिवार सहित पूरें गाव में शोक की लहर दौड गई। देहांत की खबर सुनकर हजारों की संख्या में देहात क्षैत्र के लोग व सहारनपुर के पूर्व विधायक व हरियाणा के अनेक नेता भी आये और दुख प्रकट किया।

चौसाना के पूर्व विधायक ठाकुर जगत सिंह के पिता व पूर्व वरिष्ठ ग्राम प्रधान ठाकुर बाबूराम का रविवार की सुबह 105 वर्ष की आयु में अचानक देहांत हो गया। बाबूराम अपने मुधर स्वभाव के कारण विख्यात थें। छोटे-बडे व महिला-पुरूष सबके साथ हाथ जोडकर बात करना,सभी को सम्मान देना उनके व्यक्त्तिव की पहचान थी। यही कारण कि लगातार 60 वर्षो तक ग्राम पंचायत में प्रधान के पद पर जीतते रहें। उनके चौथे नम्बर के पुत्र व पूर्व जिपं सदस्य कर्ण सिंह ने बताया कि वर्ष 1968 में पिता जी ने प्रमुखी का चुनाव लड़ा था लेकिन मात्र एक वोट से हार का मुॅह देखना पडा। लेकिन बाबूराम की राजनैतिक पकड व राजनैतिक अनुभव के कारण तीन महीने के भीतर से जीते हुये प्रत्याशी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर पद से गिरा दिया था। और अपनी पहचान के प्रत्याशी को फिर से जीता दिया। ठाकुर बाबूराम के व्यक्त्तिव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। कि बाबूराम के व्यक्त्तिव के कारण ही जगत सिंह विधायक चुने गयें। कर्ण सिंह बताते है कि पिता जी रोजाना की तरह घेर में आये और लोगो से बातचीत कर रहे थें। अचानक तबीयत बिगडी और स्वर्गीय हो गयें।

प्रेम चन्द वर्मा

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