📅 दिनांक: 9 अक्टूबर 2025
📍 स्थान: गोरखपुर
🖋 विशेष रिपोर्ट: ज़मीर आलम, विधायक दर्पण
दीपों का पर्व नज़दीक है — उजाले, उमंग और उत्सव का मौसम। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की जनता को एक विशेष संदेश दिया है — “स्वदेशी हो दीपावली”। यह सिर्फ़ एक नारा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और सशक्त उत्तर प्रदेश की दिशा में एक सामूहिक संकल्प है।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से संवाद किया। उन्होंने आगामी पर्व-त्योहारों की तैयारियों और कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए स्पष्ट कहा कि इस बार हर घर की दीपावली स्वदेशी उत्पादों के साथ मनाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा — “हर वर्ग का परिवार त्योहारों पर खरीदारी करता है, और इस बार यह खरीदारी स्वदेशी होनी चाहिए। गर्व से कहो, यह स्वदेशी है!”
🌿 “स्वदेशी हो दीपावली” — आत्मनिर्भरता का दीप
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वदेशी दीपावली केवल आर्थिक पहल नहीं, बल्कि यह राष्ट्रप्रेम और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। उन्होंने प्रत्येक जिले में 10 अक्टूबर से “स्वदेशी मेलों” के आयोजन के निर्देश दिए, ताकि लोग स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी करें और स्थानीय कारीगरों व छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहन मिले।
“स्वदेशी हो दीपावली” केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की भावना का उत्सव है।”
— मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
🔒 सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दिनों में पूरे प्रदेश में नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज और छठ जैसे बड़े पर्व मनाए जाएंगे। इन सभी आयोजनों के दौरान शांति, सुरक्षा और उल्लास का वातावरण बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि —
- खुफिया तंत्र पूरी तरह सक्रिय रखा जाए।
- पुलिस बल हर स्तर पर अलर्ट मोड में रहे।
- अराजक तत्वों पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
- सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा —
“प्रदेश की शांति और सौहार्द्र को भंग करने वालों के लिए उत्तर प्रदेश में कोई स्थान नहीं है।”
🕉 अयोध्या और काशी — विश्व स्तर की सांस्कृतिक पहचान
मुख्यमंत्री ने अयोध्या के दीपोत्सव और काशी की देव दीपावली को उत्तर प्रदेश की गौरवशाली परंपरा बताया।
उन्होंने कहा कि इन आयोजनों के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होते हैं, इसलिए प्रशासन और पुलिस को यातायात, सुरक्षा और व्यवस्थाओं की सख्त निगरानी रखनी होगी।
“जब लाखों दीप अयोध्या में जगमगाते हैं और काशी के घाटों पर प्रकाश फैलता है, तो यह दृश्य पूरी दुनिया को उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक आत्मा से परिचित कराता है।”
🧾 स्वच्छता, मिलावट रोकथाम और पारदर्शिता पर फोकस
मुख्यमंत्री ने खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मिठाई, खोआ, दूध, पनीर आदि की नियमित जांच हो, पर व्यापारी का अनावश्यक उत्पीड़न न किया जाए। दोषी पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई हो।
इसके साथ ही, लोक सेवा आयोग की परीक्षा में निष्पक्षता और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
“6 लाख से अधिक युवा इस परीक्षा में शामिल होंगे — उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
🏙 सफाई और सजावट — त्योहारों का संदेश
मुख्यमंत्री ने सभी नगर निकायों और जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि
- पर्वों से पहले विशेष सफाई अभियान चलाया जाए।
- सड़कें और गलियां स्वच्छ और प्रकाशमान हों।
- निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
- स्पाइरल लाइटें और सजावट से उत्सव का वातावरण भव्य बनाया जाए।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि लक्ष्मी प्रतिमा का विसर्जन तालाबों में कराया जाए, ताकि नदियों की पवित्रता बनी रहे।
पटाखों के विक्रय केंद्र आबादी से दूर हों, और वहां फायर टेंडर की व्यवस्था अनिवार्य की जाए।
💬 निष्कर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह संदेश सिर्फ प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुकार है।
“स्वदेशी हो दीपावली” — यह आत्मनिर्भरता, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक गर्व की त्रिवेणी है।
जब दीप स्वदेशी होंगे, तब उजाला भी आत्मनिर्भर भारत का होगा।
यही नई पहचान है उत्तर प्रदेश की — शांति, सुरक्षा और विकास की धुरी पर खड़ा राज्य।
📰 विशेष रिपोर्ट: ज़मीर आलम
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