सहारनपुर/बरेली।
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना लोकसभा क्षेत्र से सांसद चंद्रशेखर आजाद एक बार फिर प्रशासन की सख़्ती की जद में आ गए। बुधवार देर रात सोशल मीडिया पर बरेली जाने की घोषणा करने के बाद सहारनपुर प्रशासन ने उन्हें गुरुवार सुबह उनके छुटमलपुर स्थित आवास पर नजरबंद कर दिया।
सोशल मीडिया पोस्ट से बढ़ी प्रशासनिक हलचल
चंद्रशेखर आजाद ने बुधवार रात एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर ऐलान किया था कि वे बरेली जाकर हालिया घटनाओं का जायजा लेंगे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे। इस घोषणा के तुरंत बाद प्रशासन हरकत में आया और रातों-रात अलर्ट जारी कर दिया।
करीब 12 बजे रात को जब सांसद अपने आवास छुटमलपुर लौटे तो पुलिस बल वहां पहले से तैनात था। सुबह तक हालात यह रहे कि हरिजन कॉलोनी की गलियों से लेकर मुख्य मार्ग तक पुलिस का पहरा लगा दिया गया।
सात थानों की पुलिस ने संभाला मोर्चा
प्रशासन ने किसी भी संभावित तनाव को रोकने के लिए सात थानों की पुलिस फोर्स छुटमलपुर में तैनात कर दी। सांसद के घर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेड्स और 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था कर दी गई।
सीओ मुनीष चंद्र और सीओ एलआईयू खुद मौके पर मौजूद रहे और पूरे हालात पर नजर बनाए रखी। भारी पुलिस-बल की मौजूदगी के बीच सांसद चंद्रशेखर अपने आवास के भीतर ही सीमित रहे और दिनभर किसी से भी मुलाकात नहीं कर पाए।
प्रशासन का सख़्त रुख
प्रशासन का कहना है कि बरेली की स्थिति को देखते हुए किसी भी प्रकार का तनाव या विवाद पैदा होने की आशंका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इसलिए एहतियातन यह कदम उठाया गया है। अधिकारियों ने साफ कर दिया कि किसी भी परिस्थिति में सांसद को बरेली नहीं जाने दिया जाएगा।
राजनीतिक हलकों में चर्चा
चंद्रशेखर आजाद का यह नजरबंदी का मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। उनके समर्थक इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर अंकुश मान रहे हैं, वहीं प्रशासन का दावा है कि यह कदम केवल कानून-व्यवस्था को देखते हुए उठाया गया है।
📌 संपूर्ण राजनैतिक समाचार पत्रिका "विधायक दर्पण" के लिए पत्रकार ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट
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