झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन
✍️ लेखक: ज़मीर आलम | विधायक दर्पण संपूर्ण राजनैतिक समाचार पत्रिका
झारखंड की राजनीति के भीष्म पितामह नहीं रहे — शिबू सोरेन का 81 वर्ष की उम्र में निधन
नई दिल्ली/रांची।
झारखंड और देश की राजनीति में आदिवासी अस्मिता की मुखर आवाज माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक शिबू सोरेन का निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। उन्होंने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में सोमवार देर रात अंतिम सांस ली। लंबे समय से बीमार चल रहे शिबू सोरेन का इलाज चल रहा था। उनके निधन से झारखंड ही नहीं, संपूर्ण भारत की राजनीति में शोक की लहर फैल गई है।
🕊️ एक युग का अंत
शिबू सोरेन का जाना केवल एक राजनेता का निधन नहीं, बल्कि एक पूरे युग का अवसान है। वह उन चंद नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने आदिवासी अधिकारों, जल-जंगल-जमीन और सामाजिक न्याय के मुद्दे को राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बनाया।
👣 राजनीतिक सफर और संघर्ष की कहानी
- शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को झारखंड (तत्कालीन बिहार) के रामगढ़ जिला अंतर्गत नेमरा गांव में हुआ था।
- बचपन में ही उनके पिता की जमींदारों द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद से उन्होंने अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज़ बुलंद करनी शुरू की।
- उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना कर आदिवासियों को संगठित किया और झारखंड को अलग राज्य बनाए जाने की मांग को आंदोलन में बदल दिया।
🏛️ तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे
- शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने।
- वे केंद्र सरकार में कोयला मंत्री भी रह चुके हैं।
- उनके बेटे हेमंत सोरेन वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हैं और झामुमो की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
📜 विवाद और वैचारिक मजबूती
हालांकि शिबू सोरेन का नाम कुछ विवादों से भी जुड़ा रहा, लेकिन उन्होंने कभी अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता और आदिवासी हितों की प्राथमिकता से समझौता नहीं किया।
उन्होंने सादा जीवन और संघर्षशील राजनीति को कभी नहीं छोड़ा।
🕯️ राष्ट्रीय शोक और श्रद्धांजलि
शिबू सोरेन के निधन की खबर के बाद प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित तमाम राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने गहरा दुख प्रकट किया।
रांची, दुमका, बोकारो, गिरिडीह, धनबाद सहित पूरे राज्य में शोक की लहर है।
राज्य सरकार द्वारा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की घोषणा की गई है।
📢 निश्चित ही यह एक राजनीतिक क्षति है, जिसकी भरपाई जल्दी संभव नहीं।
विधायक दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका शिबू सोरेन जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करती है और उनके परिवार, अनुयायियों व समर्थकों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती है।
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