देश की आन-बान-शान तिरंगा सिर्फ एक झंडा नहीं, हमारी आज़ादी की पहचान, शहीदों की कुर्बानी और भारत की अस्मिता का प्रतीक है। लेकिन क्या अब सत्ता के नशे में चूर नेताओं के लिए तिरंगा केवल एक रुमाल भर रह गया है?
भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य द्वारा तिरंगे से चेहरा पोंछना, पसीना और नाक साफ करना, न सिर्फ तिरंगे का अपमान है बल्कि हर भारतीय की आत्मा को ठेस पहुँचाना है।
वीडियो में साफ दिखाई देता है कि किस तरह तिरंगे का सार्वजनिक रूप से अपमान किया गया — यह हर भारतीय के लिए शर्म की बात है। अगर यही हरकत किसी आम नागरिक ने की होती तो अब तक देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो गया होता, मीडिया ट्रायल चलता और उसे जेल में डाल दिया गया होता।
क्या देशभक्ति सिर्फ आम जनता के लिए है? क्या तिरंगे का सम्मान केवल भाषणों और चुनावी जुमलों में ही बचा है?
हम मांग करते हैं:
2. भाजपा पार्टी बालमुकुंद को पार्टी से निलंबित करे और सार्वजनिक स्पष्टीकरण दे।
3. सरकार और प्रशासन इस कृत्य के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करे।
हमें तय करना होगा —
“हम तिरंगे को रुमाल बनने देंगे या उसे अपना अभिमान बनाए रखेंगे?”
भारतवासियों, अब जागो —
ये सिर्फ झंडे का अपमान नहीं, ये भारत की आत्मा का अपमान है।
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