Featured Posts

बकरा ईद को लेकर AIMIM ज़िला अध्यक्ष मौलाना इमरान कासमी की बड़ी अपील – खुले में कुर्बानी से बचें, साफ़-सफ़ाई और गाइडलाइन का करें सख्ती से पालन

खतौली (मुज़फ्फरनगर)। आगामी बकरा ईद को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुज़फ्फरनगर ज़िला अध्यक्ष मौलाना इमरान कासमी खतौली निवासी ने मुसलमानों से खास अपील की है। उन्होंने कहा कि यह त्योहार त्याग, भक्ति, अनुशासन और इंसानियत का प्रतीक है, जिसे हम सबको पूरे अमन और भाईचारे के साथ मनाना चाहिए। मौलाना इमरान ने विशेष रूप से कहा कि कोई भी मुसलमान खुले में कुर्बानी न करे। कुर्बानी सिर्फ घर में या प्रशासन द्वारा तय स्थानों पर ही की जाए। उन्होंने चेताया कि पशु अवशेष, खून और हड्डियाँ गलियों, सड़कों या नालियों में फेंकना ना सिर्फ गैर-ज़िम्मेदाराना है, बल्कि यह समाज में गंदगी और तनाव फैलाने का कारण भी बन सकता है।

उन्होंने कहा कि कुर्बानी सिर्फ जानवर काटने का नाम नहीं, बल्कि अपने अंदर के घमंड, नफ़रत और बुराई की कुर्बानी देने का नाम है। मौलाना इमरान ने कहा कि बकरा ईद की नमाज़ सिर्फ ईदगाह या मस्जिदों में ही अदा की जाए। सड़कों, चौराहों या सार्वजनिक स्थलों पर नमाज़ अदा करने से बचें। ऐसा करने से आम जनजीवन में बाधा आती है और अनावश्यक विवाद की स्थिति पैदा होती है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि किसी भी कीमत पर शासन-प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का उल्लंघन न किया जाए। गाइडलाइन का पालन करना हर नागरिक का दायित्व है, खासतौर से धार्मिक अवसरों पर जब समाज की निगाहें हमारी ओर होती हैं।

मौलाना इमरान कासमी ने बकरा ईद को शांतिपूर्ण, साफ़-सुथरे और संयमित ढंग से मनाने की अपील करते हुए यह भी बताया कि उन्होंने इस विषय को लेकर ज़िलाधिकारी मुज़फ्फरनगर से भी मुलाकात की है। उन्होंने प्रशासन से बकरा ईद के अवसर पर साफ़-सफ़ाई, कूड़ा प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख़्ता इंतज़ाम करने की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन और जनता अगर मिलकर त्योहार मनाएं, तभी त्योहार की असली रौनक और उद्देश्य सिद्ध होता है।

मौलाना इमरान ने यह भी कहा कि कोई ऐसा कार्य न किया जाए जिससे किसी अन्य धर्म या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे। कुर्बानी एक इबादत है, इसे दिखावे या प्रदर्शन का रूप न दिया जाए। आज के समय में जब समाज में कई तरह की गलतफहमियाँ फैलाई जा रही हैं, तब हर मुसलमान को चाहिए कि वह ज़िम्मेदारी के साथ पेश आए और ऐसा कोई काम न करे जिससे इस पवित्र पर्व की छवि पर आंच आए।

उन्होंने सभी से अंत में यही अपील की कि बकरा ईद को त्याग, अनुशासन, सफाई और भाईचारे के साथ मनाएं। कुर्बानी के समय शरई और कानूनी नियमों का विशेष ध्यान रखें। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि खुदा की राह में सब कुछ कुर्बान करना ही असली इमानदारी है। समाज में शांति, सौहार्द और सफाई बनाए रखना भी हमारी धार्मिक और सामाजिक ज़िम्मेदारी है। यही इस त्योहार का असल पैग़ाम है। विधायक दर्पण न्यूज से पत्रकार गुलवेज आलम की रिपोर्ट 
#vidhayakdarpan 
8010884848

No comments:

Post a Comment