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चरथावल विधानसभा सीट को लेकर गठबंधन का मामला आ सकता है खटाई में ?.

 


समाजवादी व रालोद दोनों ही चरथावल सीट पर पेश कर चुके हैं अपना जबरदस्त दावा, जहां हरेंद्र मलिक को पंकज मलिक के आने से समाजवादी पार्टी चरथावल सीट पर अपना मजबूत दावा पेश कर रही है। वहीं रालोद भी चरथावल सीट को छोड़ने के मूड में नहीं है। 2017 के चुनाव में पंकज मलिक द्वारा रालोद का शामली विधानसभा का टिकट बीच में ठुकराना माना जा रहा है इसका प्रमुख कारण, पंकज मलिक को रोकने को रालोद ने ठोका चरथावल विधानसभा  सीट पर अपना दावा जिसके चलते 20 को बघरा में होगी रैली, ऐसा नहीं चरथावल में समाजवादी के पास केवल एक ही चेहरा

पंकज मलिक ही नहीं है एक और चेहरा है दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री एवं प्रमुख मुकेश चौधरी के साथ-साथ वर्तमान भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के भाई वर्तमान जिला पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हार चुके सत्येंद्र बालियान उर्फ दीवान जी भी है प्रमुख दावेदार, लेकिन सपा में पंकज मलिक के शामिल होने से मुकेश चौधरी व सत्येंद्र बालियान उर्फ दीवान जी को लगा झटका छाई मायूसी, रालोद द्वारा चरथावल विधानसभा सीट पर मजबूत दावा पेश करने से

मलिक परिवार में मायूसी है वही मुकेश चौधरी व सत्येंद्र बालियान के चेहरे पर मुस्कुराहट क्योंकि वह मानते हैं सपा प्रमुख द्वारा उनके साथ हुआ था विश्वासघात, लेकिन गठबंधन में सीट किसी पर भी आए जानकार सूत्रों के अनुसार मुकेश चौधरी लड़ेंगे चुनाव जिससे बिगड़ सकता है किसी का भी खेल, रालोद के पास चरथावल विधानसभा सीट

पर दावेदारों की लंबी सूची, जिनमें पूर्व विधायक नूर सलीम राणा पूर्व विधायक नवाजिश आलम पूर्व एमएलसी मुस्ताक चौधरी के पुत्र के साथ पूर्व प्रमुख रंजन वीर व युवा चेहरा जिला पंचायत चुनाव में जबरदस्त फाइट पा चुके गौरव बालियान निवासी मंडी भी है प्रमुख दावेदार, वहीं

समाजवादी ज्वाइन करने के बावजूद भी पूर्व सांसद कादिर राणा की चुप्पी भी अभी खिला सकती है गुल, आपको बता दें कि चरथावल विधानसभा रालोद में समाजवादी गठबंधन में दरार का प्रमुख कारण बन सकती है इसके पीछे के गणित को समझने की आवश्यकता है जहां कश्यप सम्मेलन में साफ तौर से समाजवादी प्रमुख माननीय अखिलेश द्वारा गठबंधन की तरफ साफ इशारा किया गया कि गठबंधन तय है वही पंकज मलिक हरेंद्र मलिक के घर आकर चरथावल विधानसभा पर पंकज मलिक की मजबूती का एहसास करा गए वही यही एहसास रालोद प्रमुख को खटक गया क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में पंकज मलिक द्वारा रालोद के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह से वार्ता के



बाद शामली विधानसभा सीट से रालोद के टिकट से चुनाव लड़ने की बातें करने के बावजूद टिकट लेने नहीं पहुंचे थे दिल्ली , यदि जानकार सूत्रों की माने तो उसी को दिल से लगाए बैठे हैं वर्तमान रालोद प्रमुख जयंत चौधरी और इसी का कारण है कि चरथावल विधानसभा सीट पर 20 तारीख को रैली कर पेश कर रहे हैं अपना मजबूत दावा, चरथावल विधानसभा सीट पर कई बार समीकरण बनते बिगड़ते नजर आए क्या पिछले 4 साल से चरथावल विधानसभा सीट पर समाजवादी का मजबूत कैंडिडेट पूर्व

राज्य दर्जा प्राप्त मंत्री मुकेश चौधरी को माना जा रहा था वही अचानक कैराना विधायक नाहिद हसन द्वारा भाजपा सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान के भाई वर्तमान जिला पंचायत सदस्य सत्येंद्र बालियान उर्फ दीवान जी को समाजवादी ज्वाइन करा कर दिया था बड़ा झटका जिससे क्षेत्र में साफ चर्चा थी कि सत्येंद्र बालियान को मिलेगा टिकट वही अचानक पूर्व सांसद कादिर राणा द्वारा समाजवादी ज्वाइन करने से एक बार फिर अकड़े हुए थे तेज कि बदल सकते हैं  समीकरण तथा विधानसभा के , क्योंकि कादिर राणा की राजनीति में पकड़ किसी से छिपी नहीं है । लेकिन उन्होंने चुप्पी में ही भलाई समझा, लेकिन

समाजवादी के सभी दावेदारों को उस वक्त झटका लगा जब दो बार के विधायक पंकज मलिक और उनके पिता जो किसी परिचय के मोहताज नहीं है पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेंद्र मलिक द्वारा समाजवादी ज्वाइन कर लेना और केवल ज्वाइन करना ही नहीं उनके आवास पर समाजवादी प्रमुख का आना सभी चर्चाओं पर विराम लगा गया जिससे बिल्कुल साफ साफ  निर्धारित हो गया कि चरथावल विधानसभा से पंकज मलिक ही होंगे समाजवादी के दावेदार और यही बात रालोद वालों को हजम नहीं हुई और चरथावल विधानसभा पर अपना दावा ठोकने के लिए 20

तारीख को रैली के आयोजन की कर दी घोषणा लेकिन यह कहना गलत होगा कि मात्र पंकज मलिक से बदला लेने की नीयत से दावा पेश किया है नहीं रालोद के पास भी मजबूत दावेदारों की एक लंबी सूची है जिनमें पूर्व विधायक नूर सलीम राणा पूर्व विधायक नवाजिश आलम और एमएलसी मुस्ताक चौधरी के पुत्र पूर्व ब्लाक प्रमुख रंजन वीर युवा चेहरा गौरव बालियान के साथ-साथ अनुभवी नेता श्री राम तोमर जी प्रमुख दावेदार है लेकिन कहीं ना कहीं मुकेश चौधरी की जो अपने चुनाव की तैयारी चल रही है वह सभी को परेशानी में डाल रही हैं यदि जानकार सूत्रों की सच

माने तो मुकेश चौधरी किसी भी कीमत पर लड़ेंगे चुनाव समाजवादी टिकट दे या ना दे सीट किसी भी पार्टी के हिस्से में आए या ना आए लेकिन पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री मुकेश चौधरी के चुनाव लड़ने की चर्चा ने सभी को परेशानी में डाल रखा है अब ऐसे में दोनों ही पार्टी चरथावल

विधानसभा सीट को मूंछ का सवाल बनाती नजर आ रही है अब देखना यह होगा कि कौन सी पार्टी झुकती है लेकिन इतना तय माना जा रहा है

कि कहीं ना कहीं चरथावल विधानसभा सीट गठबंधन में एक दरार का काम कर सकती है क्योंकि दोनों ही पार्टी प्रमुखों के इरादे से साफ जाहिर होता है कि कोई सा भी हटने के मूड में नहीं है अब देखना यह होगा कि

क्या चरथावल विधानसभा रालोद के हिस्से में आती है या फिर समाजवादी के क्या इस सीट को लेकर टूटेगा गठबंधन या नहीं यह सब आने वाला समय ही बताएगा। वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र चौधरी की विशेष रिपोर्ट।
@Vidhayak Darpan
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