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सारी सरकारी मशीनरी लगने के बावजूद भी अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैराना की रैली,थाना भवन में 1 दिन पूर्व रालोद प्रमुख की रैली की तुलना में फलोप रही कैराना की रैली

 


जिसकी नाराजगी मुख्यमंत्री ने जग जाएगी कर दी जब स्टेज पर उत्तर प्रदेश सरकार के कद्दावर नेता सुरेश राणा को दूसरी पंक्ति में खड़े नजर आएजहां करण की रैली के आयोजन से सुरेश राणा का लखनऊ में घटा कद वही मोहित बेनीवाल के कद में भारी इजाफा मुख्यमंत्री के समक्ष खड़े नजर आए मोहित बेनीवाल पीछे थे सुरेश राणा, कैराना की रैली के स्टेज से जाट गुर्जर समाज को साधने का वह पूरा प्रयास सांसद व

एमएलसी को भी दिया गया विशेष स्थान,आज आंखों के चेहरे पर साफ दिख रही थी रैली की नाकामी, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए आंगनवाडी कार्यकत्री आशा  संगिनी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ साथ अन्य कर्मचारियों को भी रैली में दबाव देकर किया गया था शामिल, आपको बता दें कि कल जनपद शामली के कैराना कस्बा में माननीय मुख्यमंत्री की रैली का आयोजन किया गया जो कि अपने आपने पूर्व से ही एक चर्चा का विषय बनी हुई थी

क्योंकि पूर्व में भी कार्यक्रम नष्ट हो चुके थे ऐसे में मुख्यमंत्री के आने से जिले को कई अनेकों सौगात मिलने की चर्चा थी लेकिन साथ ही साथ क्षेत्र में चर्चा यह भी थी कि 1 दिन पूर्व थानाभवन क्षेत्र में रालोद प्रमुख की जो रैली होने जा रही है उसे किस तरीके से इस रैली को विशाल किया जाए लेकिन हुआ बिल्कुल इसका उल्टा उत्तर प्रदेश सरकार में कदवार, मंत्री सुरेश राणा के घर में रालोद प्रमुख की रैली का सफल होना वही

कैराना में अपेक्षाओं के अनुसार भीड़ का ना आना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा जबकि सरकारी अधिकारियों द्वारा नेताओं एवं कर्मचारियों द्वारा हर 25 अजमा कर भीड़ को इकट्ठा करने का प्रयास किया गया चाहे ग्राम प्रधानों पर दबाव हो या आंगनवाडी कार्यकत्री आशा संगिनी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं एवं अन्य कर्मचारी किसी भी तरीके से भीड़ इकट्ठा करना ही उद्देश्य था

जिस उद्देश्य में पूर्णत विफल रहे आयोजक क्योंकि आयोजन स्थल पर लगाए गए कुर्सियां भी खाली रहने से नाराज दिखे मुख्यमंत्री यदि जानकार सूत्रों की माने तो स्टेज पर दूसरी पंक्ति में सुरेश राणा का खड़ा होना भी यही एक कारण रहा वही चर्चा यह भी रही कि मोहित बेनीवाल का कद बढ़ाने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री ने उनको अपने साथ अगली पंक्ति में लिया ताकि आयोजकों को दिखा जा सके कि आपके

द्वारा आयोजन में कमी रही और साथ ही साथ जाट समाज को साधने का प्रयास भी से किया गया लेकिन वही जाट समाज के ही बीजेपी के जिलाध्यक्ष उपेक्षित नजर आए अब ऐसे में देखना यह होगा कि जहां जाट समाज को साथ लेकर प्रयास किया वहीं सुरेश राणा को भी अपने नाराजगी जताने में कामयाब रहे

मुख्यमंत्री एवं गुर्जर समाज भी जहां नाराज दिख रहा था वही गुर्जर नेताओं को स्टेज पर अगली पंक्ति में लाकर साधने का प्रयास किया अब देखना यह होगा एक बार फिर सुरेश राणा माननीय मुख्यमंत्री के यहां अपना विश्वास वापस पा पाते या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इतना तय है कि जहां मुख्यमंत्री एक बार फिर से प्लेन का मुद्दा उठाकर क्षेत्र में हिंदू वाद की अलग जगाने का प्रयास किया वही 250 करोड़ की लागत से बनने वाली पीएससी की 50 वीं बटालियन एवं 5 रेंज का शिलान्यास किया एवं 426 करोड़ की लागत से जिले की कुल 114 परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण करें वही आगे की रणनीति भी साफ कर गई लेकिन क्षेत्र में सबसे बड़ी चर्चा का विषय फिर भी रही





थाना भवन व कैराना की रैलियां और सबसे बड़ा मुद्दा रहा सुरेश राणा का दूसरी पंक्ति में स्टेज पर पहुंच जाना आप किसके पीछे कारण चाहे कुछ भी रहो लेकिन क्षेत्र में चर्चा का विषय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजरों में घटा है सुरेश राणा का वजूद अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में जनता की नजर में सुरेश राणा अपना वजूद बचाए रखने में कामयाब होते हैं या नहीं क्योंकि उनके गृह जनपद में भी गन्ना किसानों की हालत किसी से छिपी नहीं है और ऐसे में उनके घर में एक महारैली का विपक्षी दल द्वारा आयोजन सफल कर देना वह के ही आने वाले समय में एक बड़ी चुनौती दिए जाने का इशारा है।

@Vidhayak Darpan

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