आगामी 2022 विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि तैयार करने एवं ऊंचागांव में बनने वाले पीएसी कैंप की भूमि का शिलान्यास करने के लिए 18 सितंबर को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कैराना आने की संभावना जताई जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री योगी के कैराना आने से पहले ही बीजेपी में फूट पड़ती नजर आ रही हैं। बुधवार को कैराना नगर के स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शामली जिला अध्यक्ष सतेद्र तोमर पर अनदेखी के आरोप लगाते हुए अपने पदों से सामूहिक इस्तीफे दे दिए हैं। जिसके बाद बीजेपी खेमे में हलचल मची हुई हैं।
बुधवार को नगर के मोहल्ला गुंबद स्थित भाजपा मंडल अध्यक्ष शक्ति सिंघल के आवास पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक मीटिंग आयोजित हुई। इस दौरान सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा जिला अध्यक्ष सतेद्र तोमर पर भाजपा के विभिन्न मोर्चो में बिना जांच पड़ताल के नए नए कार्यकर्ताओं को पद देने तथा भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी के आरोप लगाते हुए सामूहिक इस्तीफे दिए गए। भाजपा मंडल अध्यक्ष शक्ति सिंघल ने बताया कि जनपद शामली में भाजपा को हराने की एक सोची समझी साजिश रची जा रही है। जिला अध्यक्ष पूरे जिले में तथा खासकर कैराना के भाजपा कार्यकर्ताओं को उपेक्षित कर रहें हैं। तथा जिला अध्यक्ष द्वारा खनन माफियाओं को पार्टी पदाधिकारी बना दिया गया हैं। जिससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही हैं।
मंडल स्तर पर पदों की संतुति नहीं की जा रही हैं। केवल मनमाने तौर पर कार्य हो रहा हैं। उन्होंने भाजपा जिला अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए बताया कि ऐसा लग रहा है कि जनपद की तीनों विधानसभा से भाजपा को उखाड़ने के लिए जिला अध्यक्ष साजिश रची जा रही हैं। पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही हैं। उन्होंने जिला अध्यक्ष पर पैसों के लालच व अन्य लालच में नए नए लोगों को पद देने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशैली वाले जिला अध्यक्ष के साथ वें कोई कार्य नहीं करेंगे।
वहीं उन्होंने कहा कि वह अपने पदों से इस्तीफा दे रहें और वें पार्टी में रहकर पार्टी की सेवा करते रहेंगे। कैराना मंडल के समस्त भाजपा पार्टी के पदाधिकारी, मोर्चो, प्रकोष्ठो, संगठन व सेक्टर के 31 पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को हस्ताक्षर युक्त अपने सामूहिक त्यागपत्र भेज दिए हैं।
वहीं इस मामले में जिला अध्यक्ष सत्येंद्र तोमर ने बताया कि उनके संज्ञान में कोई बात नहीं है। जिन पदाधिकारियों ने त्यागपत्र दिए। अगर वें सच्चे पार्टी के कार्यकर्ता है तो बैठ कर बात करनी थी और जो नए पदाधिकारी बनाए गए हैं उनमें जो सक्रिय कार्यकर्ता थे उन्हीं को ही पद दिए गए हैं और जो निष्क्रिय थे उनको पद नहीं दिए गए।
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