भारत प्रशासित कश्मीर में अधिकारियों ने पिछले साढ़ सात महीने से हिरासत में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह को रिहा कर दिया है.
एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे और उनकी स्वास्थ्य चिंताओं को देखते हुए उन्हें रिहा किया जा रहा है.
उनकी रिहाई की पुष्टि करते हुए आधिकारिक प्रवक्ता रोहित कंसल ने ट्वीट किया है कि पब्लिक सेफ़्टी एक्ट के अंतर्गत उन्हें हिरासत में रखा गया था, वो ख़त्म किया जा रहा है.
उमर अब्दुल्लाह के पिता और तीन बार कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे फ़ारूख़ अब्दुल्लाह को पिछले सप्ताह ही रिहा कर दिया गया था.
उमर अब्दुल्लाह को हिरासत में रखने वाले आदेश में लोगों को इकट्ठा करने की उनकी क्षमता के कारण उन्हें जनजीवन के लिए ख़तरा बताया गया था.
इस दस्तावेज़ की काफ़ी आलोचना हुई थी क्योंकि भारतीय अधिकारी भारत विरोधी अलगाववादियों के ख़िलाफ़ मज़बूत जनाधार वाले इन नेताओं को आगे बढ़ाते रहे थे.
ये अलगाववादी 1990 के सशस्त्र संघर्ष शुरू होने के बाद से ही आम चुनावों का बहिष्कार करते रहे हैं.
पिछले साल पाँच अगस्त को कश्मीर की आंशिक स्वायत्ता वाले अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के पहले हज़ारों की संख्या में कश्मीरियों को हिरासत में लिया गया था.
भारतीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इनमें से ज़्यादातर लोगों को रिहा किया जा चुका है.
इस दौरान कश्मीर में कई तरह की पाबंदियाँ लगाई गई थी, जिनमें पाँच महीने तक इंटरनेट और मोबाइल फ़ोन पर बैन शामिल है.
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