दोस्तों आज मैं मिर्जापुर के विकास पर सूरते हाल पर रूबरू करा रहा हूं! पांच विधायक इन्हीं में से एक मंत्री, दो सांसद केंद्र की पूर्व सरकार में वर्तमान सांसद 5 वर्ष तक मंत्री के रूप में 2014 से 2018 तक मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र का शोभा बढ़ाया था! जब सांसद महोदय मंत्री थी तो प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं थी! आज उत्तर प्रदेश में सरकार हैं तो सांसद महोदय को मंत्री पद से नहीं नवाजा गया! खैर यह राजनीत है! राजनीति संभावनाओं का खेल है कौन सी संभावना हकीकत बन जाए कहा नहीं जा सकता! जब केंद्र में भाजपा की सरकार थी और सांसद महोदय केंद्र में मंत्री के रूप में मिर्जापुर का विकास किस रूप में कराया यह प्रत्यक्ष! रही बात इस समय दो सांसद, पांच विधायक उसमें से एक मंत्री एक दल एक विचारधारा के माने जा सकते हैं! लेकिन मिर्जापुर अपनी बेबसी पर रो रहा है 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाला है! ये चंद दिन की दूरियां है, गालिब यहां पलकों पर बिठाया जाता है, नजरों से गिराने के लिए! मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र की जनता ना दो सांसदों का लाभ पा रही है 5
विधायकों में से एक मंत्री का लाभ पा रही है! कोरोना महामारी संक्रमण काल में, जनता के दुख सुख से दूर विधायक और सांसद और मंत्री बनाए हुए हैं! नेशनल हाईवे को छोड़ दिया जाए तो, नगर से लेकर गांव तक की सड़कें बुरी तरीके से जर्जर अवस्था में है! स्वास्थ्य व्यवस्था जर्जर अवस्था में है! प्रशासनिक अमला बेलगाम है! जिल्लत और जलालत मिर्जापुर की जनता झेल रही है! हद तो तब हो गई किसी भी वक्त किसी भी समय पुलिस सड़क पर नंग तांडव चेकिंग के नाम पर हेलमेट मास्क डबल
सवारी गाड़ी के पेपर, इन सब के नाम पर जनता को जलालत झेलना पड़ रहा है! लॉकडाउन के नाम पर पिछले साढे 4 महीने से जिस तरीके से प्रदेश की जनता खासकर के मिर्जापुर की जनता प्रताड़ना झील रही है! वर्तमान सरकार वर्तमान शासन के लिए शुभ संकेत साबित नहीं हो रहे हैं! विकास के नाम पर कुछ भी नहीं! प्रताड़ना के नाम पर सब कुछ मिल रहा है! यह कहने में अतिशयोक्ति ना होगा की अघोषित आपातकाल है! वैसे जनता का सब्र टूट चुका है और वर्तमान समय में अग्नि परीक्षा के दौर से गुजर रही है जनता आगामी 2022 विधानसभा का चुनाव की परिणिति कुछ नए आयाम को जन्म दे!
(महेंद्र पांडे स्वतंत्र पत्रकार)
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