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प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानूनों के वापसी की घोषणा समस्त किसान बिरादरी की जीत --- उपेंद्र चौधरी


भारतीय किसान मजदूर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कुंडू खाप उत्तर प्रदेश के चौधरी उपेंद्र चौधरी ने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापसी लिए जाने की घोषणा  समस्त किसान बिरादरी की जीत के नजर से देखा जाना चाहिए क्योंकि इसमें सभी जातियों धर्मों के किसानों ने अपना पूरा 100% सहयोग देने का प्रयास किया वही अनेकों संगठन एवं सरकारों ने किसान संगठन एवं किसानों के बीच में अनेकों बार फूट डालने का प्रयास किया लेकिन किसान संगठन में किसानों की एकजुटता का नतीजा रहा कि आज देश के प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जिसके लिए यहां हम देश के प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं वही इस आंदोलन में शहीद हुए प्रत्येक किसानों के सदा ऋणी रहेंगे और साथ ही साथ हर उसे किसान योद्धा का समस्त शान बिरादरी आभारी रहेगी जिन्होंने इस आंदोलन में भाग लिया इसलिए इस लड़ाई को हार जीत के नजरिए से ना देख कर यह मानिए कि किसानों के समक्ष उत्पन्न हुई इन तीन काले कानून में से समस्या का निवारण आज देश के प्रधानमंत्री ने किया आज इस निर्णायक आंदोलन में जीत समस्त  किसान बिरादरी की हुई

कानून वापसी की घोषणा को हार जीत के नजरिए से देखना गलत  अमित बेनीवाल, बेनीवाल खाप के चौधरी अमित बेनीवाल का कहना है कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी को हार जीत के नजरिए से देखना गलत होगा या यूं कहिए कि कानूनों की वापसी की घोषणा देश हित में है और जब जागे तब सवेरा वाली कहावत को मांगते हुए मैंने यह देरी से लिया गया निर्णय हो लेकिन किसान में देश में है

देश के प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया निर्णय किसान ही नहीं देश हित में --धर्मेंद्र प्रधान, टिकैत ब्रिगेड प्रमुख धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया तीनों कानून वापसी का निर्णय किसान ही नहीं देश हित में है जिसको एक अच्छी पहल कहा जा सकता है कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा लंबे समय से चले आ रहे आंदोलन को खत्म करने की दिशा में एक बड़ी पहल कहा जा सकता है। यह जीत उन आलोचकों के मुंह पर तमाचा जो इस आंदोलन को किसानों का आंदोलन ना कहकर जाट बिरादरी का कहते थे आंदोलन --भले राम बेनीवाल

राष्ट्रीय जाट महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलिराम बेनीवाल जी का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कानून वापसी की घोषणा आलोचकों के मुंह पर तमाचा है जो इस आंदोलन को किसानों का आंदोलन में कह कर मात्र मुट्ठी भर जाटों का आंदोलन कह रहे थे यदि उनकी बात को सच माने तो जबकि हमने सदा कहा है कि जाट का नहीं सदा किसान बिरादरी का आंदोलन है लेकिन फिर भी यदि उन आलोचकों की आलोचना को सही माने तो आज यह कानून वापसी की घोषणा आलोचक के मुंह पर तमाचा है जो जाटों का आंदोलन कहते थे कि आज देश के प्रधानमंत्री को किसानों के ताकत के सामने झुकना पड़ा 

किसान ही नहीं प्रत्येक जन को होगा कानून वापसी का लाभ क्योंकि किसान विरोधी नहीं जनविरोधी थे कानून --अजय खाटियान भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता एवं खाटियान खाप प्रतिनिधि अजय खाटियान का कहना है कि किसान ही नहीं पर एक जन-जन को लाभ होगा तीनों किसी कानून वापसी का क्योंकि केवल किसान विरोधी नहीं जन विरोधी थे कानून

आंदोलन के दौरान अपने प्राणों का बलिदान देने वाले750 किसानों का बलिदान मिली जीत --सुभाष बालियान ,सर्व खाप मंत्री सुभाष बालियान जी का कहना है कि आंदोलन के दौरान साडे 700 किसान जो शहीद हुए हैं उनके बलिदान की देन है यह जीत आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर के ग्राम  सौरम की चौपाल से  मंत्री के आह्वान पर आयोजित पंचायत में किया आह्वान के बाद खाप चौधरियों के आंदोलन में कूदने से उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन को मिली थी संजीवनी आज सर्व खाप मंत्री द्वारा किसानों की जीत का श्रेय उन बलिदानी किसानों को दिया जिन्होंने अपने प्राण निछावर कर किसान बिरादरी को आज जश्न मनाने का दिया मौका

आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमा वापसी एवं सहित किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद मिलने तक जारी रहेगा आंदोलन ,--चौधरी राजवीर सिंह मुंडेट, भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं निरवाल खाप भारत के बाबा चौधरी राजबीर सिंह मुंडेट ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कानून को वापसी लिया जाने की घोषणा किसान हित में प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया बड़ा निर्णय जिसका यूनियन स्वागत करती है साथ ही साथ केंद्र सरकार को अवगत कराना चाहती है कि आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे एवं गिरफ्तार किए गए सभी किसानों की रिहाई तथा साथ ही साथ आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाए और जब तक यह सभी मांगे पूरी नहीं होती तब तक भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन का आंदोलन जारी रहेगा।

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