एक लीटर पेट्रोल दिल्ली में
बेस प्राइज-₹34.19
ढुलाई भाड़ा-₹0.36
केंद्र की एक्साइज ड्यूटी-₹32.90
राज्य का वैट-₹21.36
डीलर कमीशन-₹3.77
टोटल-₹92.58
1ltr पेट्रोल पर ₹54.26 यानि 142% टैक्स दे रहे हैं। इतना टैक्स और किसी चीज पर नहीं है। यहां जितने की मुर्गी नहीं उतने का मसाला
पिछले साल में पेट्रोल ₹25 और डीजल ₹15 महंगा हो गया ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था जबकि कच्चा तेल पहले से आधे मूल्य पर मिल रहा है।
जब यूपीए में पेट्रोल 75 पार हुआ (तब कच्चा तेल $118 प्रति बैरल था, आज कच्चा तेल $68 में मिल रहा है।) तो बच्चन साहब से लेकर अक्षय कुमार, अनुपम खेर हर किसी की गाड़ियां दगने लगी थी, आज ₹100 के पार होने के बावजूद सन्नाटे का सांप काट गया इनको, सब सऊदी के शेख हो गए, मानो सबके पास अपना-अपना तेल का कुआं हो।
पीडीएस स्कीम के तहत बांटे जानेवाली कैरोसीन की कीमत 2014 में 14.96 रूपये/ ली थी. 1 मार्च 2021 को इसकी कीमत 35.35 रूपये/ ली. हो गई
मान लिया पेट्रोल वाली गाड़ी से गरीब का नुकसान नहीं
1. क्या मध्यवर्ग इस देश का नागरिक नहीं है?
2. कैरोसीन से क्या अंबानी जी के घर का लालटेन जलता है
क्या सरकार को बिल्कुल यह नहीं लगता कि तेल की भाव आम आदमी की औकात से बाहर की बात होती जा रही है मिडिल क्लास की कमर तोड़ देता है। जब कोविड-19 ने हर घर की आर्थिक व्यवस्था को चरमरा दिया है। तेल कंपनियों को छुट्टा सांड की तरह छोड़ दिया है। पैसा पैसा करके आम आदमी की जेब का मोर बना दिया और पब्लिक शेर पालती रह गई। यदि कोई पत्रकार मुद्दों की बात करें तो वह देशद्रोही।
इसे ही कहते हैं समाज की सोच को कंट्रोल कर लेना। जब जरूरी मुद्दे उसे मुद्दे नहीं लगते और गैरजरूरी मुद्दे में शाम गुजर जाती है।
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