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भाजपा जाट को जाट से लड़ाना चाहती है ----उपेंद्र चौधरी
कुंडू खास उत्तर प्रदेश के बाबा उपेंद्र चौधरी ने अपने आवास पर किसानों की एक बैठक को संबोधित करते हुए सौरव गांव में हुए भाजपा नेताओं व किसानों के बीच संघर्ष को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी जानबूझकर जाट को जाट से लड़ाना चाहती है ऐसे में सभी जाट भाइयों को खासकर कहना चाहूंगा कि सचेत रहें और किसी भी तरह के उनके उकसावे में ना आए क्योंकि यह आंदोलन जाट का नहीं पूरे किसान बिरादरी का है लेकिन भाजपा जानबूझकर इसको जाट आंदोलन बनाकर जाट को जाट से लड़ाना चाहती है यही उसकी असली रणनीति है हमको इसको किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने देना क्योंकि आपको याद होगा कि 2013 के दंगे में जाट बना मुसलमान बना दिया हरियाणा में जाट आरक्षण के दौरान जाट बनाम 35 को बढ़ा दिया अब 2021 में जाट से जाट को लड़ाने की तैयारी है क्योंकि इससे पूर्व भी यह जाट बनाम गुर्जर करने का प्रयास कर चुके हैं जो कि गुर्जर समाज के सामाजिक लोगों ने कामयाब नहीं होने दी आप हमें भी इसी तरीके से जाट से जाट को नहीं लड़ने देना है आपको बताना चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश हो या हरियाणा राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के बावजूद क्यों नहीं 2013 के दंगे व जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच सीबीआई से नहीं करा पाई इससे साफ प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं इसमें बीजेपी के नेताओं की भागीदारी रही है अन्यथा सीबीआई जांच कराने में क्या आपत्ति होती यादों में इतना सब कुछ जानते हैं और फिर भी भाई से भाई लड़ जाए तो वाकई हमारे लिए डूब मरने की बात होगी अब अपना पूरा ध्यान किसान आंदोलन को सफल बनाने में लगाना है ऐसे में हम अपील करते हैं कि सभी किसान भाई संयम बरतें और भाजपा नेताओं के साथ बहस बाजी से बचें क्योंकि हमें किसी भी कीमत पर इनको इनकी चाल में कामयाब नहीं होने देना है यदि यह अपनी चाल में कामयाब हो गए तो हमारा आंदोलन टूटेगा और यदि यह इस बार भी विफल हो गए तो निश्चित रूप से हमारा आंदोलन कामयाब होगा क्योंकि यह आंदोलन जाट का नहीं किसान बिरादरी के साथ-साथ असल नकल और फसल का आंदोलन है सही मायने में माने तो यह किसान का आखिरी आंदोलन है जीते तो कभी आंदोलन की आवश्यकता नहीं होगी और दुर्भाग्य से यदि हार गए तो कभी आंदोलन करने की हिम्मत भी नहीं उठा पाएंगे किसान तो इसलिए हम सबको मिलकर एक प्रयास करना होगा कि किसी भी कीमत पर जाट से जाट की लड़ाई ना हो या यूं कहिए कि किसान और भाजपा के कार्यकर्ताओं की लड़ाई को किसी भी कीमत पर रोका जाएगा तभी तीन काले कानूनों कृषि कानूनों पर जीत हासिल होगी और आने वाली नस्लों की पेट भरने की निश्चित रूप से गारंटी बनेगी अन्यथा अंक इस लड़ाई में गरीब के पेट की लड़ाई में रोटी की लड़ाई में यह पूंजीपति जीत जाएंगे हम सबको मिलकर किसी भी कीमत पर इन पूंजी पतियों को हराना है गरीब और मजदूर किसानों की इस लड़ाई को निश्चित रूप से हमें कामयाब बनाना है इसी आवान के साथ साथ सभी बैठक में मौजूद किसानों से संयम बरतने का आह्वान भी किया बैठक में अनेकों किसान मौजूद रहे
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