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सड़कों पर किले गढ़वा कर पुलिस के हाथों में स्टील की रोड देकर सीसी से रोड को पूर्णता बंद करवा कर कटीले तार लगाकर किसानों को उकसाना बंद करें केंद्र सरकार- उपेंद्र चौधरी


कुंडू खाप उत्तर प्रदेश के   बाबा उपेंद्र चौधरी ने  कहां की केंद्र सरकार पुलिस के हाथों में स्टील के रोड देकर सड़कों पर पक्के सीसी के ऊंचे  ऊंचे  बैरी  गेट बनवाकर सड़कों में किले  फिक्स कराकर और कटीले तार लगाकर मैं अपने नेताओं से गलत बात बयानबाजी कराकर किसानों को उकसाना बंद करें अन्यथा एक बार फिर असामाजिक तत्व उठा सकते हैं इसका फायदा जिन धरना  स्थलों पर में खासकर गाजीपुर बॉर्डर के बाद करना चाहूंगा  जहां धरना शुरुआत से लेकर आज तक एंबुलेंस के लिए विशेष रास्ते का प्रबंध किया गया था  सरकार द्वारा उस रास्ते को भी बंद कर दिया था आज जिस रास्ते से ना जाने कितनी जिंदगी रोज बस्ती थी अब उनको अलग राष्ट्र से घूम कर जाना पड़ेगा जिससे ना जाने कितने ऐसे मरीजों को जो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ेगा और इस सब का जिम्मेदार  दिल्ली पुलिस प्रशासन  मैं केंद्र सरकार होगी केंद्र सरकार की मंशा केवल इतनी है कि आप जनता के बीच में  किसानों को बदनाम किया जाए  मैं आज सिर्फ किस केंद्र सरकार को चुना कहना चाहता हूं कि किसानों को उकसाना बंद करें  और तीन काले कानूनों को वापसी लेने के साथ-साथ एमएसपी खरीद की गारंटी एवं संपूर्ण खरीदारी पर कानून बनाकर अतिशय इस आंदोलन को खत्म कराने का कष्ट करें अन्यथा एक बार फिर असामाजिक तत्व किसान आंदोलन की हड़ताल में अपने मंसूबों को कर सकते हैं कामयाब क्योंकि आपके द्वारा दिल्ली पुलिस के हाथ में दी गई स्टील की रोड कोई शांति की मशाल नहीं  किसान क्रांति में एक चिंगारी का काम कर सकती है इस चिंगारी को दबाए रखने के लिए केवल एक ही समाधान है तीन कानून वापसी  फिर यह आपके द्वारा सड़कों पर लगाए गए किले आग में घी का काम करने का काम कर रहे हैं तो इनकी लोगों से छुड़वाया जाए और जिस तरह चल रही थी तब तक चलने दें यदि आप चीन कानून वापसी नहीं ले सकते  कम से कम किसानों को उकसाने का काम न करे किसान जिस तरह शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं उनको अपना करना दे  इस तरह बीच-बीच में  शक्ति की बात कर दिखावा कर उनको उकसाने का काम सरकार कर रही है यह किसी भी हालत में  उचित नहीं है बाद की बात करना चाहूंगा एक खाप चौधरी होने के नाते आज मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि बड़ा दिल दिखाते हुए किसानों की असल और नस्ल की इस लड़ाई को मद्देनजर ध्यान में रखते हुए देश का प्रधानमंत्री आगे

आए और तीनों काले कानूनों को वापिस ले और एमएसपी खरीद पर कानून बनाएं ताकि किसानों की आने वाली नस्लें भी पेट भर खाना खा सके और इतना ही नहीं देश की हर प्रत्येक नागरिक को खाना मिल सके अन्यथा  आपकी  इस  वर्तमान कार्यप्रणाली के चलते वह दिन दूर नहीं जिसे आज सब अन्नदाता कहते हैं और अन्नदाता स्वामी सहजानंद सरस्वती ने कहा था अन्नदाता भगवान से कम नहीं होता इसलिए मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं कि अन्नदाता से खिलवाड़ बंद करें अन्नदाता की हाय एक दिन बीजेपी को जरूर ले डूबेगी इतना ही नहीं कुछ ए समय तक 26 जनवरी की तरह एक बार फिर आप किस दमनकारी नीति के चलते जिसमें आपने सड़कों पर नौटंकी की है उस का नाजायज फायदा उठा सकते हैं या फिर किसानों का उतारने का काम भी कर सकते हैं यदि ऐसा होता है तो इस सब की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी कभी उनके विधायक अनाप-शनाप बोलते हैं अपने गुंडों के साथ धरने पर बैठे सीधे-साधे बुजुर्ग बच्चे और महिला किसानों को पीटने का काम करते हैं तो कभी टीवी चैनल पर बैठे उनके प्रवक्ता अब शब्दों का इस्तेमाल करते हैं यह सब आंदोलन को शांत करने की दिशा में नहीं उकसाने की तरफ आग में घी का काम कर रहा है इसलिए मैं बताना चाहता हूं कि

सरकार को इस तरह की सभी अपनी मानसिकता को बगल रखा गया है किसानों से वार्ता करें और तीनों कानून काले कानूनों को वापिस ले आज बैठक में उपस्थित सभी किसान भाइयों से अनुरोध किया गया कि जहां जहां भी जिस बॉर्डर पर जिस एरिया में किसानों की आवश्यकता हो कोई रैलियों धरना प्रदर्शन हो और संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अधिक से अधिक संख्या में उसने का काम करें क्योंकि वर्तमान सरकार ऐसा लगता है किसान मजदूर कि नहीं भारतीय कि नहीं गोरे अंग्रेजों के बजाय अब काले अंग्रेजों की सरकार है अंग्रेजों की सरकार को उखाड़ने के लिए हम एक लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थी आमीन काले अंग्रेजों की सरकार या यूं कहिए कि अदानी अंबानी की सरकार को झुकाने के लिए उखाड़ फेंकने के लिए एक लंबे संघर्ष की और बढ़ रहे हैं जिसको जीतने के लिए हमें हर संभव प्रयास करने पड़ेंगे एकजुटता बनाए रखने की आवश्यकता पड़ेगी इसलिए सरकार के प्रत्येक मंसूबे जो आपस में फूट डालने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे हैं उन को नाकाम करते हुए हम सबको यह आंदोलन जीत नहीं होगा क्योंकि आंदोलन आंदोलन नहीं है यह जन जन का आंदोलन है यह असल नस्ल का आंदोलन है आने वाले भविष्य का आंदोलन है

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